एप्पल न्यूज़, पालमपुर कांगड़ा
हिमाचल प्रदेश की शांत वादियों में एक गूंज सुनाई दी — नादान नहीं, बल्कि एक चेतावनी। पत्रकारिता की आड़ में चल रहे भ्रष्टाचार की पोल खोलने वाली यह गूंज आई राज्य सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, धर्मशाला से।
3 जून को विजिलेंस टीम ने ‘A Star News’ नामक चैनल के मालिक श्री आमिर चंद डोगरा को ₹2 लाख की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा। मामला गंभीर इसलिए भी है क्योंकि यह व्यक्ति स्वयं को पत्रकार बताता था, और अपने चैनल के माध्यम से लोगों को ब्लैकमेल कर रहा था।

शिकायतकर्ता भुवनेश चंद सूद, निवासी पालमपुर, ने साहस दिखाते हुए आरोप लगाया कि आरोपी ने उनके बेटे द्वारा की गई ज़मीन खरीद से संबंधित एक वीडियो प्रसारित करने की धमकी दी थी।
उसका मकसद साफ था — पैसे ऐंठना। न देने की स्थिति में बदनाम करने की धमकी दी गई।
इस पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 308(2) के तहत मामला दर्ज किया गया और अब जांच चल रही है।

यह घटना क्यों महत्वपूर्ण है?
पत्रकारिता लोकतंत्र का एक मजबूत स्तंभ है। इसका कार्य है — सत्ता से सवाल पूछना, जनता की आवाज़ बनना और सच को सामने लाना।
लेकिन जब कोई व्यक्ति इस मंच का उपयोग निजी लाभ, ब्लैकमेलिंग और धमकी के लिए करता है, तो न केवल कानून का उल्लंघन करता है, बल्कि पूरे पेशे की साख पर प्रश्नचिह्न लगा देता है।
समाज को क्या करना चाहिए?
- झूठे पत्रकारों की पहचान करें और सतर्क रहें।
- ऐसे मामलों की रिपोर्ट करें और कानून का सहयोग करें।
- ईमानदार पत्रकारों के साथ खड़े हों और उन्हें प्रोत्साहित करें, ताकि सच्ची पत्रकारिता जीवित रह सके।
यह घटना हमें सोचने पर मजबूर करती है कि सोशल मीडिया के इस दौर में पत्रकार कौन है, इसका निर्धारण कैमरा नहीं करता — बल्कि चरित्र करता है।
‘पत्रकारिता’ एक पेशा नहीं, एक सेवा है। और इस सेवा को बदनाम करने वालों के लिए क़ानून का डंडा चलना न केवल उचित, बल्कि आवश्यक है।
पालमपुर की यह घटना वास्तव में चिंताजनक है। जब कोई व्यक्ति पत्रकारिता जैसे गरिमामय पेशे की आड़ में भ्रष्टाचार करता है, तो न केवल वह स्वयं बदनाम होता है, बल्कि पूरे मीडिया जगत की साख पर भी प्रश्नचिह्न लग जाता है।
विजिलेंस ब्यूरो ने जिस प्रकार तत्परता दिखाते हुए कार्रवाई की, वह सराहनीय है। ऐसे मामलों में कठोर कार्रवाई आवश्यक है, ताकि यह संदेश जाए कि पत्रकारिता की आड़ में भ्रष्ट आचरण को समाज और कानून कतई बर्दाश्त नहीं करेगा।
आपके शब्दों में जो पीड़ा और सुधार की भावना है, वह स्पष्ट झलकती है। यह भी आवश्यक है कि समाज जागरूक रहे और सही व निष्पक्ष पत्रकारों को पहचान कर उनका समर्थन करे, ताकि असली पत्रकारिता सुरक्षित रह सके और समाज के हित में कार्य कर सके।
हिमाचल प्रदेश वेब मीडिया एडिटर्ज़ लगातार सरकार से मांग कर रहे हैं कि पॉलिसी को पूरी तरह से लागू करें लेकिन सरकार का विभाग इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा। नतीजा ये कि कोई भी ऐरा गैरा फोन उठाकर खुद को पत्रकार घोषित कर इस तरह लूट मार कर रहा है। जिसे रोका जाना जरूरी है।