एप्पल न्यूज़, शिमला
कांग्रेस प्रदेश सचिव सुशांत कपरेट ने प्रदेश की जयराम सरकार से कोरोना संकट की घड़ी में किसानों की केसीसी लिमिट माफ करने के साथ ही आम लोगो के सरकार द्वारा तीन महीने तक लोन की किश्ते न चुकाने पर ब्याज न लगने की मांग की है। और इसकी भरपाई सरकार कोविड फंड से करें।
उन्होंने कहा कि पहले ही बागवान ओर किसानों की कमर ओलावृष्टि ने तोड़ दी है वही इस बार कोरोना संक्रमण के चलते सब्जियों के किसानो को उनकी लागत से भी कम दाम मिल रहे है। इसके साथ इस बार बागवानों को कार्टन ओर मजूदरो कि समस्या से भी जूझना पड़ेगा। कोरोना कर्फ्यू के चलते नेपाल से इस बार मजदूर नही आ पाएंगे और बाहरी राज्यो के मजूदर भी यहां से पलायन कर चुके है। ऐसे में सरकार को किसान बागवानों को राहत देनी चाहिए क्योंकि किसानों को फसलों के अच्छे दाम नही मिल रहे है ओर वे बैंक की क़िस्त नहीं चुका पा रहे है।
कपरेट ने कहा प्रदेश और केंद्र की बीजेपी सरकार आम जनता ल हितों के साथ खिलवाड़ कर रही है। कोरोना के इस संकट की घड़ी में अंतरराष्ट्रीय तेल बाजार में तेज की कीमत सस्ती हुई । बावजूद इसके जो तेल हमे 20 ओर 25 रुपए के भाव मे मिलना चाहिए था वे आज भी 62 ओर 73 रुपए मिल रहा है वही प्रदेश सरकार कोविड सेस भी लगाने जा रही है।
डीजल की कीमतें कम होने से रोजमर्रा की सभी चीजों की कीमतों में कमी आएगी लेकिन सरकार द्वारा ये कदम विपरीत दिशा में उठाया गया। जिससे आने वाले समय में आम लोगो के साथ बागवानी पर भी इसका असर पड़ेगा। पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ने से ट्रांसपोर्टेशन की कीमतों में वृद्धि होगी। जिसका खामयाजा बागवानों ओर किसानों को भुगतना पड़ेगा।
सुशांत कपरेट ने कोरोना वॉरियर्स की वेतन में कटौती के फैसले को भी गलत करार दिया और कहा कि इस संकट की घड़ी में कोरोना से लड़ रहे योद्धाओं का मनोबल बढ़ाने के बजाय उनके वेतन में कटौती कर उनके मनोबल को कम करने का सरकार प्रयास कर रही है। इसके अलावा लोकतंत्र के चौथे स्तम्ब पत्रकारों को भी सरकार कोरोना वॉरियर मानते हुए उनके लिए भी बीमा राशि का प्रबधान करना चाहिए।