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जांबाज शहीद मेजर अनुज सूद हिमाचल के देहरा गोपीपुर निवासी की राजकीय सम्मान के साथ हुई अंत्येष्टि

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जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा में आतंकियों से मुठभेड में हुए थे शहीद
अप्पल न्यूज, देहरा गोपीपुर
जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा में आतंकियों से सीधे मुठभेड़ में शहीद हुए मेजर अनुज सूद को मंगलवार को पंचकूला में राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि की गई। वहीं हिमाचल के देहरा स्थित उनके पैतृक निवास स्थान पर सोमवार को एक शोक सभा आयोजित की गई थी।

पहले 4 मई को हिमाचल के देहरा स्थित उनके पैतृक गांव गोपीपुर में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाना था। लाॅकडाउन के चलते जहां उनकी अंतेष्ठि में कम लोग ही मौजूद रहे। लेकिन उनके इस तरह जाने से पूरा गांव गमगीन दिखा। अंतेष्ठि के अवसर पर उनके पिता रिटायर्ड ब्रिगेडियर चंद्रकांत सूद, नजदीकी रिश्तेदार और गांव के लोग शामिल हुए।

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मेजर अनुज की सितम्बर 2 निवासी कर्नल कश्मीर सिंह की बेटी आकृति से हुई थी। आकृति पुणे की एक कंपनी में जॉब करती हैं। जिसके चलते ये दंपति कुछ समय से पूणे में ही रह रहा था। अभी तक इनकी कोई संतान नहीं है।
उल्लेखनीय है कि जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा में शनिवार, 2 मई की रात आतंकियों से हुई मुठभेड़ में सेना की 21 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर आशुतोष शर्मा, मेजर अनुज सूद समेत 5 जवान शहीद हो गए थे। हिमाचल के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मेजर अनुज सूद समेत पांचों सैन्य जवानों की शहादत पर शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश और प्रदेश को उनकी शहादत पर गर्व है।
शहीद मेजर की बहन भी सेना में कैप्टन
शहीद मेजर सूद का परिवार कुछ महीने पहले ही पंचकुला की अमरावती एनक्लेव में रहने आया है। अभी यहां उनका मकान बन रहा है। शहीद मेजर की छोटी बहन हर्षिता सूद भी सेना में कैप्टन हैं, जो कि इन्दौर के मऊ में पोस्टेड हैं। मेजर अनुज की एक बड़ी बहन ऑस्ट्रेलिया में रहती हैं।
आईआईटी में चयन के बावजूद आर्मी को चुना करियर
31 वर्षीय मेजर अनुज सूद की शुरुआती पढ़ाई आर्मी पब्लिक स्कूल लखनऊ में हुई। उन्होंने एनडीए प्रवेश परीक्षा पहली बार में ही पास कर ली थी। परिजन ने बताया कि अनुज का चयन आईआईटी में हो गया था लेकिन, उन्होंने देशसेवा के लिए आर्मी ज्वाइन करने का फैसला किया।
बेटे ने फर्ज निभाया, दुख तो उसका है, जो दुल्हन बनकर आई।
स्व. मेजर अनुज सूद के पिता रिटायर्ड ब्रिगेडियर चंद्रकांत सूद अपने इकलौते बेटे की शहादत पर काफी गमगीन रहे। उनका कहना है कि बेटे ने अपना फर्ज निभाया। वह देश के काम आया। दुख तो उस बहू का है, जो अढाई साल पहले ही इस घर में दुल्हन बनकर आई थी।
हिमाचल के देहरा से था गहना नाता
जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा में शहीद मेजर अनुज सूद का हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा में देहरा शहर से गहरा नाता रहा है। शहर के बीच कृष्णा निवास के नाम से उनका पुश्तैनी घर है। शहीद मेजर अनुज सूद के दादा सुरेंद्र सूद व दादी साधना सूद इसी घर में रहा करते थे।

शहीद के पिता रिटायर्ड बिग्रडियर चंद्रकांत सूद व माता रागिनी सूद काफी समय से देहरा से पंचकूला स्थित नए घर में शिफ्ट हो गए थे लेकिन अभी भी उनके परिवार के सदस्यों का देहरा से उतना ही लगाव है और वे अक्सर यहां आते रहते हैं।

नजदीकी रिश्तेदार भुवनेश सूद ने बताया कि उनका पैतृक घर देहरा बाजार में ही है। हालांकि, अब उनका परिवार चंडीगढ़ में चंडी मंदिर के नजदीक रहता है। अनुज मौजूदा समय में पुणे में रह रहे थे।   

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