एप्पल न्यूज, शिमला
हिमाचल प्रदेश सरकार ने शिक्षकों और छात्रों की उपस्थिति को ऑनलाइन ट्रैक करने के लिए विद्या समीक्षा केंद्र (VSK) स्मार्ट उपस्थिति मोबाइल ऐप लॉन्च किया है।
एक अप्रैल 2025 से यह सिस्टम पूरे प्रदेश में लागू होगा, जिससे मैनुअल हाजिरी प्रणाली समाप्त हो जाएगी।
इस नई डिजिटल उपस्थिति प्रणाली का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों की अनुशासनहीनता पर रोक लगाना और छात्रों की उपस्थिति पर निगरानी बनाए रखना है।
नई व्यवस्था के मुख्य बिंदु:
- मैनुअल हाजिरी खत्म – अब शिक्षकों और छात्रों की हाजिरी ऑनलाइन लगेगी।
- VSK ऐप से ट्रैकिंग – स्कूल परिसर में पहुंचने पर ही शिक्षकों की हाजिरी लगेगी।
- समय से पहले जाने पर अलार्म – शिक्षक तय समय से पहले स्कूल छोड़ते हैं, तो अलार्म बजेगा।
- मोबाइल ऐप के जरिए उपस्थिति – स्कूल के प्रमुख को ऐप डाउनलोड करना होगा, जिससे सभी शिक्षक व स्टाफ अपनी हाजिरी लगाएंगे।
- रियल-टाइम मॉनिटरिंग – राज्य और जिला स्तर पर डैशबोर्ड के जरिए उपस्थिति ट्रैक की जाएगी।
- 14 लाख छात्रों का डाटा अपलोड – पूरे प्रदेश के स्कूलों के छात्रों और शिक्षकों का डाटा डिजिटल रूप में संरक्षित किया गया है।

नई ऑनलाइन हाजिरी प्रणाली के मुख्य पहलू
1. शिक्षकों और छात्रों की ऑनलाइन उपस्थिति
पहले शिक्षकों और छात्रों की उपस्थिति मैन्युअली दर्ज की जाती थी, जिससे कई बार गड़बड़ियां होती थीं। अब सभी स्कूलों में उपस्थिति ऑनलाइन दर्ज की जाएगी, जिससे हाजिरी प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और प्रभावी होगी।
2. विद्या समीक्षा केंद्र (VSK) ऐप के माध्यम से ट्रैकिंग
- शिक्षकों की उपस्थिति तब तक दर्ज नहीं होगी जब तक वे स्कूल परिसर में नहीं पहुंचते।
- VSK ऐप जीपीएस और अन्य तकनीकों का उपयोग करेगा, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि शिक्षक वास्तव में स्कूल में उपस्थित हैं।
- यह कदम उन शिक्षकों पर अंकुश लगाने के लिए है जो बिना किसी उचित कारण के गैरहाजिर रहते हैं या देर से स्कूल पहुंचते हैं।
3. समय से पहले स्कूल छोड़ने पर अलार्म बजना
- यदि कोई शिक्षक निर्धारित समय से पहले स्कूल छोड़ता है, तो यह सॉफ़्टवेयर स्वतः अलर्ट जारी करेगा।
- इससे यह सुनिश्चित होगा कि शिक्षक अपनी पूरी ड्यूटी अवधि में स्कूल में उपस्थित रहें और बिना सूचना के स्कूल छोड़कर न जाएं।
4. स्कूल प्रमुख और स्टाफ को ऐप डाउनलोड करना अनिवार्य
- स्कूल के प्रमुख (प्रधानाचार्य या मुख्याध्यापक) को VSK ऐप अपने फोन में इंस्टॉल करना अनिवार्य होगा।
- सभी शिक्षकों और स्कूल स्टाफ को भी इसी ऐप के माध्यम से अपनी उपस्थिति दर्ज करनी होगी।
- यह प्रक्रिया हाजिरी के फर्जी रिकॉर्ड को रोकने में मदद करेगी।
5. रियल-टाइम मॉनिटरिंग और डैशबोर्ड प्रणाली
- राज्य और जिला स्तर पर अधिकारियों को एक डैशबोर्ड प्रदान किया गया है, जिससे वे रियल-टाइम में स्कूलों की हाजिरी की निगरानी कर सकते हैं।
- प्रत्येक स्कूल में शिक्षकों और छात्रों की उपस्थिति का रिकॉर्ड ऑनलाइन देखा जा सकेगा।
