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वीरेंद्र चौहान बने संयुक्त कर्मचारी महासंघ हिमाचल प्रदेश के अध्यक्ष, सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई लड़ने को विवश कर्मचारी

एप्पल न्यूज़, शिमला

वीरवार को शिमला के कालीबाड़ी हॉल में हिमाचल प्रदेश के सभी विभागों, बोर्डों ,निगमों के संगठनों के पदाधिकारियों ने शिरकत कर हिमाचल के इतिहास में एक नया अध्याय लिखते हुए सभी कर्मचारी नेताओं ने अपने व्यक्तिगत मतभेद और स्वार्थों को भूलकर कर्मचारी हितैषी होने का जो परिचय दिया है उसको हिमाचल प्रदेश के कर्मचारी लंबे समय तक याद करेंगे।


इस कड़ी में 15 विभागों के 25 से अधिक राज्य संगठन ने एक संयुक्त रूप से संयुक्त कर्मचारी महासंघ हिमाचल प्रदेश नाम से कर्मचारी संगठन का गठन किया जिसकी जिम्मेदारी वीरेंद्र चौहान को सौंपी गई और महामंत्री का दायित्व हीरा लाल वर्मा तथा वित्त सचिव का दायित्व खैमेंद्र गुप्ता और चीफ एडवाइजर पद पर एनजीओ के बहुत ही प्रमुख और मंझे हुए खिलाड़ी विनोद कुमार को दायित्व दिया गया।

उसके साथ चीफ पैटर्न का दायित्व एचआरटीसी के सभी कर्मचारी संगठनों के प्रमुख प्यार सिंह को दिया गया और पैटर्न का दायित्व शिक्षा विभाग के वरिष्ठ और राजकीय अध्यापक संघ के सलाहकार सरोज मेहता को दिया गया।
इसके साथ साथ यह भी निर्णय लिया गया कि सभी बड़े विभागों को उपाध्यक्ष के पद का दायित्व दिया जाएगा और साथ ही कार्यकारिणी में अन्य पदों पर अलग-अलग विभागों से कर्मचारी नेताओं को जोड़ा जाएगा।
उसी तरह से संगठन को जिला और खंड सर पर कार्यकारिणी बनाकर मजबूत करने का संघ कार्य करेगा।
सयुक्त कर्मचारी महासंघ की नई कार्यकारिणी बनने के बाद सभी विभागों के प्रदेश अध्यक्षों और उनकी कार्यकारिणी और इस महासंघ के पदाधिकारियों ने एक संयुक्त प्रेस वार्ता का आयोजन किया और उस प्रेस वार्ता के माध्यम से संयुक्त कर्मचारी महासंघ का अगला एजेंडा और आने वाली दिनों में संघ किस तरह से सभी कर्मचारी एवं पेंशनरों के लिए लड़ाई लड़ेगा उस पर सभी पदाधिकारियों ने अपनी अपनी बात रखी।

बैठक में यह तय किया गया कि आने वाले कल संयुक्त कर्मचारी महासंघ के द्वारा सरकार और वित्त विभाग के अधिकारियों को एक मेमोरेंडम दिया जाएगा जिसमें छठे वेतन आयोग की अनियमितताओं को दूर कर पंजाब के समकक्ष वेतन देने और भत्ते देने की बात कही जाएगी।

साथ ही पेंशनरों के लिए भी नया वेतनमान शीघ्र जारी करने का प्रस्ताव रखा जाएगा और सरकार को इस मांग को पूरा करने के लिए 14 दिन का समय दिया जाएगा और उसके बाद सयुक्त कर्मचारी महासंघ सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई लड़ने में विवश होगा जिसका पूरा दायित्व वित्त विभाग के अधिकारियों व सरकार का होगा।

इस महामारी को नियंत्रित होते ही महासंघ के द्वारा एक आम जनरल हाउस बुलाया जाएगा। जिसमें अन्य मुद्दों को एजेंडे में डालकर अलग-अलग विभागों के कर्मचारियों की समस्याओं को हल करने का प्रयास किया जाएगा।

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