SJVN Corporate ad_E2_16x25
SJVN Corporate ad_H1_16x25
previous arrow
next arrow
IMG-20240928-WA0004
IMG_20241031_075910
previous arrow
next arrow

नई बीमारियों को जन्म देगा नया वर्ष, पंडित शशिपाल डोगरा ने वर्ष 2023 के लिए की कई भविष्यवाणियां

IMG-20240928-WA0003
SJVN Corporate ad_H1_16x25
SJVN Corporate ad_E2_16x25
Display advertisement
previous arrow
next arrow

एप्पल नेवस, शिमला

वशिष्ठ ज्योतिष सदन के अध्यक्ष व अंक गणना विद्वान पंडित शशि पाल डोगरा ने वर्ष 2023 को लेकर अपनी गणना की है। उन्होंने इसे लेकर कई भविष्यवाणियां भी की है।

उनके मुताबिक वर्ष 2023 का शुरू होने वाला सन ईस्वी वर्ष का 2+0+2+3=7 अंक बनता है। यह 7 अंक केतु का अंक है। यह अंक मानव जीवन में अत्याधिक महत्व होने के कारण सभी धर्मों में गूढ़ अंक के रूप में भी माना जाता है।

क्योकि 7 अंक केतु का अंक है। इसलिए यह अपने अंदर रहस्य को छुपा कर रखता है और इस अंक का बहुत अधिक प्रभाव मनुष्य के जीवन पर पड़ता है।


पंडित डोगरा कहते हैं कि सृष्टि में भी इस अंक का विशेष महत्त्व है। अंक 7 की ही देन से सात महासागर, सात सुर देवता, इंद्र धनुष के भी सात रंग है।

केतु जो राहु का ही एक भाग है। जहां राहु सिर है तो केतु गर्दन से नीचे, बाकि शरीर का निचला भाग है। यहां राहु वाणी को ख़राब करता है।

वहीं केतु दिशाहीन करता है, क्योंकि यह बिना सिर का है। केतु जो भी करता है अचानक ही करता है और मंगल की तरह अग्नि तत्व ग्रह है, जो अचानक ही प्रभाव डालता है। इस कारण राजनीतिक अवसाद भी अचानक देता है, व्याधि या अड़चन भी अचानक देता है।
पंडित डोगरा के मुताबिक 2023 का यह वर्ष आधी व्याधि वाला रहेगा। अचानक ही किसी नई बीमारी को जन्म दे सकता है। इस कारण जनता में हाहाकार हो सकती है।

इस हाहाकार के बढ़ने के प्रभाव को ज़्यादा कर देगा, जब हिन्दू नव संवत भी 22 मार्च 2023 को 2+2=4 अंक राहु पर शुरू होने जा रहा है।
पंडित डोगरा कहते हैं कि राहु शमशान का कारक है एवं शमशान योग को निमंत्रण देता है। जो अंक ज्योतिष के हिसाब से केतु व राहु के बीच का कालसर्फ योग बना रहा है।

केतु का पहले आना व राहु का बाद में आना, संसार में स्थिति को और भी रहस्यमय बना देगा। मालूम ही नहीं होगा कि क्या होने जा रहा है। उनका कहना है कि विश्व का (5+6+9+3+4=27=2+7=9) का 9 अंक, मंगल का अंक है। मंगल अग्नि तत्व ग्रह है। केतु के प्रभाव को ज़्यादा कर देगा और केतु यहां समुद्र पार व्याधि और बीमारी को अत्यधिक कर देगा। देश व दुनिया में फिर से परेशानी में डाल सकता है।

देश की जनता को बचाने में मिलेगी कामयाबी और विदेश में डंका बजेगा

पंडित डोगरा के मुताबिक भारत वर्ष का अंक एक है जो सूर्य का अंक है। सूर्य सत्ता और शासन का कारक है। भारत वर्ष की सरकार इस व्याधि से अपनी स्थायी नीति से और वायु यात्रा कुछ स्थानों को बढ़िया कर अपने देश की जनता को बचाने में किसी हद तक कामयाबी को प्राप्त कर सकती है और विदेश में अपना डंका बजा सकती है।

वहीं, हिमाचल प्रदेश का भी 9 अंक बनता है। 9 अंक एक पूर्णांक भी है। जो देवभूमि की 9 शक्तियों का कारक है। इस कारण देवशक्ति में आस्था होने के प्रभाव से यह प्रदेश बचा रह सकता है।
उनका कहना है कि केतु का 7 अंक व राहु के 4 अंक के बीच में आने के कारण बड़े-बड़े नेताओं को खोने का भय और युवाओं को संकट का समय रहेगा। केतु युवाओं को नशे में धकेल देगा। इस कारण देश के कुछ प्रदेशों में अल्प मृत्यु का योग बना रहा है।

वह कहते हैं कि केतु के कारण अचानक राजनीतिक संकट भी पैदा होगा। इस कारण देशभर में सरकारें संकट में आ जाएगी। केतु बिना दिशा का है इसलिए नेताओं को निर्णय लेने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। कुछ नेताओं का जेल यात्रा का योग भी है।

Q इस वर्ष में बहुत से गुप्त रहस्य भी सबके सामने आने का योग है। बचाव के लिए शिव की पूजा करें व आने वाले वक्त में सरकार के नियमों का पालन करे बाकी सर्वज्ञ तो ईश्वर है।

Share from A4appleNews:

Next Post

हिमाचल अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास निगम ने 4 करोड़ रुपये का लाभांश किया अर्जित

Sat Dec 24 , 2022
एप्पल न्यूज़, शिमला सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की सचिव एम. सुधा देवी की अध्यक्षता में यहां हिमाचल प्रदेश अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास निगम के निदेशक मंडल की बैठक आयोजित की गई।एम. सुधा देवी ने कहा कि निगम का गठन प्रदेश में अल्पसंख्यकों के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक उत्थान के […]

You May Like