एप्पल न्यूज़, शिमला
प्रदेश में प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन की समीक्षा के लिए आज यहां हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष संजय गुप्ता की अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन किया गया।
बैठक में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा अधिसूचित प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन (संशोधन) नियम, 2022 के प्रावधानों पर व्यापक चर्चा की गई। इन संशोधनों का मुख्य उद्देश्य प्लास्टिक पैकेजिंग अपशिष्ट का समुचित प्रबंधन करना है जो कि हाल ही के वर्षों से पर्यावरण के लिए गंभीर खतरा बना हुआ है।
बैठक में अवगत करवाया गया कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा प्लास्टिक उत्पादकों, आयातकों और ब्रांड मालिकों तथा अपशिष्ट संसाधकों के लिए विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व (ईपीआर) पोर्टल विकसित किया गया है।
इन सभी को इस पोर्टल पर पंजीकरण करवाना आवश्यक है। पंजीकरण के दौरान प्लास्टिक उत्पादों की मात्रा, आयात अथवा बेचे गए उत्पादों का ब्यौरा तथा इसके प्रबंधन के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी देनी होगी।
प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन के लिए आधारभूत ढांचा उपलब्ध करवाने के अतिरिक्त इन अपशिष्टों के एकत्रीकरण, पृथक्करण, पुनश्चक्रण, पुनः उपयोग और निस्तारण का लक्ष्य भी इन्हें प्राप्त करना होगा।
प्लास्टिक अपशिष्ट संसाधकों को प्रत्येक वित्त वर्ष में 30 अप्रैल तक श्रेणीवार इस बारे में अपना वार्षिक विवरण प्रस्तुत करना होगा।
उत्पादकों, आयातकों और ब्रांड मालिकों को प्लास्टिक पैकेजिंग अपशिष्ट एकत्रीकरण और इसके संसाधन के बारे में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अथवा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड या प्रदूषण नियंत्रण समिति के समक्ष प्रत्येक वित्तीय वर्ष में 30 जून तक निर्धारित प्रपत्र पर वार्षिक विवरण देना होगा।
ईपीआर लक्ष्यों का प्रयोजन प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन में उत्पादकों, आयातकों और ब्रांड मालिकों की और सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करना है।
बैठक में बताया गया कि प्रदेश में प्लास्टिक उत्पादकों, आयातकों और ब्रांड मालिकों व पुनश्चक्रकों को मिलाकर लगभग 800 प्लास्टिक अपशिष्ट पैकेजिंग इकाइयां क्रियाशील हैं और इनमें से अभी केवल 84 इकाइयों ने ही ईपीआर पोर्टल पर पंजीकरण के लिए आवेदन किया है।
राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष ने सभी क्षेत्रीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि शेष इकाइयों को भी निर्धारित मानकों के अनुसार ईपीआर पोर्टल पर पंजीकृत करना सुनिश्चित करवाएं।
इसके लिए सभी इकाइयों को गत चार फरवरी को ही आवश्यक निर्देश जारी किए जा चुके हैं।
उत्पादकों, आयातकों और ब्रांड मालिकों को प्लास्टिक पैकेजिंग अपशिष्टों के एकत्रीकरण, पृथक्करण और संसाधकों तक इन अपशिष्टों के परिवहन तथा प्लास्टिक अपशिष्टों के निस्तारण और क्रय के लिए अनुबंध इत्यादि की भी जानकारी देनी होगी। यदि यह अपशिष्ट राज्य से बाहर संसाधकों को भेजे जाते हैं, तो एकत्रीकरण ढांचे और परिवहन का ब्यौरा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को देना होगा।