एप्पल न्यूज़, शिमला
राष्ट्रीय जनसम्पर्क दिवस के मौके पर PRSI शिमला चैप्टर द्वारा सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग सभागार में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसकी अध्यक्षता निदेशक हरबंस सिंह ब्रसकोन ने की। इस वर्ष के थीम “विश्वास का बढ़ाएं हाथ- एक नए युग की स्थापना, जन सम्पर्क के साथ” विषय के लिए बतौर मुख्य वक्ता निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग के सदस्य डॉ शशिकांत मौजूद रहे।
शिमला चैप्टर के अध्यक्ष प्रदीप कंवर ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया और शॉल व टोपी पहनकर उनका स्वागत किया। ततपश्चात प्रदीप कंवर ने सभी का स्वागत किया और राष्ट्रीय अध्यक्ष अजीत पाठक का संदेश पढ़कर सुनाया। उन्होंने कहा कि जनसम्पर्क आवश्यक था, है और रहेगा। इसकी महत्वता लगातार बरकरार रहेगी। उन्होंने PRSI के इतिहास पर भी प्रकाश डाला।
इस मौके पर मुख्य वक्ता शशिकांत नेअपने सम्बोधन में इस बात पर विशेष बल दिया कि जन सम्पर्क और मीडिया व्यवसायियों को बिना किसी भय या दबाव के सच्चाई को सामने लाने के उद्देश्य से काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह सबसे महत्वपूर्ण है कि समाज को समृद्धि और विकास के पथ पर अग्रसर करने के लिए विश्वसनीय तरीके से कार्य किया जाए।
प्रो. शशिकांत ने कोरोना महामारी का उदाहरण देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बनाए गए विश्वास के कारण ही देश की जनता ने महामारी के विरूद्ध सफलतापूर्वक लड़ाई लड़ी। उन्होंने कहा कि भारत ने न केवल विश्व का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चलाया, बल्कि अन्य देशों को भी वैक्सीन की आपूर्ति सुनिश्चित की। उन्होंने कहा कि इसी तरह उनके द्वारा अर्जित विश्वास के कारण ही देश की जनता भारत सरकार की विभिन्न नीतियों और कार्यक्रमों से आश्वस्त है और आज हम विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर हैं।
उन्होंने जन सम्पर्क और मीडिया व्यवसायियों से पूरे समाज को लाभान्वित करने के लिए सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों के अलावा विभिन्न महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दों के बारे में जन जागरूकता पैदा करने का आग्रह किया।
उन्होंने जन सम्पर्क एवं मीडिया व्यवसायियों से सरकार की नीतियों एवं योजनाओं के प्रचार के अतिरिक्त विभिन्न बड़े सामाजिक मुददों पर जन जागरूकता लाने का आग्रह किया।
इस अवसर पर हरबंस सिंह ब्रसकोन ने सभी को बधाई देते हुए कहा कि हमें किसी लक्ष्य को लेकर जनता तक पहुंचने की चेष्टा करनी चाहिए। इसके लिए संवाद बेहद जरूरी है। पीआर का सबसे बड़ा कार्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं और नीतियों को जनता तक पहुंचाना है जिसके लिए आधुनिक और पुरातन टूल्स का इस्तेमाल किया जाता है। प्रिंट, फोक मीडिया के साथ ही सोशल मीडिया टूल्स का भी इस्तेमाल किया जा रहा है लेकिन लक्ष्य साधना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि प्रोफेशनल स्किल, विश्वास और व्यवहार बेहद जरूरी है। ताकि लोगों तक विश्वसनीय सूचनाएं लोगों तक पहुंचे।
सरकार के प्रयासों से आज हिली स्टेटस में कई इंडिकेटर्स में अग्रणी है और ये सब सरकार के निरंतर प्रयासों से सम्भव हुआ है। पीआर में ईगो का कोई स्थान नहीं। व्यवहार कुशलता होनी चाहिए। पीआर अच्छा है तो लक्ष्य हासिल होगा ही और हमारा समाज आगे बढ़ेगा।
ब्रसकोन ने कहा कि विश्वास मानव जीवन का सबसे महत्वपूर्ण घटक है, जिसमें संवाद और संचार निर्णायक भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि जन सम्पर्क व्यवसायियों को लोगों का विश्वास जीतने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए तथा मीडिया के विभिन्न साधनों का उपयोग करके वांछित लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए कार्य करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जन सम्पर्क व्यवसायियों को सरकार की कल्याणकारी नीतियों और कार्यक्रमों के प्रचार-प्रसार के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम करना चाहिए ताकि अधिक से अधिक लोग इनसे लाभान्वित हो सकें। उन्हें विश्वसनीय दृष्टिकोण, अच्छे आदर्शों और सभ्य आचरण के साथ काम करना चाहिए ताकि जनता उन पर भरोसा कर सके।
पीआरएसआई शिमला चैप्टर के सचिव रणवीर वर्मा ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि वर्ष 1958 में पीआरएसआई का गठन जन सम्पर्क को एक व्यवसाय के रूप में बढ़ावा देने तथा इसे सुदृढ़ करने के उद्देश्य से किया गया था। उन्होंने कहा कि इस वर्ष मीडिया तथा जन सम्पर्क व्यवसायियों के लिए विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जाएंगी।
पीआरएसआई के राष्ट्रीय परिषद् के सदस्य यादविन्द्र चौहान, हिप्र विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जन संचार विषय के विभागाध्यक्ष प्रो. विकास डोगरा, प्रो. अजय कुमार, अन्य सदस्य तथा सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी इस सम्मेलन में उपस्थित थे।