निरमंड में जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह द्वारा असंवैधानिक टिपणी करने का लगाया आरोप
एप्पल न्यूज़, रामपुर बुशहर
जल शक्ति, राजस्व, बागवानी एवं सैनिक कल्याण मंत्री महेन्द्र
सिंह ठाकुर पर रामपुर व् निरमंड प्रवास के दौरान वामपंथियों को ले कर टिप्पणी करने का माकपाइयों ने आरोप लगाया है। उन का आरोप हैकि निरमंड क्षेत्र के “अवेरा” गांव में किसान संगठनों के द्वारा कुहल की मरम्मत का मामला उठाया गया तो मंत्री ने संवैधानिक मर्यादाओ से हट कर तर्क दिए।
रामपुर बुशहर में वार्ता के के दौरान सीपीएम के जिला कमेटी सदस्य कॉमरेड बिहारी सेवगी, रामपुर लोकल कमेटी सदस्य प्रेम सिंह चौहान, ओम प्रकाश भारती और लालसा पंचायत के उप प्रधान तुला राम ने कहा मंत्री द्वारा इस तरह से संवैधानिक मर्यादाओ को लांगा है।
उन्होंने कहा बागवानी मंत्री के समक्ष कई स्थानों पर बागवानों ने बाजार में भारत में प्रतिबंधित दवाओं को बेचे जाने की शिकायत की। उन्होंने कहा यह दवाये केंद्रीय कीटनाशक बोर्ड से भी प्रमाणिक नहीं लेकिन हिमाचल में सरेआम बेच कर बागवानों से लूट हो रही है।
मंत्री को चाहिए की सेब की बेहतर क्वालिटी और खुराक का नाम दे कर एपलिन सप्लीमेंट कैसे धड़ल्ले से बाजार में डेट एक्सपायरी वाला बिक रहा है जांच करे। जबकि भारत समेत कई देशो में इस तरह के सप्लीमेंट मानव स्वास्थ्य के लिए घातक मानते हुए बेचने पर प्रतिबंध है। उन्होंने सरकार और मंत्री की इस में चुप्पी पर भी संदेह जताया है।
गौर हो कि एप्पल न्यूज़ पर इस खबर का खुलासा होने के बाद विभाग ने नकली दवाएं खरीदने का ठीकरा बागवानों के सिर फोड़ दिया था और खुद को इस समस्या से पल्ला झाड़ते हुए किनारे कर दिया। शिकायत के अढ़ाई महीने बीत जाने के बाद भी विभाग के अधिकारियों द्वारा कोई कारर्वाई न करना अधिकारियों की संलिप्तता की ओर इशारा कर रहा है।
धांधली- शिमला में खुले आम बेची जा रही नकली और एक्सपायरी डेट की दवाएं, बागवानी विभाग के अधिकारी नींद में सोए, शिकायत के बाद भी नहीं होता एक्शन, अब सीएम ने कहा-करेंगे जांच https://a4applenews.com/himachal-pradesh/50496.htm
कार्रवाई न होने से निराश बागवानों ने बागवानी मंत्री के रामपुर बुशहर आनी दौरे के दौरान 4 स्थानों पर तथ्यों सहित मंत्री को लिखित शिकायत देकर कार्रवाई की मांग की लेकिन मंत्री की चुप्पी ने सरकार की मंशा पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
यूँ मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने जांच के आदेश दिए थे लेकिन लगता है ये आदेश भी हवा हवाई हो गए हैं और अधिकारी अपनी मस्ती में खुश हैं कि सरकार बागवानों की शिकायत पर कोई गौर नहीं कर रही। इधर बागवानों ने ठान लिया है कि अब और नहीं ठगने देंगे।