एप्पल न्यूज, शिमला
हिमाचल प्रदेश विधानसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गई है। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने मंगलवार को मॉनसून सत्र की समाप्ति के साथ ही विधानसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी।
इसके पहले पठानिया ने कहा कि 11 दिनों तक चले मानसून सत्र की कार्यवाही 53 घंटे तक चली। इस दौरान विधायकों ने कुल मिलाकर 729 प्रश्न पूछे, जिनकी सरकार ने सूचना दी।
कुलदीप पठानिया ने कहा कि सत्र के दौरान नियम 62 में 14 और नियम 63 में एक विषय पर चर्चा की गई। प्वाइंट ऑफ आर्डर में विधायकों ने कई संवेदनशील विषयों को रखा।
29 अगस्त और 5 सितंबर को गैर सरकारी सदस्य दिवस के दौरान विधायकों ने नियम 101 के तहत 8 गैर सरकारी सदस्य संकल्प पेश किए। नियम 102 के तहत 2, नियम 130 के तहत 5 विषयों पर चर्चा की गई।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि इस सत्र के दौरान 25 सरकारी बिल पास किए गए। 324 के तहत 12 विषय रखे गए और 45 प्रतिवेदन रखे गए। इस दौरान 20 शिक्षण संस्थानों के बच्चों ने विधानसभा की कार्यवाही देखी।
विधानसभा की कार्यवाही को देखने के लिए विधानसभा द्वारा 1080 पास जारी किए गए। विधानसभा अध्यक्ष ने विधानसभा के मॉनसून सत्र के सफल संचालन के लिए सभी के सहयोग के लिए उनका आभार भी जताया।
विपक्ष दिशाहीन, आईसीयू में चला गया – मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश विधानसभा भी व्यवस्था परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। उन्होंने कहा कि पहले सत्र दस दिन का सत्र था और फिर विधानसभा अध्यक्ष ने इस सत्र को एक दिन और बढ़ाकर इतिहास रच दिया।
मुख्यमंत्री ने विधानसभा की कार्यवाही के सफल संचालन के लिए विधानसभा अध्यक्ष को बधाई दी और कहा कि सत्र के दौरान उन्होंने विपक्ष को अपनी बात रखने का पूरा समय दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष पूरी तरह से दिशाहीन हो गया है और वह आईसीयू में चला गया है। उन्होंने कहा कि वॉकआउट करने के बाद सत्र की समाप्ति पर उन्हें सदन में आना चाहिए था।
उन्होंने कहा कि विपक्ष वित्तीय कुप्रबंधन पर चर्चा मांग रहा था, लेकिन जब इस विषय पर नेता प्रतिपक्ष बोल रहे थे तो भाजपा के सिर्फ 6 विधायक ही सदन में मौजूद थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सदन के नेता होने के नाते उन्होंने पूरी जिम्मेदारी के साथ अपनी बात रखी है और उससे उन्हें सुनना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सच्चाई सब को पता होनी चाहिए।