एप्पल न्यूज, शिमला
बागवानी एवं वानिकी कॉलेज थुनाग को शिफ्ट करने को लेकर छिड़े विवाद के बीच छात्रों व अभिभावकों ने कॉलेज के स्थानांतरण के फैसले पर सरकार समर्थन किया है। अभिभावकों का कहना है कि उनकी मांग पर नाचन के लिए कॉलेज शिफ्ट किया गया है।
अभिभावकों का कहना है कि थुनाग में कॉलेज के नाम पर न भवन है न हॉस्टल और न ही कोई सुविधाएं। लूट मचा रखी है। आपेदा के बाद छात्रों से जबरन कमरे खाली करवाए गए। कमरों के ताले तोड़कर जबरन सामान निकाला गए और सारा सामान बरबाद कर दिया है।
थुनाग में अब न साधन है न सुविधाएं तो ऐसे में छात्र रहेंगे कहा और वहां करेंगे क्या। इतने असुरक्षित क्षेत्र में इस तरह के कॉलेज चलाना ही नहीं चाहिए इसलिए यहां से बागवानी कॉलेज को परमानेंट शिफ्ट करना चाहिए।

बीते दिनों 100 से ज्यादा छात्र-छात्राएं इसको लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी से मिले थे और कॉलेज को बाढ़ के चलते शिफ्ट करने की मांग की थी।
छात्रों की सुरक्षा और शैक्षणिक निरंतरता को ध्यान में रखते हुए सही फैंसला लिया है। शिमला में पत्रकार वार्ता के दौरान अभिभावकों ने बताया कि 30 जून, 2025 की रात को आई बाढ़ से छात्र गंभीर रूप से प्रभावित हुए थे।
छात्रों को दो दिनों तक भोजन, पानी और अन्य जरूरी सुविधाओं की भारी कमी से जूझना पड़ा। आपदा के हालात इतने भयावह थे कि 3 जुलाई को छात्रों को पैदल ही सुरक्षित स्थानों की ओर निकलना पड़ा।
इस संकट की घड़ी में सरकार ने त्वरित निर्णय लेते हुए पहले कॉलेज को स्थानांतरित करने का जो फैसला लिया, उसका स्वागत किया गया।
अभिभावकों ने बताया कि कॉलेज के स्थानांतरण पर स्थानीय दुकानदारों और व्यापारियों द्वारा ही आपत्ति जताई जा रही है जिन्हें कॉलेज के स्थानांतरित होने से आर्थिक नुकसान की आशंका है जबकि कोई भी अभिभावक अथवा छात्र कॉलेज के स्थानांतरण से नाखुश नहीं है।
लोग इस आपदा की घड़ी को भी अवसर के रूप में देख रहे हैं और कॉलेज के स्थानांतरण को एक मुद्दा बनाने में लगे हैं।



