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सुक्खू सरकार का 53,413 करोड़ का टैक्स फ्री बजट, 2.31 लाख महिलाओं को 1500 रुपए देने की घोषणा, बजट में 13 नई स्कीमें की घोषित, जन प्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाया

बजट में ग्रीन एनर्जी हिमाचल और हैल्थ सेक्टर पर फोकस 

शराब की बोतल पर 10 रुपए मिल्क सेस लगाने का ऐलान 

एप्पल न्यूज़, शिमला

हिमाचल प्रदेश का वर्ष 2023-24 का बजट 53413 करोड़ रुपए का होगा। बजट 4704 करोड़ रुपए के राजस्व घाटे का है। जबकि राजकोषीय घाटा 9900 करोड़ रुपए का अनुमानित है, जो प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद का 4.6 फीसदी है।

वर्ष 2023-24 के दौरान प्रदेश के 37999 करोड़ रुपए की आमदनी होगी, जबकि कुल खर्च 42704 करोड़ रुपए का होगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को विधानसभा में अपना पहला बजट पेश करते हुए इसे ग्रीम हिमाचल और हेल्थ सेक्टर पर फोकस बजट करार दिया। 

सुक्खू ने बजट पेश करते हुए प्रदेश की 2.31 लाख महिलाओं के लिए 1500 रुपए मासिक भत्ते की घोषणा की। उन्होंने कहा कि सरकार ओपीएस पहले ही लागू कर चुकी है, जबकि राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल की गारंटी को पूरा करने के लिए भी सरकार ने काम आरंभ कर दिया है।

ऐसे में सरकार ने अपनी तीन गारंटियां पूरी कर दी हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश की सभी महिलाओं को पांच चरणों में 1500 रुपए मासिक भत्ता दिया जाएगा। 

मुख्यमंत्री ने आगामी वित्त वर्ष के दौरान राज्य के 30 हजार बेरोजगारों को सरकारी सेक्टर में रोजगार देने की घोषणा की। इनमें से अकेले 5 हजार पद जल शक्ति विभाग में भरे जाएंगे। शेष 25 हजार पद स्वास्थ्य, तकनीकी शिक्षा, शिक्षा, पुलिस, राजस्व, पशुपालन, पंचायती राज, बिजली बोर्ड, विभिन्न विभागों में जेओए-आईटी के पदों के रूप में भरे जाएंगे। 

मुख्यमंत्री ने 31 मार्च 2026 तक हिमाचल प्रदेश के ग्रीन एनर्जी स्टेट के रूप में विकसित करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि वर्ष 2023-24 में प्रदेश में 500 मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित की जाएंगी।

उन्होंने प्रदेश के युवाओं को उनकी अपनी अथवा लीज पर ली गई भूमि पर 250 किलोवाट से दो मेगावाट तक की सौर ऊर्जा स्थापित करने के लिए 40 फीसदी अनुदान देने की घोषणा की। उन्होंने प्रदेश को मॉडल स्टेट फॉर इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के रूप में विकसित करने की घोषणा की। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि निजी व सरकारी क्षेत्र के सहयोग से चरणबद्ध तरीके से इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन दिया जाएगा। पहले चरण में छह राष्ट्रीय व राज्य उच्च मार्गों का इलेक्ट्रिक वाहनों के माध्यम से ग्रीन कॉरिडोर के रूप में विकास किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने निजी बस ऑपरेटरों को ई-बस तथा निजी ट्रक आपरेटरों को ई-ट्रक की खरीद के लिए 50 फीसदी की दर से अधिकतम 50 लाख रुपए तक का उपदान देने की घोषणा की। इसी तरह प्राइवेट ऑपरेटर्स को चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए 50 फीसदी का उपदान दिया जाएगा। 

