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कार्यालय डी-नोटिफाई करना गैरकानूनी, प्रदेश में फैल रही अनारकी, ये कैसा व्यवस्था परिवर्तन- प्रदेश हित के बजाय, सरकार अपनों को टिकाने में जुटी- जयराम

एप्पल न्यूज़, शिमला

पूर्व मुख्यमंत्री नेता विपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि हमने 5 साल में कोई भी कार्य नहीं किया। जो पहले दिन कहा था अन्तिम दिन तक उस पर अक्षरशः पालन किया। जबकि कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आते ही आनन फानन में फैसले लेने शुरू किए और बदले की भावना से डीनोटिफाई करने का काम किया।
किसी भी सरकार को 5 साल का कार्यकाल होता है। 5 साल में जो भी जनहित में निर्णय लिए थे उन्हें डीनोटिफाई करना गैर कानूनी है। 5 साल के क्रम को साढे 4 साल नहीं किया जा सकता। प्रक्रिया को अपनाकर रिव्यू किया जा सकता था लेकिन सब बंद करना बिल्कुल गलत है।


सरकार बनने के साथ ही सीमेंट प्लांट बंद हो गए। समस्या का समाधान करना चाहिए था बंद नहीं। हजारों लोग सड़क पर आ गए लेकिन समाधान नहीं, इंडस्ट्री बंद हो गई।
यही नहीं विक्रमादित्य सिंह के क्षेत्र से SDM कार्यालय में भी ताला लगा दिया। तहसीलें और PHC भी बंद कर दी जिससे अनारकी फैल गई।
एक सप्ताह की सरकार में ही लोग सड़कों पर आ गए।
मंत्रिमंडल का विस्तार मुख्यमंत्री ने राहु काल मे रोका था और सुबह राहु काल में ही शपथ करवा दिया। लेकिन इसमें क्षेत्रीय और जातीय असंतुलन है। मंडी तो माना कांगड़ा ने तो 10 सीटें दी थी। सिर्फ एक मंत्री मिला। बावजूद जो विधायक नहीं अन्य को कैबिनेट रैंक दिया गया है।
हिमाचल में एक साथ एक मुश्त 6 CPS बना दिए गए। इसकी क्या जरूरत पड़ गईं, इतना अविश्वास क्यों। कहीं छोड़ न जाये, भाग न जाए। ये कैसा व्यवस्था परिवर्तन। 6 CPS पर कितना खर्चा होगा क्योंकि ये मंत्री के बराबर होंगे।
2013 में भी 9 CPS/ PS बनाए थे। आसाम सरकार के बनाए एक्ट को गुवाहाटी हाईकोर्ट ने पूछा था कि क्या विधानसभा को इसे बनाने का अधिकार है, तो जवाब न में मिला। फिर सुप्रीम कोर्ट ने आर्टिकल 164-1A में कहा कि ये बेसिक स्पिरिट के खिलाफ है। जिसके बाद इसे स्ट्राईक डाउन किया था।
वहीं मणिपुर सरकार भी सुप्रीम कोर्ट गई थी और यथावत स्थिति बनाने का आग्रह किया तो उसे भी स्वीकार नहीं किया गया था। दिल्ली सरकार ने भी 21 CPS बनाए थे जिसे हाईकोर्ट ने हटा दिया था। बावजूद हिमाचल सरकार ने बड़ी हिम्मत फिर से CPS बना दिया।
जयराम ने कहा कि उनकी सरकार में भी यह मामला आया था लेकिन हमने इसे आगे नहीं बढ़ाया। वर्तमान सरकार को प्रदेश हित में काम करना नहीं है सिर्फ सरकार टिकाने का काम कर रहे हैं।
क्या CM के बराबर एक उप मुख्यमंत्री जो खुद को CM से कम नहीं मानते। उन्होंने कहा कि इस सरकार की स्थिति हास्यास्पद बन गई है।
उप मुख्यमंत्री का एक पत्र वायरल है जिसमें उन्होंने अपने मुख्यमंत्री पर सवाल उठाए थे और 3 विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल करने की मांग की थी। ये स्थिति एक माह की सरकार की है।
अब जनता पर बोझ डालते हुए डीजल पर 3 रुपये वैट बढ़ा दिया। पूर्व सरकार ने वैट घटाकर जनता को राहत दी थी। सरकार खर्च बढ़ रही है और जनता पर बोझ डाला जीवन कठिन बना रही है। इससे सारी चीजों पर महंगाई बढ़ जाएगी। इसे मुख्यमंत्री समझे।
जयराम ठाकुर ने कहा कि हम नहीं चाहते थे अभी बोलें और ऐसा माहौल बने। हमें विपक्ष की भूमिका निभाते हुए जनता के बीच सरकार की जनविरोधी नीतियों का विरोध करेंगे। भाजपा ने तय किया है कि विरोध कर जनता के समक्ष अपना पक्ष रखेंगे।

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