बागवानी बोर्ड और फलों के दाम निर्धारण कमेटी में बागवानों के प्रतिनिधि को किया जाए शामिल
एप्पल न्यूज़, शिमला
सरकार द्वारा कर्मचारियों के लिए ओपीएस बहाली के बाद अब प्रदेश के किसान_बागवानो ने सरकार को चुनावी वायदों को याद करवाना शुरू कर दिया है। संयुक्त किसान मंच के सहयोगी संगठनों के प्रतिनिधियों ने आज शिमला में बैठक की और सरकार को लंबे समय से चली आ रही बागवानों की मांगों को शीघ्र पूरा करने की मांग की है।
बागवानों ने एपीएमसी एक्ट को लागू करने, बागवानी बोर्ड के गठन, फलों के दामों को तय करने के लिए जल्द कमेटी बनाने की कांग्रेस सरकार से मांग की है।
बागवानों का कहना है कि प्रदेश में 2005 में एपीएमसी एक्ट बना हुआ है लेकिन इसे आज तक लागू नहीं किया गया है। कांग्रेस सरकार को इसे शीघ्र लागू करना चाहिए। इसके लागू होने से सेब किलो के हिसाब से बिकेगा और महंगे कार्टन की समस्या का समाधान अपने आप हो जायेगा।
बागवानी बोर्ड का गठन कर उसमे किसान बागवानों के प्रतिनिधियों को ज्यादा शामिल किया जाना चाहिए। कांग्रेस ने सत्ता में आने से पहले गारंटी दी थी कि किसान बागवान अपने फलों के रेट स्वयं निर्धारित करेंगे। रेट निर्धारण कमेटी में बागवानो को शामिल किया जाना चाहिए।
बागवानों को दिए जाने वाले खाद, कीटनाशकों की गुणवता को भी समय समय पर चैक किया जाना चाहिए। एपीएमसी और हिमफैड से मिलने वाली कीटनाशक व खाद का मूल्य बाजार से ज्यादा होता है।
सरकार को इस पर लगाम लगाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हॉर्टिकल्चर को टूरिज्म के साथ जोड़ने की जरूरत है। इसकी शुरुआत होनी चाहिए जिससे प्रदेश की आर्थिकी भी मजबूत होगी।