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लाॅकडाउन के दौरान मत्स्य उत्पादन को संबल प्रदान करने के लिए कारगर कदम

एप्पल न्यूज़, शिमला
राज्य सरकार ने कोविड-19 के दौरान प्रदेश में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वकांक्षी कदम उठाए हैं। प्रदेश में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, बागवानी, कृषि एवं संबंधित क्षेत्रों में विकास के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य में मत्स्य उत्पादन हजारों लोगों की जीविकार्जन का मुख्य साधन हैं और प्रदेश की आर्थिकी को संबल प्रदान करने में भी इस क्षेत्र की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है।
कोराना महामारी के कारण राज्य में मत्स्य उत्पादन गतिविधियांे पर भी विपरीत प्रभाव पड़ा है। इस क्षेत्र को मंदी से उबारने के लिए प्रदेश सरकार ने 20 अप्रैल, 2020 को मछुआरों को जलाशयों एवं नदियों में मछली पकड़ने के लिए अनुमति प्रदान की और मत्स्य गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए कई कदम उठाए। प्रदेश सरकार द्वारा मत्स्य पालकों को 76 हजार 650 मछली बीज उपलब्ध करवाए गए और 77 हजार 245 मछली बीज बिलासपुर स्थित भाखड़ा डैम में फिश केजिज में डाले गए।

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हिमाचल प्रदेश की ट्राऊट मछली की देशभर में भारी मांग है। राज्य में ट्राउट मछली की उत्पादन दर को बनाए रखने के लिए प्रदेश के विभिन्न भागों में चलाए जा रहे विभिन्न ट्राउट फार्म को 5,900 किलोग्राम ट्राउट फीड और राज्य के निजी ट्राउट पालकों को भी 3,239 किलोग्राम ट्राउट फीड उपलब्ध करवाई गई। प्रदेश में 20 अप्रैल, 2020 के उपरांत 17549 किलोग्राम मछलियां विभिन्न रिटेल आउटलेट में विक्रय की गईं।
मत्स्य विभाग द्वारा लाॅकडाउन के दौरान मछुआरों को कोरोना महामारी से बचने के उपायों, स्वच्छता तथा सामाजिक दूरी बनाए रखने के बारे में जागरूक किया गया। मछली पकड़ने के उपकरणों, किश्ती, जाल इत्यादि को निरंतर सैनिटाईज किया जा रहा है। मत्स्य पालकों को मत्स्य परिवहन के लिए विभाग द्वारा पास जारी करने के साथ-साथ अन्य जरूरी सेवाएं भी प्रदान की जा रही हैं।
मत्स्य विभाग द्वारा सामाजिक दूरी के नियम की पालना सुनिश्चित बनाते हुए अनुसंधान एवं विकास कार्यों के साथ-साथ विभिन्न योजनाओं के दक्षतापूर्ण कार्यान्वयन के लिए भी दक्ष प्रयास किए जा रहे हैं।
केंद्र सरकार द्वारा आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के अंतर्गत मछुआरों के लिए 20 हजार करोड़ रुपये के प्रावधान से समुद्री एवं अंतर्देशीय गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए 11 हजार करोड़ रुपये तथा आवश्यक आधारभूत संरचना के लिए नौ हजार करोड़ रुपये से मछुआरों की सहायता करने का प्रावधान किया गया है। इससे हिमाचल प्रदेश में भी मत्स्य पालन तथा अन्य गतिविधियों को प्रोत्साहन मिलेगा।
प्रदेश में मत्स्य पालन विभाग द्वारा लाॅकडाउन में मत्स्य गतिविधियों से जुड़े परिवारों और किसानों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए विभिन्न कदम उठाए जा रहे हैं। यह प्रयास किया जा रहा है कि देशव्यापी लाॅकडाउन के दौरान उनकी आर्थिकी को संबल प्रदान करने के साथ-साथ उनके लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का कार्यान्वयन भी समयबद्ध रूप से किया जाए।
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