एप्पल न्यूज, कुमारसेन शिमला
हिमाचल प्रदेश के सेब कारोबारियों को एक बार फिर बाहरी राज्यों के व्यापारियों द्वारा धोखा दिए जाने की घटना सामने आई है।
यह मामला शिमला जिले के कुमारसैन क्षेत्र से जुड़ा है, जहां नरेंद्र कंवर नामक सेब व्यापारी से 1.56 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई।
यह मामला हिमाचल प्रदेश के सेब उद्योग के लिए एक चेतावनी है। हर साल लाखों टन सेब देशभर में सप्लाई किया जाता है, लेकिन भुगतान संबंधी धोखाधड़ी बढ़ती जा रही है।
अगर समय रहते सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो इससे स्थानीय किसानों और व्यापारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
उम्मीद है कि पुलिस जल्द ही इस मामले को हल करेगी और आरोपी व्यापारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।

मामले का पूरा विवरण
1. सेब कारोबारी को कैसे दिया गया धोखा?
- नरेंद्र कंवर, जो गांव ढली, डाकघर पहराल, तहसील कुमारसैन (जिला शिमला) के निवासी हैं, एक बड़े सेब व्यापारी हैं।
- उन्होंने 2022-23 के सीजन में तमिलनाडु के मल्लाची क्षेत्र के दो व्यापारियों को सेब बेचा।
- इन व्यापारियों के नाम मोहर मंसूर और मोहर इशाक हैं, जो एक फ्रूट्स कंपनी चलाते हैं।
- कुल 4.93 करोड़ रुपये की सेब की खेप भेजी गई।
- इसमें से 3.37 करोड़ रुपये की पेमेंट मिल चुकी है, लेकिन 1.56 करोड़ रुपये अभी भी बकाया है।
- दोनों व्यापारी लगातार भुगतान टालते रहे और अब पूरी तरह मना कर रहे हैं।
2. पुलिस कार्रवाई और कानूनी पहलू
- नरेंद्र कंवर को जब दो साल तक पेमेंट नहीं मिली, तो उन्होंने मजबूर होकर शिमला पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
- शिमला पुलिस ने 420 आईपीसी (धोखाधड़ी) के तहत मामला दर्ज किया और जांच शुरू कर दी है।
- एएसपी शिमला नवदीप सिंह ने बताया कि पुलिस इस मामले को गंभीरता से ले रही है और आगे की कानूनी कार्रवाई होगी।
ऐसे मामले पहले भी हो चुके हैं
1. रोहड़ू में 16 लाख रुपये की ठगी
- कुछ ही समय पहले रोहड़ू के सेब कारोबारी यजविंदर सिंह के साथ भी धोखाधड़ी हुई थी।
- उत्तर प्रदेश और बिहार के तीन व्यापारियों ने उनसे सेब खरीदा लेकिन 16 लाख रुपये का भुगतान नहीं किया।
- इस मामले में भी पुलिस ने धोखाधड़ी का केस दर्ज किया था।
2. हिमाचल के सेब उद्योग में धोखाधड़ी के बढ़ते मामले
- हर साल हिमाचल से हजारों करोड़ का सेब बाहरी राज्यों को भेजा जाता है।
- लेकिन कई व्यापारी पेमेंट रोकने या टालने के तरीके अपनाते हैं, जिससे सेब उत्पादकों और कारोबारियों को भारी नुकसान होता है।
- 2021 में भी किन्नौर और शिमला के कुछ व्यापारियों को यूपी और महाराष्ट्र के खरीदारों ने भुगतान नहीं किया था।
- इस तरह की धोखाधड़ी हिमाचल के सेब कारोबारियों के लिए एक गंभीर समस्या बनती जा रही है।
अब आगे क्या होगा?
1. पुलिस की जांच और कार्रवाई
- पुलिस आरोपियों को समन भेज सकती है और पूछताछ के लिए बुला सकती है।
- अगर आरोपी सहयोग नहीं करते, तो उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी हो सकता है।
- इस मामले में तमिलनाडु पुलिस की मदद भी ली जा सकती है क्योंकि आरोपी व्यापारी वहां के रहने वाले हैं।
2. क्या पीड़ित को पैसे मिल सकते हैं?
- अगर पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार करती है और कोर्ट में मामला जाता है, तो संभव है कि सेब कारोबारी को न्याय मिले।
- लेकिन कानूनी प्रक्रिया लंबी हो सकती है, इसलिए यह निर्भर करेगा कि आरोपी जल्दी भुगतान करने को तैयार होते हैं या नहीं।
- अगर संपत्ति जब्त करने का आदेश आता है, तो रकम वसूल की जा सकती है।
हिमाचल के सेब कारोबारियों के लिए सीख – कैसे बचें ऐसे धोखेबाजों से?
1. एडवांस पेमेंट पर ही डील करें
- किसी भी नए व्यापारी के साथ बड़ी मात्रा में व्यापार करने से पहले कम से कम 50% एडवांस पेमेंट लेना चाहिए।
- पुराने और भरोसेमंद व्यापारियों के साथ ही लेन-देन करना सुरक्षित होता है।
2. कानूनी अनुबंध करें
- हिमाचल के सेब व्यापारियों को हर सौदे के लिए लिखित अनुबंध करना चाहिए, जिसमें भुगतान की शर्तें स्पष्ट हों।
- इसमें पेमेंट की तारीख, गारंटी और विवाद की स्थिति में कानूनी कार्रवाई के प्रावधान होने चाहिए।
3. व्यापारियों की पृष्ठभूमि जांचें
- अगर किसी व्यापारी पर पहले से भुगतान न करने या धोखाधड़ी का आरोप हो, तो उसके साथ व्यापार करने से बचें।
- आजकल ऑनलाइन माध्यमों से भी व्यापारियों की विश्वसनीयता की जांच की जा सकती है।
4. व्यापार संगठनों की मदद लें
- हिमाचल में सेब कारोबारियों के कई संगठन हैं, जो कानूनी मदद भी देते हैं।
- व्यापार संघों के माध्यम से जानकारी लेकर सौदे करना धोखाधड़ी से बचने का एक अच्छा तरीका हो सकता है।
क्या आपको भी ऐसा कोई अनुभव हुआ है?
अगर आप भी सेब या किसी अन्य फल-सब्जी के कारोबार से जुड़े हैं और कभी ऐसे धोखाधड़ी के मामले का सामना किया है, तो कानूनी उपायों और व्यापारिक सुरक्षा रणनीतियों पर चर्चा जरूरी है।