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सुक्खू ने लगाई कैबिनेट बैठक की “हैट्रिक”, करूणामूलक रोजगार नीति में संशोधन, टांडा को नर्सिंग कॉलेज, महिलाओं को “नाइट शिफ्ट” करने की मंजूरी

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एप्पल न्यूज, शिमला

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आज यहां प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में वर्तमान करूणामूलक रोजगार नीति के संशोधन को मंजूरी प्रदान की गई। संशोधित नीति के अनुसार प्रति परिवार वार्षिक आय पात्रता मापदंड को 2.50 लाख रुपये से बढ़ाकर तीन लाख रुपये किया गया है।

करूणामूलक आधार पर नियुक्ति के लिए अब 45 वर्ष से कम आयु की विधवाओं और अभिभावक विहीन आवेदकों के साथ-साथ अपने कर्त्तव्यों के निर्वहन के दौरान जान गंवाने वाले सरकारी कर्मचारियों के आश्रितों को प्राथमिकता प्रदान की जाएगी।

इसके अतिरिक्त जिन मामलों में इस प्रकार की नियुक्ति के लिए मौजूदा पांच प्रतिशत कोटे के तहत रिक्तियां उपलब्ध नहीं है, उस स्थिति में मंत्रिमंडल ने पात्र आवेदकों को लाभान्वित करने के लिए इस कोटे में एकमुश्त छूट की अनुमति देने का निर्णय लिया है।


बैठक में सिस्टर निवेदिता राजकीय नर्सिंग कॉलेज शिमला में बीएससी नर्सिंग की सीटों की संख्या 60 से बढ़ाकर 100 करने का निर्णय लिया गया। इसके अतिरिक्त कांगड़ा के डॉ. राजेंद्र प्रसाद राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय टांडा में वार्षिक रूप से 60 सीटों की क्षमता वाले नए बीएससी नर्सिंग कॉलेज की स्थापना को मंजूरी दी गई। इसके सुचारू संचालन के लिए विभिन्न श्रेणियों के 27 पद सृजित कर पद भरने को भी मंजूरी दी गई।
मंत्रिमंडल ने दुकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में लैंगिक समानता प्रदान करने के लिए महिला कर्मियों को शाम 7 बजे से सुबह 7 बजे तक नाइट शिफ्ट में काम करने की अनुमति देने का निर्णय लिया।

ऐसे प्रतिष्ठानों में कार्यरत प्रत्येक महिला कर्मी को मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961 के प्रावधानों के तहत मातृत्व लाभ प्रदान करने का भी निर्णय लिया गया।
मंत्रिमंडल ने नालागढ़ में 300 एकड़ भूमि पर मेडिकल डिवाइस पार्क के निर्माण के लिए उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान की अध्यक्षता में एक मंत्रिमंडलीय उप-समिति के गठन को भी स्वीकृति प्रदान की। यह उप-समिति को दो माह के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
इसने हिमाचल प्रदेश लघु खनिज (रियायत) और खनिज (अवैध खनन, परिवहन और भंडारण निवारण) नियम, 2015 में संशोधन को भी मंजूरी प्रदान की। संशोधित प्रावधानों के अनुसार, सड़क काटने के कार्य में शामिल ठेकेदारों या एजेंसियों को अब जलाशय परियोजनाओं की गाद निकालने और रखरखाव के दौरान उत्पन्न सामग्री का उपयोग निजी उद्देश्यों के लिए करने की अनुमति होगी। इसके अतिरिक्त, किसी भी बचे हुए कच्चे माल या तैयार उत्पाद के साथ-साथ उत्पन्न संपूर्ण सामग्री की नीलामी निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार नामित समिति द्वारा की जाएगी।

बैठक में शिमला-धर्मशाला-शिमला हवाई मार्ग पर उड़ान संचालन के लिए राज्य सरकार और अलाईन्स एयर एविएशन लिमिटेड के मध्यम समझौता ज्ञापन को 1 जुलाई, 2025 से 30 जून, 2026 तक के लिए बढ़ाने का निर्णय लिया गया।
बैठक में हिम ऊर्जा के तहत पांच मेगावाट से कम क्षमता वाली 172 लघु जल विद्युत परियोजनाओं को रद्द करने को मंजूरी दी, जिनका काम लंबे समय से रूका हुआ था। ये परियोजनाएं अब पुनः विज्ञापित की जाएंगी।

इसके साथ ही भविष्य में जो भी पांच मेगावाट तक की परियोजनाएं दी जाएंगी, उन पर 12 प्रतिशत मुफ्त बिजली रॉयल्टी और एक प्रतिशत स्थानीय क्षेत्र विकास कोष के लिए देना अनिवार्य होगा।
मंत्रिमंडल ने पांच मेगावाट से अधिक क्षमता वाली उन 22 जलविद्युत परियोजनाओं को रद्द करने की मंजूरी दी, जिनके साथ अब तक कोई भी समझौता नहीं हुआ है और जिन्हें पहले ऊर्जा विभाग ने आवंटित किया था।

बाकी बची परियोजनाओं को अपने नोटिस का जवाब देने के लिए 5 अगस्त, 2025 तक का समय दिया गया है।
बैठक में 14 परियोजना डवैल्पर्ज के साथ बिना ब्याज अग्रिम प्रीमियम की मूल राशि पर अदालत से बाहर समझौता करने के लिए एक समिति गठित करने का निर्णय लिया गया।
मंत्रिमंडल ने कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तार की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से भूमि अधिग्रहण कार्यवाही के लिए ‘भूमि अधिग्रहण’ पुनर्वास और पुनर्स्थापना में उचित मुआवजा और पारदर्शिता अधिकार अधिनियम, 2013 की धारा-26 के तहत समयसीमा को एक वर्ष के लिए यानी 16 अगस्त, 2026 तक बढ़ाने का निर्णय लिया है।
मंत्रिमंडल ने जिला सिरमौर के धौलाकुआं माजरा योजना क्षेत्र के लिए विकास योजना को स्वीकृति प्रदान की। यह योजना प्राकृतिक संसाधनों और पर्यावरण सौंदर्य को संरक्षित करते हुए क्षेत्र में सतत आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से तैयार की गई है।
बैठक में कांगड़ा जिला में पटवार सर्कल नलेटी के पुनर्गठन को मंजूरी दी गई जिसके तहत देहरा तहसील के महाल-मसोटा और बलाहर क्षेत्र को हटाकर प्रागपुर तहसील के अंतर्गत पटवार सर्कल गढ़ में शामिल कर दिया गया है।
बैठक के दौरान हिमाचल प्रदेश में नशे की स्थिति पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी गई, जिसमें आबकारी एवं कराधार विभाग द्वारा इस गंभीर चुनौति से निपटने के लिए किए जा रहे प्रयासों और पहलों के बारे में बताया गया।

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