एप्पल न्यूज़, सोलन
डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी ने देश में कृषि, औद्यानिकी विश्वविद्यालयों और संस्थानों की राष्ट्रीय रैंकिंग में पाँच स्थान का सुधार कर 17वां स्थान हासिल किया है।
विश्वविद्यालय ने भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एन॰आई॰आर॰एफ॰) 2023 रैंकिंग में 17वां स्थान हासिल किया है जो वर्ष 2022 के लिए आई॰सी॰ए॰आर॰ द्वारा जारी की गई कृषि विश्वविद्यालयों की रैंकिंग में 5 स्थानों का सुधार है।
विश्वविद्यालय ने एनआईआरएफ की कृषि और संबद्ध क्षेत्रों की नव निर्मित श्रेणी में यह स्थान हासिल किया है। इस वर्ष, 152 विश्वविद्यालयों और अनुसंधान संस्थानों और 3 केंद्रीय वित्त पोषित संस्थानों/विश्वविद्यालयों ने कृषि और संबद्ध श्रेणी में भाग लिया। इससे पहले पिछले कुछ सालों से कृषि विश्वविद्यालयों को एनआईआरएफ रैंकिंग में रैंक नहीं किया जा रहा था।
इसके अतिरिक्त, नौणी विश्वविद्यालय ने देश के विश्वविद्यालयों की 101-151 स्थानों वाली श्रेणी में भी स्थान हासिल करने में भी कामयाबी मिली है। समग्र श्रेणी में, जिसमें 2478 संस्थानों और 94 केंद्रीय वित्त पोषित संस्थानों/विश्वविद्यालयों ने भाग लिया में भी नौणी विवि को देश के 151-200 श्रेणी में जगह मिली है।
केंद्रीय शिक्षा और विदेश राज्य मंत्री डॉ. राजकुमार रंजन सिंह ने आज एनआईआरएफ रैंकिंग 2023 जारी की। एनआईआरएफ ने तेरह श्रेणियों के तहत भारत रैंकिंग 2023 जारी की। रैंकिंग में निम्नलिखित श्रेणियां शामिल हैं; समग्र, विश्वविद्यालय, कॉलेज, अनुसंधान संस्थान, इंजीनियरिंग, प्रबंधन, फार्मेसी, चिकित्सा, दंत चिकित्सा, कानून, वास्तुकला और योजना, कृषि और संबद्ध क्षेत्र और नवाचार। संस्थानों को टीचिंग, लर्निंग एंड रिसोर्सेज, रिसर्च एंड प्रोफेशनल प्रैक्टिस, ग्रेजुएशन आउटकम, आउटरीच एंड इंक्लूजिविटी एंड परसेप्शन जैसे मापदंडों पर आंका गया, जिनमें से प्रत्येक मापदंड में कई अन्य सबहेड्स।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजेश्वर सिंह चंदेल ने कहा कि विश्वविद्यालय के लिए रैंकिंग बहुत उत्साहजनक है क्योंकि हमने पिछले साल की आईसीएआर की कृषि संस्थानों की रैंकिंग में 22वें रैंक में पांच स्थान का सुधार किया और 17वां स्थान हासिल किया है। इसका श्रेय विश्वविद्यालय के शिक्षकों, कर्मचारियों और छात्रों को जाता है।
उन्होंने कहा कि पिछले एक साल में, विश्वविद्यालय ने अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से छात्रों और शिक्षकों को अंतरराष्ट्रीय सोच विकसित करने का प्रयास किया है। उद्योग और किसान उत्पादक संगठन के साथ भी सहयोग बढ़ाने की पहल की गई है।
शिक्षा, अनुसंधान और विस्तार में कई नई पहल की गई हैं जिनमें कई नए क्षेत्रों में शैक्षणिक कार्यक्रम और अनुसंधान कार्य शुरू करना शामिल है।
प्रो चंदेल ने कहा कि रैंकिंग रिपोर्ट का अध्ययन किया जाएगा ताकि उन मानदंडों पर और सुधार किया जा सके जहां विश्वविद्यालय अगले साल बेहतर प्रदर्शन कर सकता है।