6. छात्रों की उपस्थिति पर भी निगरानी
- यह केवल शिक्षकों तक सीमित नहीं है, बल्कि छात्रों की उपस्थिति भी ऑनलाइन दर्ज होगी।
- करीब 14 लाख छात्रों का डेटा इस सिस्टम पर अपलोड कर दिया गया है, जिससे उनकी उपस्थिति को भी डिजिटल रूप से ट्रैक किया जाएगा।
- यदि कोई छात्र लगातार अनुपस्थित रहता है, तो इसके बारे में शिक्षा विभाग को तुरंत सूचना मिल जाएगी।
इस प्रणाली के संभावित प्रभाव
1. शिक्षकों की गैर-जिम्मेदाराना उपस्थिति पर रोक
- कई बार शिक्षक बिना बताए स्कूल से गायब रहते थे या फिर स्कूल देर से आते थे।
- अब यह संभव नहीं होगा, क्योंकि VSK ऐप के माध्यम से उनकी मौजूदगी की सटीक ट्रैकिंग होगी।
- इससे शिक्षकों में अनुशासन बढ़ेगा और स्कूलों में पढ़ाई का स्तर सुधरेगा।
2. छात्रों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित होगी
- इस सिस्टम के कारण छात्रों की गैरहाजिरी पर भी नजर रखी जा सकेगी।
- स्कूलों को यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी छात्र नियमित रूप से कक्षाओं में उपस्थित रहें।
- यदि कोई छात्र लगातार अनुपस्थित रहता है, तो इसकी रिपोर्ट स्वचालित रूप से शिक्षा विभाग तक पहुंच जाएगी।
3. सरकारी स्कूलों की शिक्षा गुणवत्ता में सुधार
- जब शिक्षकों की उपस्थिति बढ़ेगी और छात्र भी नियमित रूप से स्कूल आएंगे, तो पढ़ाई का स्तर स्वतः सुधर जाएगा।
- यह कदम सरकारी स्कूलों में पढ़ाई की गुणवत्ता सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
4. भ्रष्टाचार और हेराफेरी पर लगाम
- पहले कई शिक्षकों की हाजिरी फर्जी तरीके से दर्ज की जाती थी, लेकिन अब ऐसा संभव नहीं होगा।
- इस नई प्रणाली से पारदर्शिता बढ़ेगी और स्कूलों में जवाबदेही सुनिश्चित होगी।
चुनौतियां और संभावित समस्याएं
हालांकि यह प्रणाली प्रभावी होगी, लेकिन इसके क्रियान्वयन में कुछ चुनौतियां हो सकती हैं:
- इंटरनेट कनेक्टिविटी: हिमाचल प्रदेश के कई दुर्गम इलाकों में इंटरनेट कनेक्शन की समस्या है, जिससे ऑनलाइन हाजिरी प्रणाली में बाधा आ सकती है।
- तकनीकी समस्याएं: ऐप का सही ढंग से काम न करना, सर्वर डाउन रहना जैसी दिक्कतें सामने आ सकती हैं।
- शिक्षकों और स्कूल स्टाफ का विरोध: कुछ शिक्षक इस प्रणाली का विरोध कर सकते हैं, क्योंकि यह उनकी उपस्थिति को सख्ती से नियंत्रित करेगा।
- बजट और संसाधन: इस नई प्रणाली को सुचारू रूप से चलाने के लिए सरकार को अतिरिक्त बजट और संसाधनों की आवश्यकता होगी।
हिमाचल प्रदेश में ऑनलाइन हाजिरी प्रणाली एक क्रांतिकारी बदलाव है, जो शिक्षकों की जवाबदेही बढ़ाने और छात्रों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए लागू की गई है।
यह निर्णय शिक्षा क्षेत्र में पारदर्शिता लाएगा और स्कूलों में अनुशासन बनाए रखने में सहायक होगा।
हालांकि, इस प्रणाली को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए तकनीकी और प्रशासनिक चुनौतियों का समाधान करना आवश्यक है।
यदि इसे सही तरीके से लागू किया गया, तो यह हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभाएगा।