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हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ की स्कूल शिक्षा निदेशक के साथ बैठक, 51 सूत्रीय मांग पत्र पर विस्तृत चर्चा

एप्पल न्यूज, शिमला

हिमाचल प्रदेश में राजकीय शिक्षकों की विभिन्न समस्याओं और उनकी मांगों को लेकर हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ की राज्य कार्यकारिणी की एक महत्वपूर्ण बैठक आज स्कूल शिक्षा निदेशालय में आयोजित की गई।

इस बैठक में स्कूल शिक्षा निदेशक आशीष कोहली और अतिरिक्त शिक्षा निदेशक बी. आर. शर्मा के साथ विस्तृत चर्चा की गई।

बैठक की अध्यक्षता संघ के राज्य प्रधान वीरेंद्र चौहान और महासचिव तिलक नायक ने की।

इस बैठक में विभिन्न जिलों के अध्यापक संघ के पदाधिकारी भी उपस्थित रहे, जिनमें से प्रमुख थे:

बिलासपुर: राकेश संधू, चंबा: हरि प्रसाद, हमीरपुर: राजेश गौतम, कांगड़ा सचिन जायसवाल, किन्नौर: राधाकृष्ण नेगी, कुल्लू: यशपाल शर्मा, शिमला: ताराचंद शर्मा, सिरमौर: वीरभद्र सिंह नेगी, सोलन: कमल प्रसाद, ऊना: डॉ. किशोरी लाल शर्मा, मंडी: महासचिव जोध सिंह ठाकुर मौजूद रहे।

इसके अलावा, राज्य वित्त सचिव सुनील कुमार शर्मा, वरिष्ठ उपप्रधान नरवीर चंदेल, मुख्य प्रवक्ता मनोज कुमार शर्मा और मुख्य प्रेस सचिव मनीष सूद सहित लगभग 100 पदाधिकारी इस बैठक में उपस्थित रहे।

बैठक के प्रमुख बिंदु एवं निर्णय

1. संयुक्त स्कूल शिक्षा निदेशालय का स्वागत

शिक्षा विभाग में एक संयुक्त स्कूल शिक्षा निदेशालय बनाए जाने की घोषणा का स्वागत किया गया और खुशी व्यक्त करने के लिए लड्डू बांटे गए।

2. स्थानांतरण नीति में संशोधन की मांग

  • वर्तमान में स्थानांतरण के लिए 30 किलोमीटर की शर्त लागू है, जिसे घटाकर 15 किलोमीटर किए जाने की मांग रखी गई।
  • शिक्षकों की अंतर-जिला ट्रांसफर पॉलिसी में सुधार कर म्युचुअल आधार पर अधिक छूट देने तथा अंतर-जिला ट्रांसफर कोटा को 15% तक बढ़ाने पर चर्चा हुई।

3. शिक्षकों से गैर-शैक्षणिक कार्य न करवाने की मांग

  • शिक्षकों को शिक्षण कार्य पर अधिक ध्यान केंद्रित करने दिया जाए और गैर-शैक्षणिक कार्यों में न उलझाया जाए।

4. अनुबंध पर कार्यरत शिक्षकों के लिए पेंशन में राहत

  • कॉन्ट्रैक्ट पर कार्यरत शिक्षकों की सेवा अवधि को पेंशन में जोड़ा जाए।

5. सीनियरिटी लिस्ट में सुधार

  • सभी वर्गों की सीनियरिटी लिस्ट को अपडेट किया जाए।
  • गैर-जरूरी नाम हटाए जाएं और आवश्यक नाम जोड़े जाएं।

6. प्राथमिक कक्षाओं में अध्यापकों की संख्या बढ़ाने की मांग

  • प्रत्येक कक्षा में एक शिक्षक की नियुक्ति अनिवार्य हो।
  • नर्सरी शिक्षकों की शीघ्र भर्ती की जाए।

