शिमला टाइम
भाजपा महामंत्री त्रिलोक जम्वाल ने कहा कि आज से 45 वर्ष पूर्व 25 जून, 1975 की आधी रात को देश में लगे आपातकाल के दिन को याद करके हर भारतीय का सिर शर्म से झुक जाता है। भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में यह दिन काले दिवस के रूप जाना जाता है। उन्होनें कहा कि आजाद भारत का यह सबसे विवादास्पद काल था। इसी दिन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कहने पर तत्कालीन राष्ट्रपति फखरूद्दीन अली अहमद ने देश में आपातकाल की घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि एक परिवार के सत्ता लोभ ने देश में आपातकाल लागू करवाया। आपातकाल में नागरिकों के मौलिक अधिकारों को समाप्त कर मनमानी की गई थी।
भाजपा महामंत्री ने कहा, भारत उन सभी महान व्यक्तियों को नमन करता है, जिन्होंने भीषण यातनाएं सहने के बाद भी आपातकाल का जमकर विरोध किया। ये हमारे सत्याग्रहियों का तप ही था, जिससे भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों ने एक अधिनायकवादी मानसिकता पर सफलतापूर्वक जीत प्राप्त की।
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए त्रिलोक जम्वाल ने कहा कि इस दिन 45 साल पहले सत्ता के लिए एक परिवार के लालच ने देश पर आपातकाल थोपा था। रातों रात राष्ट्र को जेल में तबदील कर दिया गया। प्रेस, अदालतें, भाषण सब खत्म हो गए। गरीबों और दलितों पर अत्याचार किए गए। लाखों लोगों के प्रयासों के कारण, आपातकाल हटा लिया गया था। भारत में लोकतंत्र बहाल हो गया था लेकिन यह कांग्रेस में अनुपस्थित रहा। एक परिवार के हित पार्टी के हितों और राष्ट्रीय हितों पर हावी थे। यह खेदजनक स्थिति आज की कांग्रेस में भी पनपती है।