एप्पल न्यूज, शिमला
हिमाचल प्रदेश के सड़क एवं पुल निर्माण कार्यों को मजबूती प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार ने 267 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की है।
यह धनराशि राज्य के राष्ट्रीय राजमार्गों सहित विभिन्न सड़क परियोजनाओं के लिए जारी की गई है, जिससे प्रदेश में यातायात सुविधाओं का विस्तार होगा और लोगों की आवाजाही सुगम होगी।
लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में प्रदेश सरकार ने केंद्र से 1400 करोड़ रुपये की मांग रखी थी, जिसके पहले चरण में 267 करोड़ रुपये जारी कर दिए गए हैं।

उन्होंने केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के समक्ष बार-बार इस मुद्दे को उठाने के बाद इस राशि की स्वीकृति मिलने पर आभार व्यक्त किया है।
यह राशि मुख्य रूप से सड़क निर्माण, पुल निर्माण, भूस्खलन न्यूनीकरण और सड़कों की मरम्मत एवं सुदृढ़ीकरण कार्यों के लिए उपयोग में लाई जाएगी, जिससे प्रदेश की सड़क अधोसंरचना को नया रूप मिलेगा।
इस फंडिंग के तहत चंबा और ऊना जिलों में तीन-तीन पुलों का निर्माण प्रस्तावित है, जिससे इन जिलों के दुर्गम क्षेत्रों में यातायात को सुगम बनाया जाएगा।
इसके अलावा, निगूलसरी-नाथपा सड़क पर भूस्खलन न्यूनीकरण के लिए 54.37 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जो क्षेत्र में होने वाले भूस्खलनों से होने वाले नुकसान को रोकने में सहायक होगा।
इसी प्रकार, कटोरी बांगड़ा-बनीखेत-चंबा-भरमौर सड़क के केरू पुल के समीप भूस्खलन न्यूनीकरण के लिए 40.85 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं, जिससे इस महत्वपूर्ण सड़क मार्ग को सुरक्षित और टिकाऊ बनाया जाएगा।
इसी सड़क के भट्टी नाला पुल के समीप सड़क को टू-लेन बनाने और भूमि अधिग्रहण के लिए 48 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं, जिससे इस मार्ग की क्षमता बढ़ेगी और यातायात दबाव कम होगा।
ऊना जिले में बरना और बोरे वाली खड्ड पर दो पुलों के निर्माण सहित अन्य परियोजनाओं की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के लिए 24.27 करोड़ रुपये और स्वां नदी पर एक पुल के निर्माण के लिए 36.93 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
इसके अलावा, ठियोग बाईपास से होकर गुजरने वाली कालका-शिमला-वांगतू सड़क, सैंज-लूहरी-औट सड़क और ढली-ठियोग-नारकंडा-रामपुर सड़क सहित विभिन्न सड़कों के संवेदनशील हिस्सों की मरम्मत और सुदृढ़ीकरण कार्यों के लिए भी केंद्र द्वारा यह धनराशि जारी की गई है।
यह मरम्मत कार्य यातायात सुरक्षा को बढ़ाने और सड़क मार्गों को अधिक टिकाऊ बनाने के उद्देश्य से किए जा रहे हैं, ताकि यात्रियों को बेहतर और सुरक्षित सड़क सुविधाएं मिल सकें।
इस बीच, हिमाचल प्रदेश के लिए एक और महत्वपूर्ण परियोजना जलोड़ी-जोत टनल का एलाइनमेंट कार्य पूरा कर लिया गया है। यह टनल कुल 4.156 किलोमीटर लंबी होगी और इस परियोजना की विस्तृत रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जा रही है।
इस टनल के निर्माण के लिए 1452 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित है और सरकार इस परियोजना को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने की योजना बना रही है।
यह सुरंग हिमाचल प्रदेश के इस दुर्गम क्षेत्र में यातायात सुविधा को बढ़ाने के साथ-साथ पर्यटन और व्यापार को भी प्रोत्साहित करेगी।
टनल निर्माण के बाद सर्दियों में भारी बर्फबारी के कारण बंद रहने वाले मार्गों पर निर्भरता कम होगी और यात्रियों को सालभर निर्बाध परिवहन सुविधा मिल सकेगी।
इस परियोजना के पूरा होने से न केवल राज्य की आंतरिक कनेक्टिविटी मजबूत होगी, बल्कि क्षेत्र में आर्थिक विकास को भी गति मिलेगी।
हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी राज्य के लिए सड़क और पुल निर्माण परियोजनाएं बेहद महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि यहां कई इलाके अभी भी सड़क सुविधाओं से पूरी तरह नहीं जुड़े हैं।
सड़क एवं पुल निर्माण कार्यों से लोगों को बेहतर परिवहन सुविधा मिलेगी, व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा और पर्यटकों की संख्या में भी वृद्धि होगी।
केंद्र सरकार द्वारा इस प्रकार के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए दी गई यह आर्थिक सहायता राज्य के समग्र विकास को सुनिश्चित करने में सहायक सिद्ध होगी।
राज्य सरकार अब शेष 1400 करोड़ रुपये की मांग को केंद्र के समक्ष आगे बढ़ाने की योजना बना रही है, ताकि हिमाचल प्रदेश की सभी प्रमुख सड़क परियोजनाओं को शीघ्र पूरा किया जा सके और प्रदेश के लोगों को बेहतर सड़क अवसंरचना का लाभ मिल सके।