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कोरोना के बाद सिनेमा और संभावनाएं

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एप्पल न्यूज़, शिमला
हिम सिने सोसायटी-एक सोच और भारतीय चित्र साधना द्वारा संयुक्त रूप से कोराना के बाद सिनेमा और संभावनाएं विषय पर रविवार फेसबुक लाईव कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें बतौर मुख्य वक्ता ध्वनि देसाई अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त एनिमेशन फिल्म मेकर एवं आकाश आदित्य लामा फिल्मकार, नाटककार व स्क्रिप राईटर।

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देसाई एमबीए फाईनेंस हैं और पूरा परिवार क्रिएटिव क्षेत्र में था, जिसका असर उनके जीवन पर भी पड़ा और ये ऐनिमेशन फिल्म मेकिंग की ओर मुड़ गई। ये अंतरराष्ट्रीय न्यूयार्क फिल्म फैस्टिवल, थर्ड आई एशियन फिल्म फेस्टिवल और बैग्लोर इंटरनेशनल फिल्म फैस्टिवल में बतौर ज्यूरी सदस्य रही है। इनकी एनिमेशन फिल्म को गोल्ड रैमी अवार्ड और न्यूयार्क फिल्म फेस्टिवल में कांस्य पदक मिला है। एनिमेशन के रिसर्च जर्नल में इनके काम को शामिल किया गया है और वल्र्ड एनसाईक्लोपिडिया में भी इनकी एनिमेशन फिल्मों को शामिल किया गया है।
आकाश आदित्य लामा संवाद स्क्रिप्ट राईटर, फिल्म मेकर और नाटककार हैं। ये गदर फिल्म के सह निर्देशक रहे है। इन्होंने कई चर्चित सीरियल लिखे हैं जिसमें कुसूम, कुमूद, दो राधा एक श्याम और इसके अलावा इनकी एक फिल्म सिगरेट की तरह भी काफी चर्चा में रही है। इनके मोहनजोदडो नाटक से बहुत से चर्चित चेहरे सामने आए थे, जिसमें जोधा-अकबर की जोधा, रौनक आहुजा, अमन वर्मा और मिताली नाग शामिल हैं। ये सैनिक परिवार की पृष्ठभूमि से निकल कर मुम्बई पहुंचे। जहां संघर्ष कर इन्होंने अपनी पहचान बनाई है। इसकी फिल्म तौबा तेरा जलवा भी जल्द ही दर्शकों को देखने को मिलेगी।
ध्वनि देसाई ने एनिमेशन के क्षेत्र में आने वाले विद्यार्थियों और फिल्म मेकर्स का मार्गदर्शन किया और उन्हें कहा कि इस क्षेत्र में आपार संभावनाएं है, नित नई टैक्नोलाॅजी आने के फलस्वरूप बदलाव हो रहे हैं। जिसके चलते हमें घर पर रहते हुए भी नई टैक्नोलाॅजी से अपडेट होते रहना चाहिए।
आकाशादित्य लामा ने फेसबुक लाईव के दौरान कहा कि कोरोना काल रचनात्मक कार्य के लिए श्रेष्ठ समय रहा है। जिसमें से सिनेमा की दृष्टि से नए कंसेप्ट उभर कर आएंगे। इस परिचर्चा के दौरान उन्होंने सिनेमा से जुडे़ सभी विद्यार्थियों, सिनेमा से जुडे़ लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि लघु बजट में सिनेमा की आपार संभावनाएं हैं निश्चित ही व्यवसायिक सिनेमा का पूरा कलेवर बदलने वाला है। कोरोना काल के अवसाद में भी संभावनाओं के दरवाजे खट्खटाते रहना और निरंतर अविरल रचनात्मकता को बनाए रखना और चलते रहना ही सफलता का मूलमंत्र है।
इस अवसर पर केडी श्रीधर अध्यक्ष हिम सिने सोसायटी ने मुख्य वक्ताओं का धन्यवाद किया और कोरोना के समय सिनेमा की संभावनाओं पर वक्ताओं के मार्गदर्शन और दर्शकों का भी आभार जताया। इस अवसर पर कार्यक्रम का संचालन हिम सिने सोसायटी की उपाध्यक्ष भारती कुठियाला और सोसायटी के सचिव संजय सूद ने किया।

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