एप्पल न्यूज़ ,शिमला
हिमाचल प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणधीर शर्मा ने कांग्रेसी नेताओं पर आरोप लगाया है कि वे कोरोना से लड़ाई लड़ने के बजाए मीडिया के माध्यम से नेतृत्व की जंग लड़ रहे हैं। ऐसा लगता है कि कांग्रेसी नेताओं में सरकार की आलोचना के बयान देने की स्पर्धा लगी है। अगर एक नेता तथ्यहीन बयान देता है तो दूसरा निराधार बयानबाजी कर अपने आप को ज्यादा काबिल दिखाने की कोशिश करता है।
वर्चस्व की इस जंग में कांग्रेस पार्टी जनता के बीच हास्य का पात्र बन कर रह गई है। हद तो तब हो गई जब विपक्ष के नेता हिमाचल सरकार द्वारा बाहरी राज्यों से लोगों को लाने के निर्णय का श्रेय लेने लग गए क्योंकि ऐसे संवेदनशील मुददे पर सरकारे किसी के दबाव में फैंसला नहीं लेती। इसमें अन्य राज्य जहां से लोग आने हैं और केन्द्र सरकार की सहमति लेना भी आवश्यक रहता है। हिमाचल सरकार शुरू से ही अन्य राज्यों में रह रहे छात्रों और लोगों को लाने के लिए प्रयासरत थी। अन्य राज्यों की सहमती और गृह मंत्रालय से हरी झण्डी मिलने के बाद ही बाहरी राज्यों से लोगों को लाने की प्रक्रिया शुरू की गई। उन्होनें कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकारें किसी के दबाव में काम नहीं करती बल्कि देशहित और जनहित में काम करती है।
शर्मा ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय एवं प्रादेशिक नेताओं के विरोधाभासी बयानो से साफ होता है कि कांग्रेस पार्टी के पास न तो कोई सर्वमान्य नेता है और न ही इस पार्टी की किसी मुददे पर स्पष्ट नीति है। उन्होनें कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस के कुछ नेता देश के आदरणीय प्रधानमंत्री द्वारा घोषित लॉकडाउन का समर्थन करते हैं और कुछ नेता विरोध करते है। एक तरफ जहां कांग्रेस पार्टी के मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री की घोषणा से पहले ही लॉकडाउन बढ़ाने का निर्णय ले लेते हैं वहीं दूसरी तरफ उनके नेता राहुल गांधी कहते हैं कि लॉकडाउन इस समस्या का समाधान ही नहीं है। इसी तरह हिमाचल प्रदेश में भी कांग्रेस पार्टी के नेता अलग-2 बयानबाजी कर संकट के इस दौर में अपनी-2 तरह से राजनीतिक रोटियां सेक रहे हैं। एक तरफ जहां पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह कोरोना महामारी के चलते हिमाचल सरकार के काम की प्रशंसा कर रहे हैं वहीं कांग्रेस के अन्य नेता हिमाचल सरकार की आलोचना करते नहीं थक रहे जिससे साफ होता है कि आज कांग्रेस पार्टी नेताविहीन व नीतिविहीन हो चुकी है।
शर्मा ने कहा कि कोरोना महामारी से निपटने में हिमाचल सरकार सराहनीय कार्य कर रही है जिसकी प्रशंसा न केवल प्रदेश में बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी हो रही है। पिछले कुछ दिनो से हिमाचल प्रदेश में कोरोना का कोई नया मामला नहीं आया और कोरोना केस बढ़ने की बजाए कम हुए हैं। बाहर से लोगों को लाने का काम भी चरणबद्ध ढंग से शुरू हुआ है। एक्टिव केस फाइडिंग अभियान चलाकर तो हिमाचल सरकार ने मिसाल कायम की है। केन्द्र और प्रदेश सरकार मिलकर गरीब के कल्याण के लिए लगातार काम कर रही है। इसके अलावा भारतीय जनता पार्टी भी अपने कार्यकर्ताओं के माध्यम से जनसेवा में लगी है। जहां अब तक 3 लाख 81 हजार 360 खाने के पैकेट, 90,640 राशन किटें बांटी गई वहीं 15 लाख 40 हजार से अधिक मास्क बांटकर संकट के इस दौर में अपनी अहम भूमिका अदा की है। यही नहीं 1 करोड़ 65 लाख 90 हजार के लगभग पीएम कोविड केयर फंड में तथा 6 करोड़ 6 लाख 55 हजार रू0 हिमाचल प्रदेश कोविड-19 फंड एवं मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करवाए।
शर्मा ने हिमाचल प्रदेश के नेताओं से अपील की कि वे अपने राजनैतिक मतभेद भुलाकर इस भंयकर महामारी के दौर में एकजुट होकर हिमाचल सरकार को रचनात्मक सहयोग दें ताकि कोरोना महामारी से हिमाचल की जनता को बचाया जा सके।