मुख्यमंत्री ने राज्य पथ परिवहन निगम की 1500 डीजल बसों को ई-बसों में चरणबद्ध ढंग से बदलने के लिए एक हजार करोड़ रुपए देने की घोषणा की। उन्होंने 20 हजार मेधावी छात्राओं को इलेक्ट्रिक स्कूटी पर 25-25 हजार रुपए का उपदान देने की भी घोषणा की।

उन्होंने कहा कि हिमाचल को अग्रणी ग्रीन हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था बनाने के लिए ग्रीन हाइड्रोजन नीति बनाए जाएगी। उन्होंने हर जिले की दो-दो पंचायतों को पायलट आधार पर ग्रीन पंचायतों में विकसित करने की घोषणा की। 

मुख्यमंत्री सुक्खू ने विश्व बैंक की सहायता से दो हजार करोड़ रुपए की लागत से हिमाचल प्रदेश पावर सेक्टर डेवलपमेंट प्रोग्राम आरंभ करने का भी ऐलान किया और कहा कि ऊर्जा के क्रय-विक्रय के लिए दक्ष प्रबंधन के लिए केंद्रीयकृत सेल स्थापित किया जाएगा।

उन्होंने मंडी के बल्ह में प्रस्तावित ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट और कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तार के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया आरंभ करने, जिला मुख्यालयों में हेलीपोर्ट का निर्माण करने, संजौली और बद्दी से हेलीटैक्सी का संचालन शीघ्र शुरू करने, कांगड़ा जिला को हिमाचल के टूरिज्म कैपिटल के रूप में विकसित करने, पौंगडैम में वाटर स्पोर्ट्स, शिकारा, क्रूज, योट की सुविधा आरंभ करने और बनखंडी में 300 करोड़ रुपए की लागत से चिड़ियाघर का निर्माण करने की घोषणा की। 

मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी मेडिकल कालेजों में चरणबद्ध ढंग से रोबोटिक सर्जरी शुरू करने, सभी मेडिकल कालेजों में आपातकालीन विभाग को इमरजेंसी डिपार्टमेंट के रूप में विकसित करने, प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक स्वास्थ्य संस्थान आदर्श स्वास्थ्य संस्थान के रूप में विकसित करने, हमीरपुर मेडिकल कालेज में कैंसर केयर के लिए सेंटर आफ एक्सीलेंस व न्यूकलियर मेडिसिन विभाग स्थापित करने, सभी मेडिकल कालेजों में पैट स्कैन सुविधा आरंभ करने और हमीरपुर, नाहन व चंबा मेडिकल कालेजों में 100 करोड़ रुपए की लागत से अधूरे निर्माण कार्यों को पूरा करने की घोषणा की। 

मुख्यमंत्री ने प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल खोलने, कालेजों में वर्ष में दो बार रोजगार मेले लगाने, प्रत्येक सीनियर सेकेंडरी स्कूल में लाइब्रेरी स्थापित करने, 10 हजार मेधावी विद्यार्थियों को टैबलेट देने, 762 स्कूलों में आईसीटी योजना के तहत डिजिटल हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर, 17510 प्राइमरी रेगुलर अध्यापकों के लिए टेबलेट, 40 हजार बच्चों के लिए डेस्क की व्यवस्था करने की भी घोषणा की। उन्होंने खेल छात्रावासों में रह रहे खिलाड़ियों की डाइट मनी बढ़ाकर 240 रुपए करने की भी घोषणा की। 

