एप्पल न्यूज़, शिमला
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने यहां सभी जिलों के उपायुक्तों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में राज्य सरकार के फ्लैगशिप कार्यक्रमों हेलीपोर्ट कनेक्टिविटी, इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन तथा राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूलों की स्थापना के लिए भूमि चयन सहित अन्य कार्यों की प्रगति की समीक्षा की गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार हिमाचल को हरित राज्य के रूप में विकसित करने के लिए कई नवोन्मेषी कदम उठा रही है। इसके अंतर्गत राज्य में हेलीपोर्ट के निर्माण तथा विद्युत चलित वाहनों के उपयोग को प्राथमिकता प्रदान की जा रही है।
इसके अतिरिक्त विद्यार्थियों को अत्याधुनिक एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध करवाने के दृष्टिगत राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में स्थापित करने का निर्णय लिया गया है।
मुख्यमंत्री ने सभी जिलों के उपायुक्तों को इन तीनों फ्लैगशिप कार्यक्रमों के अंतर्गत आवश्यक भूमि की चयन प्रक्रिया में और तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिला मुख्यालय के समीप हेलीपोर्ट स्थापित करने के लिए उपयुक्त भूमि की तलाश कर जिला प्रशासन निर्धारित समयावधि में इसके हस्तांतरण की सभी औपचारिकताएं पूर्ण कर लें। उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की ओर से इसके लिए कंसलटेंट नियुक्त किया गया है और उनके द्वारा प्रदत मापदंडों का भी अनुपालन सुनिश्चित किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में विद्युत चालित वाहनों के अधिकाधिक उपयोग को प्रदेश सरकार सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान कर रही है और इनके चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए आवश्यक भूमि का चयन एवं इसे परिवहन विभाग के नाम हस्तांतरित करने की प्रक्रिया शीघ्रातिशीघ्र पूरी की जाए। उन्होंने कहा कि राज्य से गुजरने वाले फोरलेन मार्गों, राष्ट्रीय उच्च मार्गों और अन्य प्रमुख सड़कों के किनारे निर्धारित दूरी पर चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए सभी जिलों में लक्षित प्रयास किए जाने चाहिए।
उन्होंने कहा कि प्रमुख सड़क मार्गो में चार्जिंग स्टेशन की स्थापना के साथ ही वहां पर रुकने वाले वाहन चालकों तथा सवारियों को खान-पान तथा अन्य आवश्यक सुविधाएं भी प्रदान की जा सकें, इसके अनुरूप अधिक भूमि की आवश्यकता रहेगी और सभी उपायुक्त इन बिंदुओं को भी ध्यान में रखें।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में स्थापित होने वाले राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूलों के लिए कम से कम 50 बीघा अथवा 100 कनाल भूमि की आवश्यकता रहेगी।
यह भूमि जिला मुख्यालय, उपमंडल अथवा ब्लॉक व तहसील मुख्यालय से 4 से 5 किलोमीटर की परिधि में होनी चाहिए ताकि इन स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को 10 से 15 मिनट की दूरी पर सुगठित एकीकृत परिसर में बेहतर शिक्षा सुविधा उपलब्ध हो सके। उन्होंने कहा कि इन स्कूलों में खेल अधोसंरचना का भी विकास किया जाना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह तीनों फ्लैगशिप कार्यक्रम प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता हैं और सभी उपायुक्त समयबद्ध इनके क्रियान्वयन के लिए लक्षित होकर कार्य करें। उन्होंने कहा कि भूमि चयन से संबंधित मामलों के निस्तारण के लिए सभी उपायुक्त नोडल ऑफिसर के रूप में कार्य करेंगे और जिला स्तर पर ही समन्वय स्थापित करते हुए इन मामलों का निपटारा कर आगामी 10 फरवरी से पूर्व उन्हें अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।
उन्होंने कहा कि वन भूमि इत्यादि से संबंधित आपत्तियों को निस्तारित करने के लिए तत्काल कदम उठाए जाने चाहिए। इसके लिए विकसित ऑनलाइन प्रक्रिया का अधिक से अधिक उपयोग करते हुए निर्धारित समयावधि में इसे पूरा किया जाए।
मुख्यमंत्री ने आवश्यकता पड़ने पर इन परियोजनाओं के लिए निजी भूमि के हस्तांतरण के निर्देश देते हुए कहा कि प्रदेश की जनता को अधिक से अधिक सुविधाएं उपलब्ध करवाने के दृष्टिगत इन कार्यों का समयबद्ध पूर्ण होना सुनिश्चित किया जाए।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न परियोजनाओं के लिए प्रदत भूमि में से जो अनुपयोगी भूमि होगी उसका भी इन परियोजनाओं के लिए उपयोग किया जा सकता है और सभी उपायुक्त संबंधित परियोजनाओं से इस विषय में मामला उठाएं।
उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन के आसपास वे-साइड एमेनिटीज विकसित कर इसे संयुक्त पर्यटन के दृष्टिकोण से भी विकसित किया जाना चाहिए। उन्होंने चार्जिंग स्टेशनों को प्रचुर लोड ऑग्मेंटेशन (विद्युत भार वृद्धि) के लिए हिमाचल प्रदेश विद्युत बोर्ड और ऊर्जा विभाग को आवश्यक निर्देश दिए।
बैठक में प्रधान सचिव राजस्व, ओंकार चंद शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, सचिव शिक्षा, डॉ. अभिषेक जैन सहित अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शिमला में मुख्यमंत्री के साथ उपस्थित थे, जबकि निदेशक परिवहन अनुपम कश्यप सहित सभी जिलों के उपायुक्त वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से बैठक में जुड़े।