एप्पल न्यूज़, शिमला
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी प्रवक्ता व ठियोग के विधायक कुलदीप राठौर ने चुनावी बांड को चंदा दो व धंधा लो की नीति बनाया। शनिवार को प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए राठौर ने कहा कि उसकी भाजपा का खजाना भरने के लिए पैसा जुटाने को था।
राठौर ने कहा कि सरकार की चुनावी बांड नीति से साफ हो गया है कि उसने उन्हीं कंपनियों और व्यक्तियों को काम दिया है जिन्होंने भाजपा को चुनावी बांड के मध्यम से चंदा दिया।
राठौर ने कहा कि इलेक्ट्रॉल बांड के जरिए कितना घालमेल हुआ है वह अब सबके सामने आ गया है। उन्होंने कहा कि एसअीआई को टालने का प्रयास करता रहा और जून तक का समय मांगा।
राठौर ने कहा कि न्यायपालिका ने बिना किसी दबाव के आदेश दिए हैं जिस पर अब अमल करना पड़ा। उन्होंने कहा कि इस फैंसले के बाद देश की जनता का न्याय पालिका पर विश्वास और बढ़ गया है।
उन्होंने कहा कि किसी भी लोकतंत्र में न्यायपालिका का स्वतंत्र होना बहुत जरूरी है। जब भी कार्यपालिका या विधानपालिका कोई ऐसा काम करती है जहां लोगों को लगता है कि अनावश्यक दबाव बनाने का प्रयास हो रहा है वहां आम जनों की उम्मीद न्यायपालिका से रहती है।
राठौर ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल किया। बड़ी बड़ी कंपनियों ने उद्योगपतियों ने इलेक्ट्रिक बांड खरीदे। इसमें वो कंपनियां भी शामिल है जिनकी कार्यप्रणाली पर संदेह है।
कई कंपनियां ऐसी है जिन पर ईडी ने छापेमारी की। उसके बाद उन्होंने इलेक्ट्रॉल बांड भरे थे। राठौर ने आरोप लगाते हुए कहा कि यह उगाही का प्रयास था।
बड़े बड़े शहरों में गैंगस्टर जिस तरह से हफ्ता वसूली करते हैं वही काम इन इलेक्ट्रॉल बांड के जरिए हुआ। उन्होंने कहा कि धन उगाही का उद्देश्य लोकसभा चुनाव को प्रभावित करना है।
लोकसभा चुनाव में धनबल का पूरा प्रयोग होगा। इतनी ज्यादा उगाही का इस्तेमाल निश्चित तौर पर लोकसभा चुनाव में होगा।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा सत्ता में वापसी की बात इसलिए कर रही है क्योंकि चुनावों को अप्रत्यक्ष रूप से हाईजैक करने का प्रयास सत्ता में बैठे लोग कर रहे है। उन्होंने कहा कि देश का संविधान व लाेकतंत्र खतरे में है।
सीएए ध्यान भटकाने के लिए लाया गया है। राठौर ने भाजपा नेताओं को खुली चुनौती देते हुए कहा कि जो भी मुद्दे उन्होंने उठाए हैं वह तथ्यों पर आधारित है, भाजपा का कोई भी नेता किसी भी मंच पर उनके साथ चर्चा कर सकता हे।