एप्पल न्यूज़, शिमला
नेता विपक्ष मुकेश अग्रिहोत्री ने प्रदेश की जयराम सरकार पर लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप जड़ा है। मुकेश ने कहा कि भाजपा सरकार सत्ता के नशे में लोकतंत्र की मर्यादाओं को भूल गई है। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि मुख्यमंत्री सत्ता के नशे में हो गए हैं और उनके सलाहकार उन्हें अंध भक्तों की तरह ऐसी सलाह दे रहे हैं, जिससे राजनीति में विचारधारा नहीं, बल्कि दुश्मनों की तरह लड़ाई लड़ी जा रही हो।
रविवार को जारी ब्यान में मुकेश ने कहा कि नीरज भारती के लिखने को लेकर कुछ मसलें हो सकते हैं, लेकिन उन्हें देशद्रोही करार देना गलत है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार से सवाल पूछे हैं, तो उस पर मुकद्में करना फिर राजनीति करना सही नहीं कहा जा सकता। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया एक ऐसा फ्रंट है, जिस पर सभी को सोच समझ कर मर्यादाओं में टिप्पणी करनी चाहिए। जहां पक्ष और विपक्ष की बात नहीं है, बल्कि जनता के बीच मुद्दों पर आधारित बात हो, तो अधिक बेहतर रहता है।
उन्होंने कहा कि भाजपा के अनेक लोग जिस प्रकार की बातें कांग्रेस नेतृत्व को लेकर लिखते हैं। क्या कभी भाजपा नेतृत्व ने उस पर कोई मामला दर्ज करवाया है। उन्होंने कहा कि विचाराओं की अभिव्यक्ति की सीमाओं का सबको ध्यान रखना चाहिए। मुकेश ने कहा कि यदि भाजपा सत्ता के नशे में कांग्रेस को डराने या झुकाने की बात करेगी, तो इसे कभी सहन नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि जोर जुल्म की हर टक्कर में कांग्रेस का कार्यकर्ता सीना तान कर खड़ा हो गया है और मुंह तोड़ जवाब देगा। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार लोकतंत्र की हत्या करने का काम कर रही है और कांग्रेस ऐसे कृत्यों को सहन नहीं करेगी।
उन्होंने कहा कि यू टर्न सीएम ने साबित कर दिया है कि वे राजनीति के भी अकुशल खिलाड़ी है और सरकार के भी विफल मुखिया है। ेनेता विपक्ष मुकेश ने कहा कि पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ाना, बिजली के बिल बढ़ाना, गाडिय़ों का पंजीकरण बढ़ाना, सस्ते राशन की सबसिडी टैक्सपेयर की बंद करना, आम जनता को कोई राहत न देना, कोरोना संकट के बीच भ्रष्टाचार का खेल खेलना, सरकारी संस्थानों का दुरूप्रयोग करना जैसे अनेक मसले हैं, जिसके विरूद्ध अब कांग्रेस सडक़ों पर उतर रही है।
उन्होंने कांग्रेसी कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे अब मोर्चे पर आ जाए। भाजपा सरकार की जन विरोधी नीतियों के विरूद्ध जनादेश तैयार करें।
मुकेश ने कहा कि सरकार सवालों का सामना करने से डर रही है। इसलिए विधानसभा का सत्र नहीं बुलाया गया है। कोरोना संकट के बीच राजनीति करने से भाजपा बाज नहीं आई है। गैर सरकारी ताकतें सत्ता के मोह में उछल कूद कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार की गलत नीतियों के कारण बेरोजगारी का आंकड़ा निकल गया है। बेरोजगारों के लिए सरकार के पास कोई योजना नहीं है। सरकार फेल साबित हो रही है।