एप्पल न्यूज, शिमला
हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के हित में एक अहम फैसला लिया है। अब कोई भी सरकारी कर्मचारी या अधिकारी यदि अपने ट्रांसफर आदेश से असंतुष्ट है, तो वह इसके खिलाफ संबंधित अधिकारी को रिप्रेजेंटेशन (अपील) दे सकता है।
यह निर्णय सरकारी कर्मचारियों को राहत देने के साथ-साथ प्रशासनिक प्रक्रियाओं को अधिक पारदर्शी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
इस नई व्यवस्था से हिमाचल प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को एक बड़ा राहतभरा विकल्प मिला है। अब वे मनमाने ट्रांसफर आदेशों के खिलाफ आवाज उठा सकेंगे और जल्दी व निष्पक्ष न्याय प्राप्त कर सकेंगे।

इससे प्रशासन पर भी अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा और न्यायिक व्यवस्था पर भी ट्रांसफर मामलों का दबाव कम होगा।
अब तक क्या था नियम?
हिमाचल सरकार अब भी 2013 में बनाए गए कंप्रिहेंसिव गाइडिंग प्रिंसिपल्स के तहत तबादला नीति का पालन करती है।
इसमें कर्मचारियों के पास ट्रांसफर आदेश के खिलाफ अपील करने का कोई प्रावधान नहीं था। ऐसे में यदि कोई कर्मचारी अपने ट्रांसफर से असंतुष्ट होता, तो उसे सीधे कोर्ट जाना पड़ता था।
इससे कोर्ट पर अनावश्यक केस लोड बढ़ता और मामलों का निपटारा लंबित रहता था।
नए नियमों के तहत क्या बदलेगा?
सरकार ने 2013 की ट्रांसफर गाइडलाइंस में पैरा नंबर 22-ए जोड़कर यह बदलाव किया है। अब कर्मचारी ट्रांसफर आदेश के खिलाफ उसी अधिकारी को लिखित रूप में अपनी आपत्ति दर्ज कर सकते हैं, जिसके हस्ताक्षर से आदेश जारी हुए हैं।

इस प्रक्रिया के तहत:
- रिप्रेजेंटेशन देने का अधिकार:
- यदि किसी कर्मचारी को लगे कि उसका तबादला उचित नहीं है, तो वह संबंधित अधिकारी को अपनी आपत्ति दर्ज करवा सकता है।
- यह प्रक्रिया ट्रांसफर आदेश जारी होने के बाद तुरंत शुरू की जा सकती है।
- 30 दिन के भीतर फैसला:
- जिस अधिकारी को अपील दी गई है, उसे 30 दिनों के भीतर इस पर निर्णय लेना होगा।
- यदि कर्मचारी की आपत्ति सही पाई जाती है, तो उसका ट्रांसफर आदेश रद्द किया जा सकता है और उसे अपनी पुरानी पोस्टिंग पर वापस लौटने की अनुमति होगी।
- कोर्ट जाने से पहले विभागीय स्तर पर समाधान:
- पहले कर्मचारियों को अपने तबादले को रद्द करवाने के लिए हाईकोर्ट या ट्रिब्यूनल जाना पड़ता था।
- अब उन्हें पहले विभागीय स्तर पर ही अपनी समस्या का समाधान निकालने का अवसर मिलेगा।
- इससे कोर्ट पर केस का बोझ कम होगा और कर्मचारियों को तेजी से न्याय मिलेगा।
तबादलों पर लगी रोक और नई नीति
हिमाचल प्रदेश में वर्तमान में तबादलों पर प्रतिबंध लगा हुआ है। केवल मुख्यमंत्री के विशेष आदेश से ही ट्रांसफर किए जा सकते हैं।
हालांकि, अप्रैल 2025 में जब नया शिक्षा सत्र शुरू होगा, तब सरकार इस रोक को हटा देगी और कर्मचारियों को सामान्य तबादलों के लिए आवेदन करने का मौका मिलेगा।
इस बार होने वाले ट्रांसफर में कर्मचारियों को पहले अपने विभाग के पास ही रिप्रेजेंटेशन देने का मौका मिलेगा, जिससे प्रशासनिक प्रक्रियाएं अधिक सुगम और पारदर्शी बनेंगी।
सरकार का उद्देश्य और संभावित लाभ
- कर्मचारियों को न्यायसंगत प्रक्रिया का लाभ देना।
- कोर्ट में अनावश्यक मुकदमों की संख्या को कम करना।
- ट्रांसफर पॉलिसी को अधिक पारदर्शी और सुगम बनाना।
- कर्मचारियों को मनमाने ट्रांसफर से बचाने के लिए उन्हें अपील का अधिकार देना।
इस नए बदलाव से हिमाचल प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों को बड़ी राहत मिलेगी और ट्रांसफर प्रक्रिया अधिक पारदर्शी होगी।