एप्पल न्यूज़, शिमला
हिमाचल प्रदेश में अब बिना लाइसेंस के कोई ड्रोन नहीं उड़ा सकेगा। इसको लेकर सरकार जल्द ही एक्ट में प्रावधान करेगी। शादी सहित अन्य समारोहों में आजकल ड्रोन का इस्तेमाल व्यापक स्तर पर हो रहा है। इसको लेकर सरकार ने सख्ती बरतने का फैसला लिया है।
तकनीकी शिक्षा और जनजातीय विकास मंत्री रामलाल मारकंडा ने कहा कि नागर विमानन मंत्रालय की ओर से ड्रोन प्रशिक्षण करने वालों को प्रमाणपत्र दिए जाते हैं। एक सप्ताह का यह प्रशिक्षण होता है।
जिला कांगड़ा की शाहपुर आईटीआई में प्रदेश का पहला ड्रोन प्रशिक्षण केंद्र खोला गया है। जल्द प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में भी ड्रोन प्रशिक्षण केंद्र खोले जाएंगे।
आईटीआई, पालीटेक्निक कॉलेजों और निजी संस्थानों में भी प्रशिक्षण देने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में वनों में आगजनी की घटनाएं रोकने और सेब बहुल क्षेत्रों में ड्रोन से छिड़काव किया जा सकेगा।
वहीं उन्होंने बताया कि 20 मार्च को लाहौल स्पीति के काजा में पुरुष आइस हॉकी चैंपियनशिप खत्म हुआ है। पहली बार हिमाचल प्रदेश को यह अवसर मिला था इससे पहले चैंपियनशिप लद्दाख में होते थे ।
वहीं उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में पहली बार 26 मार्च को स्नो मैराथन का आयोजन लाहौल स्पीति में किया जा रहा है । इसका मुख्य उद्देश्य है कि एडवेंचर स्पोर्ट्स को बढ़ावा दिया जा सके।