एप्पल न्यूज़ ब्यूरो
भीड़ में तो अक्सर हर कोई चलना पसंद करता है परन्तु कुछ ऐसे भी लोग हैं जो इस भीड़ का हिस्सा न बन कर अपनी भीड़ खुद तैयार करते हैं। जी हाँ मैं बात कर रहा हूं जो अपनी बेखौफ, बेबाक व् निडर आवाज के दम पर आज पूरी दुनिया में एक चर्चित नाम बन गया है। जिसने पत्रकारिता को एक नया आयाम दिया है। वो भी एक ऐसे वक़्त में जब सरकार के खिलाफ बोलने वालों को देशद्रोही बना दिया जाता है या फेसबुक , व्हाट्सएप्प, ईमेल, फ़ोन के ऊपर जान से मारने की धमकियाँ मिलती हैं। ऐसे वक़्त में भी इस इंसान के होंसलों को कोई डगमगा नहीं सका।
यह वही है जो हमेशा गांव के वास्तविक दृश्य को अपने चैनल के माध्यम से हमारे सामने रखता है। शाइनिंग भारत के पीछे का जो वास्तविक भारत इस विकास की दौड़ में छूट रहा है, उसको तथ्यों के आधार पर अगर किसी ने आईने के रूप में जनता के सामने प्रस्तुत किया है तो वह यही इंसान है। बेरोजगारी का आलम, किसानों का पैदल मार्च , रेलवे भर्ती में गड़बड़, SSC घोटाला, बैंक कर्मचारियों की दिक्कतें , सड़कों के खस्ताहाल, सीवरेज कर्मचारियों की मौत, स्कूलों की फीस मनमानी, कॉर्पोरेट की तानासाही, किसानों की आत्महत्या, नशा कारोबारी, साधुओं के भेष में बलात्कारी, महिलाओं की दुर्दशा, दबंग नेताओं की गुंडागर्दी, झुगी झोपडिओं में रहने वाले आम लोगों की समस्याओं को अगर किसी ने हमारे सामने रखा है तो वो है बेखौफ पत्रकार रविश कुमार, जिन्हें हाल ही में एशिया का नोबल कहे जाने वाले \” रेमॉन मेग्सेस पुरस्कार\” मिला है।
बधाई हो पत्रकारिता व् आम आवाज को बुलंद करने के साथ इस पुरस्कार की।
लेखक, राजेश शर्मा (गोलू)
सुजानपुर टिहरा (हिमाचल प्रदेश)