एप्पल न्यूज, शिमला
हिमाचल प्रदेश सरकार ने बिना एडमिशन यानी जीरो एनरोलमेंट वाले 14 सरकारी स्कूलों को डिनोटिफाई या डाउनग्रेड करने का फैसला लिया है। शिक्षा विभाग की ओर से इस संबंध में अधिसूचना गुरुवार को जारी कर दी गई।
इनमें सबसे अधिक नौ सीनियर सेकेंडरी स्कूल, चार हाई स्कूल और एक मिडल स्कूल शामिल हैं। सभी स्कूलों में 18 सितंबर, 2025 तक एक भी विद्यार्थी दर्ज नहीं था।
डिनोटिफाई किए गए सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में चंबा जिले के कुठेड़ और छनानू, कुल्लू के सराहर और मलाणा, सोलन का गनोल, मंडी का पोरला तथा शिमला जिले के रनोल, धार तरपुनू और रोहल स्कूल शामिल हैं। इन स्कूलों को डाउनग्रेड कर हाई स्कूल बनाया गया है।

वहीं चार हाई स्कूल—चंबा का नयाग्रां, किन्नौर का हांगो, शिमला का कूट और सिरमौर जिले का पांवटा—को मिडल स्कूल का दर्जा दिया गया है। इसके अलावा कुल्लू जिले का मिडल स्कूल बुरवा बंद कर दिया गया है।
सरकार ने इससे पहले भी एनरोलमेंट के आधार पर बड़ी कार्रवाई की थी। अब तक 1353 स्कूल डिनोटिफाई या मर्ज किए जा चुके हैं। इनमें 31 जुलाई, 2025 तक जीरो एनरोलमेंट वाले 818 स्कूलों को बंद किया गया था, जबकि पांच से कम एनरोलमेंट वाले 535 स्कूलों को अन्य स्कूलों में मर्ज किया गया था। अब इस सूची में 14 और स्कूलों का नाम जुड़ गया है।
सरकार का कहना है कि जीरो एनरोलमेंट वाले स्कूलों को चलाना संसाधनों की बर्बादी है। ऐसे स्कूलों के शिक्षकों और स्टाफ को उन संस्थानों में तैनात किया जाएगा जहां विद्यार्थियों की संख्या अधिक है, ताकि शिक्षा की गुणवत्ता और संसाधनों का बेहतर उपयोग सुनिश्चित हो सके।