मुख्यमंत्री ने सुंदरनगर और ज्वालामुखी में आदर्श ग्राम सुख-आश्रय परिसर स्थापित करने, अनाथ बच्चों को वर्ष में एक बार हवाई जहाज से राज्य के बाहर शैक्षणिक भ्रमण पर ले जाने, प्रदेश के युवाओं को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री रोजगार संकल्प सेवा आरंभ करने, विधवाओं व दिव्यांगजनों को पेंशन पाने के लिए आय सीमा समाप्त करने, 7 हजार विधवाओं व एकल नारियों को घर बनाने के लिए मुख्यमंत्री विधवा व एकल नारी आवास योजना शुरू करने, गरीब बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए मुख्यमंत्री विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना के तहत एक फीसदी ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध करवाने, मुख्यमंत्री सुरक्षित बचपन अभियान और नशा एवं मादक पदार्थ मुक्त हिमाचल अभियान आरंभ करने की भी घोषणा की। मुख्यमंत्री ने बेटियों को संपत्ति में अलग इकाई बनाने के लिए हिमाचल प्रदेश लेंड सीलिंग एक्ट में संशोधन करने की घोषणा की। 

सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कृषि के समज्ञ विकास के लिए हिम उन्नति योजना आरंभ करने, मछली पालन के क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए दो फीसदी की दर से ऋण उपलब्ध करवाने, दुग्ध उत्पादन को बढ़ाने के लिए हिम गंगा योजना आरंभ करने और मछली तालाबों के निर्माण के लिए 80 फीसदी उपदान देने की भी घोषणा की। 

मुख्यमंत्री ने प्रदेश की नई औद्योगिक नीति लाने और निवेशकों की सुविधा के लिए ब्यूरो आफ इनवेस्टमेंट प्रोमोशन स्थापित करने, 20 हजार करोड़ रुपए के निजि निवेश के साथ 90 हजार प्रत्यक्ष व परोक्ष रोजगार के अवसर प्रदान करने, 500 चिन्हित रूटों पर युवाओं को ई-वाहन चलाने के लिए परमिट देने, हमीरपुर में 10 करोड़ की लागत से बस पोर्ट का निर्माण करने, शिमला में पायलट आधार पर मल्टी यूटीलिटी डक्ट का निर्माण करने, मुख्यमंत्री सड़क एवं रखरखाव योजना आरंभ करने, छोटे दुकानदारों, दर्जी, नाई, चायवाला और रेहड़ी-फड़ी वालों के लिए मुख्यमंत्री लघु दुकानदार कल्याण योजना आरंभ करने की भी घोषणा की। 

विधायक क्षेत्र विकास निधि और एच्छिक निधि बढ़ी 

मुख्यमंत्री ने विधायक क्षेत्र विकास निधि की राशि दो करोड़ रुपए से बढ़ाकर 2.10 करोड़ रुपए करने और विधायक एच्छिक निधि को 12 लाख से बढ़ाकर 13 लाख रुपए करने की घोषणा की।

उन्होंने हिमाचल की संस्कृति और कला के प्रचार व प्रसार के लिए देश के विभिन्न शहरों में हिमाचल उत्सव का आयोजन करने, जीएसटी मुआवजे के घाटे को कम करने के लिए जीएसटी रेवेन्यू एन्हांसमेंट प्रोजेक्ट शुरू करने और शराब पर प्रति बोटल 10 रुपए मिल्क सेस लगाने की घोषणा भी की। 

कहां कितना खर्च होगा पैसा 

बजट दस्तावेजों के मुताबिक प्रति सौ रुपए में से वेतन पर 26 रुपए खर्च होंगे। वहीं, पेंशन पर 16 रुपए, ब्याज की अदायगी पर 10 रुपए, ऋण अदायगी पर 10 रुपए, स्वायत्त संस्थानों के लिए ग्रांट पर 9 रुपए और बाकी बचे 29 रुपए पूंजीगत कार्यों सहित अन्य गतिविधियों पर खर्च किए जाएंगे। 

मुख्यमंत्री के बजट भाषण के दौरान सदन के भीतर तीन बार बिजली गुल हो गई। इस कारण बिना साउंड सिस्टम के ही उन्हें अपना बजट भाषण जारी रखना पड़ा। जानकारी के मुताबिक बजट भाषण के दिन इस बड़ी चूक को लेकर बिजली बोर्ड के कई अधिकारियों की मुख्यमंत्री सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने खूब खिंचाई की। 