7. शिक्षकों की वेतन और भत्तों में संशोधन

  • 6th Pay Commission के सभी प्रावधानों को केंद्र सरकार की तर्ज पर लागू किया जाए।
  • वेतन वृद्धि और भत्तों की पुनः समीक्षा कर वृद्धि की जाए।
  • 4-9-14 के लाभ अध्यापकों को दिए जाएं।
  • 7-7-14 और 9-9-14 की अधिसूचना को रद्द किया जाए।

8. शिक्षकों की रिटायरमेंट उम्र बढ़ाने की मांग

  • मेडिकल कॉलेजों की तर्ज पर शिक्षकों की सेवानिवृत्ति की आयु 62 वर्ष की जाए।

9. शिक्षकों की पदोन्नति में सुधार

  • टीजीटी (TGT) हिंदी और टीजीटी शास्त्री शिक्षकों को प्रवक्ता के पद पर पदोन्नत किया जाए।
  • टीजीटी, प्रवक्ता, मुख्याध्यापक और प्रधानाचार्य की पदोन्नति सूची शीघ्र जारी की जाए।
  • एमफिल और पीएचडी पास शिक्षकों को विशेष वेतन वृद्धि दी जाए और उन्हें कॉलेजों में प्रमोशन दिया जाए।

10. शिक्षा बजट में वृद्धि की मांग

  • शिक्षा पर जीडीपी का कम से कम 6% खर्च किया जाए।

11. अध्यापकों के लिए विशेष सुविधाएं

  • प्रैक्टिकल लेने वाले सभी अध्यापकों को विज्ञान अध्यापकों की तर्ज पर प्रैक्टिकल अलाउंस दिया जाए और इसे ₹1000 तक बढ़ाया जाए।
  • केंद्र सरकार की तर्ज पर सभी शिक्षकों को चाइल्ड केयर लीव (Child Care Leave) दी जाए।
  • सभी शिक्षकों को अर्जित अवकाश (Earned Leave) 300 दिनों से अधिक भी जमा करने की अनुमति दी जाए।

12. आवास और अन्य भत्तों में संशोधन

  • आवास भत्ता (HRA) को 10% तक बढ़ाया जाए।
  • सभी शिक्षकों को मोबाइल भत्ता दिया जाए।

13. डिजिटल शिक्षा में सुधार

  • विद्यालयों में कंप्यूटर शिक्षा के नाम पर प्रति छात्र ₹110 की अनावश्यक वसूली न की जाए।

14. विशेष अवकाश और सुविधाएं

  • मातृत्व अवकाश (Maternity Leave) की तर्ज पर सभी शिक्षकों को पितृत्व अवकाश (Paternity Leave) भी दिया जाए।

15. स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार

  • सभी सरकारी कर्मचारियों को मेडिकल भत्ता देने के बजाय कैशलेस हेल्थ सुविधा दी जाए।

16. वेतन और एरियर जारी करने की मांग

  • पे एरियर (Pay Arrears) और डीए एरियर (Dearness Allowance Arrears) को चरणबद्ध तरीके से जल्द जारी किया जाए।
  • 3% डीए की अधिसूचना के बजाय 4% डीए एरियर के साथ देने की मांग।

17. विशेष पॉलिसी बनाने की मांग

  • कंप्यूटर और व्यवसायिक शिक्षकों के लिए एक विशेष नीति बनाई जाए।
  • कॉन्ट्रैक्ट अध्यापकों से की जा रही रिकवरी पर रोक लगाई जाए।

इस बैठक में हिमाचल प्रदेश के शिक्षकों से जुड़ी 51 सूत्रीय मांगों पर विस्तार से चर्चा हुई और निर्णय लिया गया कि सरकार के साथ बातचीत करके इन मांगों को जल्द से जल्द लागू करवाने का प्रयास किया जाएगा।

संघ ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि सरकार इन मांगों को अनदेखा करती है तो राज्यभर के शिक्षक आंदोलन करने को मजबूर होंगे।

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