IMG_20220716_192620
IMG_20220716_192620
previous arrow
next arrow

स्पीति में उगेगी ढिंगरी मशरूम, मटर के बाद ढिंगरी से होगी आर्थिकी मजबूत- मार्कन्डेय

8

50 प्रशिक्षत किसानों को मुफ्त स्पून किया वितरित

एप्पल न्यूज़, काज़ा

लाहौल स्पीति जिला की स्पीती घाटी अब ढिंगरी मशरूम की खेती व्यापक स्तर पर की जाएगी। कृषि एवं जनजातीय प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ रामलाल मार्कण्डेय ने सोमवार को एडीसी कार्यालय में विभिन्न विभागों के कार्य की समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि स्पीति में मटर की फसल काफी प्रचलित है। लेकिन अब ढिंगरी मशरूम की फसल को यहां पर विकसित करने के लिए कार्य तीव्र गति से चला हुआ है। इसी कड़ी में 50 किसानों को मशरूम की खेती करने के बारे में प्रशिक्षित किया गया है तथा उन्हें ढिंगरी मशरूम के स्पून तैयार करके हॉर्टिकल्चर विभाग ने वितरित कर दिया है।

स्पीति में पर्यटन का बहुत बड़ा कारोबार है । ऐसे में यहां पर उगने वाली ढिंगरी मशरूम की खपत यह पर हो जाया करेगी । अभी तक चिचिम कलजग लादे प्रगतिशील किसान ढिंगरी मशरूम की खेती पिछले कुछ सालों से कर रहा है। उसके सारे प्रयोग सफल हुए हैं और सालाना 150 किलो से अधिक मशरूम की पैदावार कर रहा है। अपनी पूरी फसल को स्पीति के होटल होम स्टे में ही बेच देता है। स्पीति का तापमान मशरूम की पैदावार के के लिए उपयुक्त है ऐसे में स्पीति के हर गांव में मशरूम की खेती की जा सकती है ।

\"\"

प्रशिक्षित किसान इस बार ढिंगरी मशरूम की खेती करेंगे। साथ ही साथ किस तरह और पैदावार को बढ़ाया जा सकता है। इसके लिए भी कार्य करेंगे । जब यहां पर ढिंगरी मशरूम की फसल काफी अधिक हो जाया करेगी तो उसे प्रदेश के अन्य जिलों प्रदेश से बाहर भी बेचने का प्रयास किया जाएगा। मंत्री रामलाल मार्कंडेय ने बताया कि सभी किसानों को मुफ्त में ढिंगरी मशरूम की स्पून दी गई है।बैठक में एडीएम ज्ञान सागर नेगी सहित अन्य विभागों के अधिकारी टी ए सी सदस्य राजेन्द्र बोध भी विशेष तौर पर मौजूद रहे।

प्राकृतिक खेती है
आपको बताते चलें कि ढिंगरी मशरूम खेती करने के लिए खेती के प्राप्त किसी अवशेषों का प्रयोग किया जा सकता है जैसे कि सूखा हो उसने फफूंद नहीं लगी होनी चाहिए। मटर, जौ और गेहूं के भूसे का प्रयोग किया जाता है।

औषधीय गुणों से भरपूर
इसमें बहुत औषधीय गुण पाए जाते हैं। दवाई के लिए भेजता इस्तेमाल किया जा रहा है। ढिंगरी मशरूम में प्रोटीन होती है। इसके साथ ही कैल्शियम, पोटेशियम, सोडियम, फास्फोरस , आयरन आदि होते है। इसके सेवन से लेते केंसर प्रतिरोधी क्षमता, खून में कोलेस्ट्रॉल कम करने की क्षमता, ब्लड शुगर कम करने की क्षमता, आदि के लिए काफी चर्चित है ऐसे में जहां इस ढिंगरी मशरूम की फसल से लोगों की आय बढ़ेगी इसके साथ ही स्वास्थ्य के लिए भी बेहतर भोजन उपलब्ध हो पाएगा।

पर्यावरण के लिए आवश्यक
ढिंगरी मशरूम ,उत्तम भोजन, सेहत और वातावरण इन तीनों समस्या का समाधान करती है। इसकी सबसे बड़ी खासियत है कि अन्य फसलों की तरह उपजाऊ भूमि नहीं चाहिए होता है। छोटे किसानों के लिए उपयुक्त होता है । इसकी जैव परिवर्तन क्षमता अधिक होती है और उगने के लिए प्रयोग किए जा रहे पदार्थ के अनुपात में मशरूम का उत्पादन अच्छा होता है ग्रामीण क्षेत्रों में आसानी से उगाया जा सकता है बेरोजगारों के लिए रोजगार का साधन बन सकता है । महिलाओं के लिए घर द्वार पर रोजगार के साधन उपलब्ध हो जाएंगे। ग्रामीण महिला स्व सहायता समूह मशरूम का अचार , सुखा मशरूम मशरूम पाउडर आदि बनाकर अपनी आर्थिकी सुदृढ़ कर सकते हैं।

Share from A4appleNews:

Next Post

फ्रंट वॉरियर्स को झटका- डॉक्टरज के वेतन पर चली कैंची, इंसेंटिव तो दूर काट दिया एक दिन का वेतन- रोष

Mon May 11 , 2020
दीपिका शर्मा, एप्पल न्यूज़ शिमलाकोरोना से लड़ रहे हिमाचल के फ्रंट वॉरियरस के वेतन पर कैंची चला दी गई है। जानकारी है कि डॉक्टरज का एक दिन का वेतन काट दिया गया है। अब सवाल ये उठ रहे हैं कि ऐसे समय में एक तरफ जहां अन्य राज्यों में डॉक्टरज […]

You May Like

Breaking News