एप्पल न्यूज, शिमला
हिमाचल प्रदेश में आउटसोर्स भर्तियों को लेकर जारी कानूनी विवाद में सरकार को राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश उच्च न्यायालय (हाई कोर्ट) के अंतरिम आदेशों पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार को स्टे (अस्थायी राहत) प्रदान कर दिया है। अब इस मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी।
पूरा मामला क्या है?
वर्ष 2022 की आउटसोर्स भर्तियों को लेकर हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें याचिकाकर्ता ने भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठाए थे।
इसके बाद, जब वर्तमान में भी आउटसोर्स के आधार पर नई भर्तियाँ शुरू की गईं, तो याचिकाकर्ता ने इस पर भी आपत्ति जताई।

इस पर हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान (Suo Moto Cognizance) लेते हुए मौजूदा भर्तियों पर भी रोक लगा दी।
हाई कोर्ट की चिंता:
- क्या फिनायल बनाने वाली कोई कंपनी नर्सों की भर्ती कर सकती है?
- आउटसोर्स भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता है या नहीं?
- सरकार ने भर्तियों को किस मापदंड के आधार पर अनुमति दी?
सुप्रीम कोर्ट का दखल और सरकार को राहत
हाई कोर्ट के आदेश से प्रदेश में सभी आउटसोर्स भर्तियाँ रुक गई थीं, जिससे सरकार को काफी परेशानी हो रही थी। प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर हाई कोर्ट के आदेशों पर रोक लगाने की माँग की।
इस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेशों को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया और सरकार को चार सप्ताह तक भर्ती प्रक्रिया जारी रखने की अनुमति दे दी।
सरकार का पक्ष:
प्रदेश के एडवोकेट जनरल अनूप रत्न ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आउटसोर्स भर्ती का रास्ता साफ हो गया है।
उन्होंने कहा कि सरकार आउटसोर्स के माध्यम से युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के पक्ष में है, क्योंकि नियमित सरकारी भर्तियों में अधिक समय लगता है, जिससे सरकारी कामकाज प्रभावित होता है।
हाई कोर्ट में क्यों उठे सवाल?
हाई कोर्ट में मामला तब गंभीर हो गया जब जेके इंटरप्राइजेज नामक कंपनी द्वारा आउटसोर्स भर्ती प्रक्रिया को लेकर याचिका दायर की गई।
- याचिका में पूछा गया कि सरकार किस प्रक्रिया के तहत निजी कंपनियों को भर्ती का ठेका दे रही है?
- सरकार की ओर से दिए गए जवाब से हाई कोर्ट संतुष्ट नहीं हुआ और उसने भर्तियों पर रोक लगाने का अंतरिम आदेश जारी कर दिया।
- मामला 31 दिसंबर को हुई सुनवाई के दौरान उठा, जिसमें हाई कोर्ट ने सरकार की प्रक्रिया पर नाराजगी जताई।
अब आगे क्या होगा?
- सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल सरकार को राहत देते हुए भर्तियों पर लगी रोक हटा दी है।
- चार सप्ताह बाद फिर से सुनवाई होगी, जिसमें अंतिम फैसला आ सकता है।
- यदि सुप्रीम कोर्ट सरकार के पक्ष में फैसला देता है, तो भविष्य में आउटसोर्स भर्तियों का सिलसिला जारी रहेगा।
- अगर सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेशों को सही ठहराया, तो भर्ती प्रक्रिया में बड़े बदलाव संभव हैं।
बेरोजगार युवाओं के लिए क्या मतलब?
इस फैसले से राज्य के उन हजारों युवाओं को राहत मिली है, जो आउटसोर्स भर्ती के माध्यम से नौकरी की उम्मीद कर रहे थे।
यदि सरकार की ओर से सही तर्क प्रस्तुत किए जाते हैं और सुप्रीम कोर्ट इसका समर्थन करता है, तो आने वाले समय में राज्य में बड़ी संख्या में भर्ती हो सकती हैं।
फिलहाल, हिमाचल प्रदेश में आउटसोर्स भर्तियों पर लगी रोक हटा दी गई है, जिससे सरकार को प्रशासनिक कामकाज चलाने में राहत मिलेगी।
हालांकि, यह मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है, और अगले चार सप्ताह बाद इसकी अंतिम सुनवाई होगी। तब तक, प्रदेश सरकार भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ा सकती है।