एप्पल न्यूज़, शिमला
बाहरी राज्यों से हिमाचल प्रदेश आने वाले लोगों के परिजनों को शिक्षित एवं संवेदनशील बनाने और सामाजिक दूरी को सुनिश्चित बनाने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार एक नया कार्यक्रम ‘निगाह’ आरम्भ करेगी। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने यहां से प्रदेश के उपायुक्तों, पुलिस अधीक्षकों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों के साथ वीडियो काॅन्फ्रेंस के माध्यम से यह जानकारी दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के हज़ारों लोग देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे पड़े हैं और इस स्थिति में यह आवश्यक है कि घर वापसी करने वाले प्रत्येक व्यक्ति की समुचित स्वास्थ्य जांच करने के साथ-साथ उसकी यात्रा का पूरा विवरण लिया जाए। आशा कार्यकर्ताओं, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का दल बाहरी राज्यों से वापस हिमाचल लौटने वाले लोगों के घर-घर जाकर उनके परिजनों को सामाजिक दूरी बनाए रखने के महत्व के बारे में शिक्षित करेगा।
उन्होंने कहा कि विभिन्न राज्यों से वापस अपने पैतृक स्थान लौटने की इच्छा रखने वाले लोगों को क्रमबद्ध तरीके से पास जारी किए जाएं, ताकि राज्य के प्रवेश द्वारों पर अनावश्यक भीड़ एकत्र न हो सके। इससे जिला प्रशासन को भी इन लोगों की समुचित निगरानी के लिए प्रबन्ध और क्वारन्टीन सुविधा प्रदान करने में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्रवेश करने वाले लोगों को आरोग्य सेतु ऐप्प डाउनलोड करने के लिए कहा गया है और साथ ही यह निर्देश भी दिए गए हैं कि उन्हें सामाजिक दूरी बनाए रखने के महत्व के बारे में आवश्यक सूचना, शिक्षा एवं संचार सामग्री वितरित की जाए।
जय राम ठाकुर ने निर्देश दिए कि बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों के घरों को उचित तरीके से चिन्हित किया जाए ताकि उस मोहल्ले में रहने वाले लोगों को इसकी जानकारी हो। पंचायती राज संस्थानों और शहरी स्थानीय निकायों के प्रतिनिधियों को यह सुनिश्चित बनाना होगा कि बाहर से आए लोग निर्धारित समय तक अपने घरों में क्वारन्टीन की अवधि पूरा करें। इसके साथ ही उन्हें ऐसे लोगों के परिजनों को भी अपने परिवार में सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए प्रेरित करना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश ने कोविड-19 महामारी पर नियन्त्रण पाने की दिशा में सफलतापूर्वक कार्य किया है और हिमाचल माॅडल को आज देश भर में सराहा जा रहा है। उन्होंने कहा कि उन लोगों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी जो गृह
क्वारन्टीन का उल्लंघन करेंगे, क्योंकि उनकी लापरवाही से न केवल उनका परिवार बल्कि पूरा समाज जोखिम में आ सकता है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के लोगों और बाहरी राज्यों में फंसे यहां के लोगों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और बाहर से लोगों को वापस लाने के लिए व्यापक प्रबन्ध किए जा रहे हैं। ऐसे में यह आवश्यक है कि लोग सरकार के प्रयासों में सहयोग दें और इस महामारी पर पूर्ण नियन्त्रण के लिए निर्धारित दिशा-निर्देशों की अनुपालना करें।
मुख्य सचिव अनिल खाची ने कहा कि प्रवासी मज़दूरों को रोज़गार प्रदान कर यहीं रहने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए। इससे प्रदेश में विकास कार्य और कृषि गतिविधियां प्रभावित नहीं होंगी।
पुलिस महानिदेशक एसआर मरडी, अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज कुमार एवं आरडी धीमान, प्रधान सचिव जेसी शर्मा, ओंकार शर्मा और संजय कुंडू तथा मुख्यमंत्री के प्रधान निजी सचिव विनय सिंह भी बैठक में शामिल थे।