एप्पल न्यूज़, शिमला
यह वो टाउन हॉल है जहां शहर की जनता द्वारा चुनी सरकार (नगर निगम)शहर के विकास के लिए निर्णय लेती है और इस लोकतंत्र के पावन स्थान को बीजेपी ने नीलाम कर दिया।
शिमला शहर में देश की एतिहासिक धरोहर नगर निगम का टाउन हॉल बीजेपी की सरकार व नगर निगम शिमला ने निजी हाथों में नीलाम कर दिया गया है।
आज निजी कम्पनी के द्वारा कानून के अनुसार जिस एतिहासिक धरोहर में एक कील लगाना भी जुर्म है उसमे सभी कायदे कानून की धज्जियां उड़ा कर इस बहुमूल्य धरोहर का चीर हरण कर दिया गया है।
टाउन हॉल राजस्व रिकॉर्ड के अनुसार नगर निगम शिमला की संपत्ति है तथा यह नगर निगम का कार्यालय है। अब उच्च न्यायालय के आदेश का हवाला देकर इसे निजी हाथों में दिया गया है।
जबकि देश के संविधान के अनुसार न्यायालय का काम कानून की सही व्याख्या कर उसको लागू करवाना है।
हमने माननीय मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि सरकार तुरन्त हस्तक्षेप कर इस एतिहासिक धरोहर का निजी कम्पनी के साथ किये गए करार को जनहित में रद्द कर इसे नगर निगम को सौंपे।
संजय चौहान
सचिव, ज़िला कमेटी
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी)
पूर्व महापौर