एप्पल न्यूज़, शिमला
राजस्व, बागवानी एवं जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने आज यहां रझाणा में उद्यान विभाग की जैव नियंत्रण प्रयोगशाला का औचक निरीक्षण किया।
उन्होंने प्रयोगशाला का दौरा किया और बागवानी विशेषज्ञ से मित्र कीट और कीटनाशकों के दुष्प्रभावों पर विस्तृत चर्चा की और आवश्यक दिशा निर्देश दिए ताकि धरातल पर इस प्रयोगशाला का लाभ बागवानों को मिल सके।
इस दौरान उन्होंने प्रयोगशाला में विभिन्न जैव नियंत्रण कीटों व फफूंदों के उत्पादन का अवलोकन किया व इनके प्रयोग में गहरी दिलचस्पी दिखाई। उन्होंने जैव नियंत्रण कीटों व फफूंदों का प्रयोग कर चुके एक लाभान्वित बागवान से भी उसके अनुभवों के बारे में दूरभाष पर वार्तालाप की।
बागवान ने बताया कि उसने 2019 में प्रयोगशाला से जैव नियंत्रण कीट व फफूंद ली थी जोकि अब उसके बगीचे में अच्छी तरह पनप गए हैं तथा उसने अब रसाईयनिक दवाइयों का प्रयोग बंद कर दिया है।
कैबिनेट मंत्री ने वहां उपस्थित अधिकारीयों को इन जैव नियंत्रण कीटों व फफूंदों की पैदावार बढ़ाने व इन्हे व्यावसायिक रूप में बढ़ावा देने का निर्देश दिए और कहा कि इसके लिए सरकार द्वारा हर संभव सहायता दी जाएगी।
इस दौरान जगत सिंह नेगी ने पत्ती विश्लेषण प्रयोगशाला का भी निरीक्षण किया और कहा कि प्रयोगशाला में पत्ती विश्लेषण के लिए नई व कम समय लेने वाली विश्लेषण तकनीकों का प्रयोग किया जाए जिससे ज्यादा से ज्यादा पत्तियों के नमूनों का विश्लेषण करने में मदद मिले।
उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार बागवानों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है जिसके लिए विभिन्न कदम उठाये जा रहे हैं।
बागवानी मंत्री ने प्रयोगशाला में विभिन्न श्रेणियों के रिक्त पदों को जल्द भरने का आश्वासन भी दिया।
इस अवसर पर प्रयोगशाला के विशेषज्ञ और कर्मचारी मौजूद रहे।