IMG_20220716_192620
IMG_20220716_192620
previous arrow
next arrow

अपनी मातृभाषा में बातचीत करने में गौरव का अनुभव करें लोग, इन भाषाओं में वैज्ञानिक और तकनीकी शब्‍दावली में सुधार लाने की जरूरत- उपराष्‍ट्रपति

एप्पल न्यूज़, दिल्ली

उपराष्‍ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने विभिन्‍न भारतीय भाषाओं में साहित्यिक ग्रंथों के अनुवादों की संख्‍या बढ़ाने के लिए सक्रिय तथा ठोस प्रयासों की अपील की। इस संबंध में उन्‍होंने क्षेत्रीय भारतीय साहित्‍य की समृद्ध धरोहर को लोगों की मातृभाषाओं में सुलभ कराने के लिए अनुवाद में प्रौद्योगिकीय उन्‍नति का लाभ उठाने का सुझाव दिया।
नायडू ने विशेष रूप से कृष्‍णदेवार्या के ‘’अमुक्तमाल्यदा’ जैसे ग्रंथ का अन्‍य भारतीय भाषाओं में अनुवाद करने में पोट्टीश्रीरामुलू तेलुगू विश्वविद्यालय जैसे संस्‍थानों की सराहना की। उन्‍होंने भारत में विभिन्‍न भाषाओं के उपयोग को संरक्षित करने तथा बढ़ावा देने के लिए ऐसे विश्‍वविद्यालयों से इस प्रकार के और प्रयासों की अपील की।

तेलुगू विश्वविद्यालय के स्‍थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए उपराष्‍ट्रपति ने विभिन्‍न शोध पहलों के माध्‍यम से तेलुगू भाषा साहित्‍‍य और इतिहास को सं‍रक्षित करने के लिए विश्‍वविद्यालय की प्रतिबद्धता की सराहना की। उन्‍‍होंने आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्‍‍यमंत्री स्वर्गीय एन टी रामाराव को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्‍होंने विश्वविद्यालय की स्थापना करने की पहल की। उन्‍होंने विश्वविद्यालय को विकसित करने तथा तेलुगू भाषा और संस्‍कृति के ध्‍येय को और आगे बढ़ाने में तेलंगाना राज्‍य सरकार तथा मुख्यमंत्री श्री के चन्‍द्रशेखर राव के प्रयासों की भी सराहना की।
यह देखते हुए कि भूमंडलीकरण का व्‍यापक प्रभाव है, उपराष्ट्रपति ने जोर देकर कहा कि यह अनिवार्य रूप से सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि युवा अपनी सांस्‍कृतिक विरासत से संपर्क बनाए रखे। पहचान बनाने तथा युवाओं में आत्मविश्‍‍वास को बढ़ावा देने में भाषा के महत्व को देखते हुए श्री नायडू ने कहा कि लोगों को अपनी मातृभाषा में बोलने में गर्व का अनुभव करना चाहिए।

नायडू ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 का लक्ष्‍य भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देना तथा बच‍चों की मातृभाषा में प्राथमिक शिक्षा को प्रोत्‍साहित करना है। उन्होंने कहा कि अनिवार्य रूप से उच्‍चतर शिक्षा तथा तकनीकी पाठ्यक्रमों के लिए भी शिक्षा का माध्यम मातृभाषा होनी चाहिए।
इस संबंध में, श्री नायडू ने विश्‍वविद्यालयों से भारतीय भाषाओं में उन्नत अनुसंधान करने तथा भारतीय भाषाओं में वैज्ञानिक और तकनीकी शब्दावली में सुधार लाने का सुझाव लाने की अपील की, जिससे कि उनकी व्‍यापक पहुंच तथा शिक्षा क्षेत्र में उपयोग को सुगम बनाया जा सके।
इस अवसर पर उपराष्‍ट्रपति ने कवि एवं आलोचक डॉ. कुरेल्‍ला विट्टलाचार्य तथा कुच्चिपुडी नृत्‍य के जानकार कला कृष्णा को पुरस्कार प्रदान किया।

बाद में, नायडू ने भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा विश्वविद्यालय में आयोजित एक भारत श्रेष्ठ भारत की चित्र प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। आगन्तुक पुस्तिका में लिखने के दौरान उपराष्ट्रपति ने तेलंगाना और हरियाणा के जोड़ीदार राज्यों की संस्‍‍कृति को प्रदर्शित करने में आयोजकों के प्रयासों की सराहना की। लोगों को प्रदर्शनी में भाग लेने के लिए प्रोत्‍साहित करते हुए उन्होंने लिखा कि ऐसी पहलें जोड़ीदार राज्यों की समृद्ध सांस्‍कृतिक विरासत को प्रचारित करने तथा लोगों के बीच आपसी संपर्कों को बढ़ावा देने में महत्‍‍वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
तेलंगाना राज्‍य के गृहमंत्री मोहम्मद महमूद अली, तेलंगाना राज्‍य प्‍लानिंग बोर्ड के उपाध्यक्ष बी विनोद कुमार, तेलुगू विश्‍‍वविद्यालय के कुलपति थंगेडा किशनराव, पंजीकार भटटू रमेश, छात्रों, कर्मचारियों तथा अन्य लोगों ने कार्यक्रम में भाग लिया।   

Share from A4appleNews:

Next Post

हिमाचल सरकार अन्य पिछड़ा वर्ग से सम्बन्धित मामलों का समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध- CM

Mon Dec 13 , 2021
एप्पल न्यूज़, धर्मशाला मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने धर्मशाला में हिमाचल प्रदेश पिछड़ा वर्ग कल्याण बोर्ड की 12वीं बैठक की अध्यक्षता की। बैठक को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के अधिक से अधिक लोगों को लाभान्वित करने के लिए वर्ष 2018 में […]

You May Like

Breaking News