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कर्फ्यू पास न होने पर भी मेडिकल इमरजेंसी सहित आपातकालीन सेवाओं के लिए निजी वाहनों को चलाने की दी जाए अनुमति, सीएम ने उपायुक्तों को दिए निर्देश

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एप्पल न्यूज़, शिमला

मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कोरोना वायरस के दृष्टिगत प्रदेश के सभी उपायुक्तों, पुलिस अधीक्षकों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों से वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक करते हुए निर्देश दिए कि जहां सरकारी ऐजेंसियों के माध्यम से कार्य करवाए जा रहे हैं, वहां ऐसे जिम्मेवार व्यक्ति की तैनाती करना सुनिश्चित करें, ताकि कामकारों को उपयुक्त मास्क उपलब्ध करवाए जा सके और साथ-साथ सामाजिक दूरी के नियम का भी पालन करवाया जा सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्फ़्यू पास न होने पर भी मेडिकल इमरजेंसी सहित आपातकालीन सेवाओं के लिए निजी वाहनों को चलाने की अनुमति दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि निजी वाहन में केवल दो व्यक्तियों को और आधिकारिक वाहन में चालक सहित चार व्यक्तियों को यात्रा की अनुमति दी जाएगी।

जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में आवश्यक वस्तुओं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक वस्तुओं और सब्जियों को ले जाने वाले ट्रकों और अन्य निजी गाड़ियों का सुचारू संचालन सुनिश्चित कर रही है। उन्होंने कहा कि वाहनों को सैनिटाइज किया जाना चाहिए और चालक और परिचालक की चिकित्सा जांच की जानी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को जमाखोरी और मुनाफाखोरी पर लगातार नजर रखने और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिया।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि किसानों को अपनी फसल काटने की अनुमति दी जाए और उन्हें खेतों में काम करते समय सामाजिक दूरियां अपनाने के लिए प्रेरित किया जाए। उन्होंने कहा कि किसानों की उपज की खरीद के लिए भी कदम उठाए जाने चाहिए, ताकि कर्फ्यू के कारण उन्हें किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा किसानों और बागवानों की सुविधा के लिए कृषि संबंधित सामान वाली दुकानों को खोलने की अनुमति दी जानी चाहिए।

जय राम ठाकुर ने कहा कि जिला के अंदर और एक जिला से दूसरे जिला में चलाए जाने वाले वाहनों पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा और सरकार द्वारा अनुमति प्राप्त वाहनों के अलावा कोई भी अन्य वाहन कर्फ्यू के दौरान नहीं चलाए जा सकेंगे। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के हाॅटस्पाॅट स्थानों को सील कर दिया जाएगा और इन क्षेत्रों में कर्फ्यू में कोई ढील नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आपातकाल और गंभीर स्थिति के अतिरिक्त किसी भी व्यक्गित आवाजाही को अनुमति नहीं दी जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान के तहत 70 लाख से अधिक लोगों को कवर किया गया है और इनमें से लगभग 10,000 व्यक्तियों में आईएलआई के लक्षण पाए गए हैं। उन्होंने कहा कि अब तक 700 लोगों की जांच की गई थी और अन्य को निगरानी में रखा गया है।

जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के बाहर फंसे प्रदेश के लोगों के बारे में चिंतित हैं। उन्होंने कहा कि सरकार इन लोगों के साथ लगातार संपर्क में है और संबंधित राज्य सरकारों से उनकी उचित देखभाल सुनिश्चित करने का अनुरोध किया गया है। उन्होंने ऐसे लोगों से आग्रह किया कि वे जहां है, वहीं बने रहें। सरकार स्थिति सामान्य होते ही उनकी जल्द वापसी सुनिश्चित करेगी।

मुख्य सचिव अनिल खाची ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा कुछ गतिविधियों में छूट के बारे में दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं, जिनका सख्ती से पालन किया जाएगा।

शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज, पुलिस महानिदेशक एस.आर. मरडी, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह मनोज कुमार, अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य आर.डी. धीमान, प्रधान सचिव जे सी शर्मा और मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुंडू भी बैठक में उपस्थित रहे।

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