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू अपना ग्रीन बजट पेश करने के लिए अपने घर से विधानसभा इलेक्ट्रिक कार में पहुंचे। इस दौरान हलकी बारिश भी हो रही थी। मुख्यमंत्री ने अपने भाषण की शुरूआत भगवान श्रीकृष्ण के उपदेश ‘कर्म तुम्हारा कल होगा, कर्म कहां निष्फल होगा, हर संकट का हल होगा, आज नहीं तो कल होगा’ से की।

सुखविंदर सिंह सुक्खू के बजट भाषण में हालांकि शेर-ओ-शायरी नहीं थी, लेकिन वह अपने साथ अलग से शे’र लिखकर जरूर लाए थे, जिन्हें सुक्खू ने बजट भाषण के दौरान अलग-अलग समय पर पढ़ा।

मानदेय बढाया

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने बजट भाषण में पंचायती राज संस्थाओं और स्थानीय शहरी निकायों के निर्वाचित प्रतिनिधियों के मानदेय में बढ़ोतरी का ऐलान किया है।

उन्होंने कहा कि जिला परिषद अध्यक्ष का मानदेय 5 हजार रुपए बढ़ाकर 20 हजार रुपए किया गया है। जिला परिषद उपाध्यक्ष के मानदेय में 5 हजार की बढ़ोतरी कर इसे 15 हजार रुपए किया गया है।

वहीं, जिला परिषद सदस्य के मानदेय में 500 रुपए की बढ़ोतरी की है और अब उन्हें 6500 रुपए मिलेंगे। इसी प्रकार पंचायत समिति अध्यक्ष को 500 रुपए की बढ़ोतरी के साथ 9500 रुपए, उपाध्यक्ष को 500 रुपए की बढ़ोतरी के साथ 7 हज़ार, सदस्य को 500 की बढ़ोतरी के साथ 6 हजार रुपए, पंचायत प्रधान को 500 रुपए की बढ़ोतरी के साथ 6 हजार, उप प्रधान को 500 की बढ़ोतरी के साथ 4 हजार और सदस्य को 200 रुपए की बढ़ोतरी के साथ 500 रुपए मिलेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नगर निगम महापौर के मानदेय को 5 हजार की बढ़ोतरी के साथ 20 हजार रुपए किया गया है। उप महापौर को 5 हजार की बढ़ोतरी के बाद 15 हजार रुपए, नगर निगम पार्षद को 500 की बढ़ोतरी के बाद 7 हजार रुपए मिलेंगे।

इसी तरह नगर परिषद अध्यक्ष को 500 रुपए की बढ़ोतरी के बाद 8500 रुपए, उपाध्यक्ष को 500 की बढ़ोतरी के बाद 7 हजार, पार्षद को 500 की बढ़ोतरी के बाद 3500 रुपए मिलेंगी। वहीं, नगर पंचायत प्रधान को 500 रुपए की बढ़ोतरी के बाद 7 हजार, उप प्रधान को 500 रुपए की बढ़ोतरी के साथ 5500 रुपए तथा सदस्य को 500 रुपए की बढ़ोतरी के बाद 3500 रुपए मिलेंगे।

मुख्यमंत्री ने बजट में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं समेत कई अन्य वर्गों के मानदेय में भी बढ़ोतरी की घोषणा की है। घोषणा के मुताबिक आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को अब 9500 रुपए, मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को 6600 रुपए, आंगनवाड़ी सहायिका को 5200 रुपए, आशा वर्कर को 5200 रुपए, मिड डे मील वर्कर्ज को 4 हजार, वाटर कैरियर को 4400 रुपए, जलरक्षक को 5 हजार, जलशक्ति विभाग के मल्टीपर्पज वर्कर्स को 4400 रुपए, पैरा फिटर तथा पंप आपरेटर को 6 हजार मिलेंगे।

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