एप्पल न्यूज़, किन्नौर
उपायुक्त हेमराज बैरवा ने यहां पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कहा कि जिले के लिए यह हर्ष का विषय है कि किन्नौर जिला को क्षय रोग उन्मुलन के कार्य के सफल कार्यन्यवन के लिए राष्ट्रीय स्तर पर कांस्य पदक से नवाजा गया है। उन्होंने इसके लिए जिला स्वास्थ्य विभाग को बधाई दी।
उल्लेखनीय है कि क्षय रोग उन्मुलन कार्य में हिमाचल प्रदेश को राष्ट्र स्तर पर प्रथम आंका गया है। प्रदेश के 5 जिलों में से लाहौल-स्पीति जिला को रजत पदक तथा किन्नौर जिला सहित उना, हमीरपुर व कांगड़ा जिला को कांस्य पदक से नवाजा गया है।
उपायुक्त ने बताया कि गत वर्ष जिले में क्षय रोग के कुल 244 मामले चिन्हित किए गए थे। उन्होंने कहा कि गत वर्ष जिले में 202 क्षय रोगियों तथा वर्ष 2020-21 में 197 क्षय रोगियों का सफल उपचार किया गया। उन्होंने बताया कि जिले में वर्तमान में 68 क्षय रोगियों का उपचार चल रहा है। उन्होेंने कहा कि सरकार द्वारा क्षय रोगियों के बेहतर पोषण के लिए निक्षय पोषण योजना के तहत 500 रुपये तथा एम.डी.आर रोगियों को 2000 रुपये की राशी भी प्रदान की जाती है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी किन्नौर डाॅ. सोनम नेगी ने इस अवसर पर बताया कि विभाग जिले को क्षय रोग मुक्त करने के लिए प्रयासरत है तथा वर्ष 2022 तक पूर्ण जिला क्षय रोग मुक्त हो जाएगा। उन्होंने कहा कि दो हफ्तों से ज्यादा खांसी टी.बी. का संकेत हो सकता है ऐसे में पीड़ित व्यक्ति को माईक्रोस्कोप से बलगम की जांच करवानी चाहिए। यह निदान का सरल व सर्वमान्य तरीका है।
उन्होंने कहा कि टी.बी. का ईलाज पूर्णतः संभव है तथा डाक्टर के परामर्श से, स्वास्थ्य कार्यकर्ता की सीधी देख-रेख में 6 से 8 माह में दवाई लेने के उपरान्त पूर्णतः स्वस्थ हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि टी.बी. का ईलाज उपचार सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में मुफ्त किया जाता है। उन्होंने टी.बी रोगियों से भी आग्रह किया कि टी.बी का ईलाज अधूरा न छोड़ें। यदि टी.बी बिगड़ा तो यह ला-ईलाज हो सकता है।