एप्पल न्यूज़, शिमला
प्रधान सचिव, राजस्व एवं कृषि ओंकार शर्मा ने शरद् ऋतु में बर्फबारी के दौरान राहत कार्यों के लिए तैयारी व जन सुविधाओं की बहाली के कार्यों की समीक्षा के लिए विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों तथा सभी जिलों के उपायुक्तों के साथ आज यहां वीडियो कांफ्रेंस की।
उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों में जन सुविधाएं शीघ्र बहाल करने के निर्देश दिए ताकि लोगों को किसी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े। उन्होंने सभी जिलों के उपायुक्तों को शरद् ऋतु के दौरान विभिन्न आपदाओं के हुए नुकसान का आकलन कर इसकी रिपोर्ट शीघ्र प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए।
ओंकार शर्मा ने कहा कि सभी जिलों को आपदा प्रबंधन के दौरान बेहतर संचार व्यवस्था बनाए रखने के लिए सेटेलाईट फोन प्रदान किए गए हैं। इन सेटेलाईट फोन का नियमित रूप से उपयोग सुनिश्चित बनाया जाए ताकि जरूरत पड़ने पर किसी भी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े। उन्होंने सेटेलाईट फोन के नियमित प्रयोग के बारे में रिपोर्ट हर सप्ताह राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को प्रेषित करने को कहा।
उन्होंने कहा कि बर्फबारी के दौरान सड़कें अवरूद्ध होने से यातायात प्रभावित होता है। इस समस्या के समाधान के लिए शीघ्र ही स्नो कटर व अन्य जरूरी उपकरण खरीदे जाएंगे और उन्हें महत्वपूर्ण स्थानों पर रखा जाएगा। इससे बर्फबारी के दौरान यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने में मदद मिलेगी।
प्रधान सचिव ने सभी उपायुक्तों को 15 मार्च, 2020 तक ‘जिला आपदा प्रबन्धन योजना’ अपडेट करने के निर्देश भी दिए। उन्हांेने कहा कि यह कार्य हर वर्ष समयबद्ध रूप से पूर्ण किया जाना चाहिए। उन्होंने सभी जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को ‘इंडिया डिजास्टर रिसोर्स नेटवर्क’ में नियमित रूप से प्रवृष्टियां करने के निर्देश भी दिए।
ओंकार शर्मा ने कहा कि आपदा प्रबंधन के मध्यनजर राज्य के विभिन्न स्थानों में हैलीपैड बनाने के लिए 51 स्थल चिन्हित किए गए हैं जिससे किसी भी आपदा के दौरान विभिन्न राहत कार्य करने में मदद मिलेगी।
उन्हांेने उपायुक्तों को आपदा प्रबंधन के दौरान दक्षतापूर्ण कार्य करने के लिए ‘ब्लू बुक’ तैयार करने के लिए भी कहा। ब्लू बुक में जिलों में आपदा प्रबंधन के लिए की जाने वाली माॅक ड्रिल से प्राप्त जानकारी, समय व स्थान के आधार पर प्राप्त अनुभव की तकनीकी जानकारी इत्यादि सम्मिलित की जानी चाहिए।
प्रधान सचिव ने कहा कि बर्फ से प्रभावित होने वाले जिलों में हिमस्खलन के दौरान आपदा राहत कार्यों के लिए सासे, मनाली (स्नो एंड एवलांच स्टडी इस्टैबलिशमेंट, मनाली) के माध्यम से त्वरित प्रतिक्रिया दलांे को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। इससे बर्फबारी से प्रभावित क्षेत्रों में हिमस्खलन से संबंधित आपदा के प्रबंधन में मदद मिलेगी।
उन्होंने सभी जिलों के उपायुक्तों को राहत प्रदान करने के मामलों पर त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राहत प्रदान करने के लिए सभी जिलों में समुचित मात्रा में धन उपलब्ध करवाया गया है, इसलिए प्रभावित व्यक्तियों को अतिशीघ्र राहत राशि प्रदान की जानी चाहिए।
आंेकार शर्मा ने कहा कि इस वर्ष आपदा प्रबंधन कार्यों के लिए राज्य द्वारा भेजे गए नुकसान के ज्ञापन के अनुसार केंद्र से अब तक की सबसे अधिक 27 प्रतिशत राहत राशि प्राप्त हुई है।
इस अवसर पर ओंकार शर्मा ने उपायुक्तों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना और प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के बारे में विभिन्न दिशा-निर्देश भी दिए।
निदेशक व विशेष सचिव राजस्व-आपदा प्रबंधन डी.सी. राणा ने इस शरद ऋतु के दौरान आपदा प्रबंधन व राहत कार्यों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की।
इस अवसर पर विशेष सचिव कृषि व सुभाष पालेकर प्राकृतिक कृषि के परियोजना अधिकारी राकेश कंवर, जनजातीय विकास के अतिरिक्त आयुक्त सी.पी. वर्मा और अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।