एप्पल न्यूज़, शिमला
हिमाचल प्रदेश जल विद्युत उत्पादन पर जल उपकर विधेयक 2023 को पारित कर दिया गया है। हिमाचल प्रदेश में जलविद्युत परियोजनाओं पर वाटर सेस लगाने का रास्ता साफ हो गया है।
इस सम्बंध में उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने मंगलवार को सदन में हिमाचल प्रदेश जलविद्युत उत्पादन पर जल उपकर विधेयक 2023 सदन में पेश किया था जिसको आज पास कर दिया गया।
हालांकि विपक्ष ने विधेयक पर चर्चा के दौरान कहा की सेस लगाने से बिजली के दाम तो नही बढ़ जायेंगे। क्योंकि यहाँ पर उद्योग लगाने वाले बिजली के लालच में आते थे अब बिजली महंगी होने से उनका झुकाव कम हो जायेगा।
सरकार को कैबिनेट में लाने व अध्यादेश जारी करने की क्या जरूरत थी। विपक्ष के नेता ने सवाल उठाया कि इस अध्यादेश पर रात दो बजे हस्ताक्षर करने की क्या जरूरत थी।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने कहा की प्रदेश में राजस्व बढ़ाने के लिए सरकार इस तरह के जरूरी कदम उठा रही है। कांग्रेस सरकार व्यवस्था परिवर्तन करने के लिए आई है।
सरकार दिन रात मेहनत कर रही है। फ़िर रात को अध्यादेश पर हस्ताक्षर करने से क्या फर्क पड़ता है। सरकार की नियत साफ़ है।
उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने विधेयक पर कहा कि जलविद्युत उत्पादन पर उपकर लगने से हिमाचल को हर साल लगभग 4 हजार करोड़ रुपए की आय होगी।
उन्होंने कहा कि हिमाचल में इस समय 172 पनबिजली परियोजनाएं चल रही हैं। इन परियोजनाओं में 10991 मेगावाट बिजली हर साल पैदा हो रही है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के आय के साधन बहुत सीमित हैं। ऐसे में मौजूदा परिस्थितियों में नए संसाधन जुटाना बहुत जरूरी हो गया है।
उन्होंने कहा कि यह कानून उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में लगाए गए जल उपकर का विस्तृत अध्ययन करने के बाद लाया गया है।
इन दोनों ही राज्यों में कई लोग जल उपकर के खिलाफ अदालतों में गए, लेकिन अदालतों ने फैसला सरकार के पक्ष में सुनाया है। इसी के साथ विधेयक को ध्वनि मत पारित कर दिया गया।
प्रदेश में पहली बार हाइडल पावर प्रोजेक्ट्स से वाटर सेस 30 मीटर तक पानी उठाए जाने पर 0.10 पैसे प्रति क्यूबिक मीटर के हिसाब से सेस लगेगा। 30 से 60 मीटर की ऊंचाई तक पानी उठाने पर सेस की दर 0.25 पैसे प्रति क्यूबिक मीटर तय की गई है।
इसी तरह 60 से 90 मीटर तक पानी उठाए जाने पर 0.35 पैसे प्रति क्यूबिक मीटर और 90 मीटर से ऊपर पानी उठाए जाने पर 0.50 पैसे प्रति क्यूबिक मीटर की दर से सेस वसूला जाएगा।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज आर्थिक सर्वेक्षण की सदन में रखी। रिपोर्ट भी पिछले वित्तीय वर्ष यानी 2021-22 कि तुलना में चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान हिमाचल की वास्तविक जीडीपी स्थिर भावों पर 8143 करोड़ रुपये अधिक होगी।
राज्य की आय के प्रथम अग्रिम अनुमानों के अनुसार चालू वित्तीय वर्ष के दौरान वास्तविक जीडीपी में पिछले वर्ष के 7.6 प्रतिशत की तुलना में 6.4 प्रतिशत वृद्धि होगी। यानी पिछले वित्तीय वर्ष के मुकाबले इस बार वृद्धि दर कम है।
विपक्ष के वॉक आउट पर मुख्यमंत्री ने कहा ने कहा कि हिमाचल की विधान सभा के इतिहास में ये पहली बार हुआ की विपक्ष लोहे की जंजीर लेकर सदन में आया।
विपक्ष के पास कहने को कुछ नही है इसलिए विपक्ष इस तरह के हथकंडे अपना रहा है। विपक्ष यदि मुझसे मिलना चाहता है तो उनका स्वागत है। उनके चैंबर के बाहर सत्ता पक्ष ने किसी तरह की धक्का मुक्की नही है।