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HPU के 51वें स्थापना दिवस की बधाई, राज्यपाल बोले- अनेक चुनौतियां पार कर छात्रों ने देश विदेश में कमाया नाम

एप्पल न्यूज़, शिमला

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के 51वें स्थापना दिवस की बधाई देते हुए राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय ने अनेक चुनौतियों का सामना करते हुए शैक्षणिक विकास की लम्बी यात्रा तय की है। ज्ञान, विज्ञान, कला और तकनीक के क्षेत्र में यहां के विद्यार्थियों ने राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भी नाम कमाया है। उन्होंने कहा कि इस परम्परा को और सुदृढ़ करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि किसी भी विश्वविद्यालय की स्थापना और संचालन में पूरे समाज का योगदान होता है। इसलिए, विश्वविद्यालयों को भी चाहिए कि वे पूरे समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाएं। विश्वविद्यालयों को University Social Responsibility के लिए सक्रिय होना चाहिए। हमें चाहिए कि हम समाज के निचले वर्ग, हमारे गांव और उपेक्षित लोगों की प्रगति में सहभागी बनें और उन्हें हर प्रकार से जागरूक करें।

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दत्तात्रेय ने कहा कि इस सदी के विश्व बाजार में ज्ञान ही सबसे महत्वपूर्ण पूंजी के रूप में उभरा है। ज्ञान, बुद्धि और कौशल के क्षेत्र में निरंतर बदलाव भी हो रहे हैं। नित नए इनोवेशन के परिणाम-स्वरूप तेजी से हो रहे परिवर्तनों के इस दौर में अपने ज्ञान और कौशल को निरंतर प्रासंगिक बनाए रखना एक चुनौती भी है और अवसर भी। उन्होंने कहा कि सदैव नया जानने और सीखने वाला व्यक्ति ही इस दौर की चुनौतियों का सामना कर सकेगा। उन्होंने कहा कि जिज्ञासा, उत्साह और सतर्कता के साथ अपने ज्ञान, कौशल और बुद्धि का सदैव विकास करने वाले व्यक्ति के लिए आज अपार अवसर उपलब्ध हैं।

राज्यपाल ने विश्वविद्यालय प्रशासन को B-Tech, Civil Engineering, Electrical and Electronic & Communication के नये व्यवसायिक पाठ्यक्रम शुरू करने पर बधाई दी और प्रसन्नता व्यक्त की कि इस सत्र से Environment study, Defence study, Mirobilogy and Library science जैसे नये कोर्स आरम्भ की जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस महामारी के दौर में हमने तकनीकी का अधिक से अधिक उपयोग किया है। उन्होंने कहा कि हमें कोरोना की चुनौती को अवसर में बदलना है। इस दौर में New technology और innovation को अपनाना है। उन्होंने प्रदेश सरकार द्वारा ‘स्किल रजिस्टर पोर्टल’ शुरू करने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि दूसरे राज्यों से लौटे युवाओं को इसमें अपना नाम दर्ज करवाना चाहिए ताकि उनके स्किल का लाभ लिया जा सके। उन्होंने अपील की कि इस मुश्किल घड़ी में आत्मविश्वास को बनाए रखें तथा दिशा-निर्देशों का पालन करें।

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय शोध का केंद्र बनना चाहिए, जहां शिक्षा का आधार चरित्र निर्माण होना चाहिए। उन्होंने गुणात्मक शिक्षा के साथ-साथ विश्वविद्यालय के ग्रेड को बढ़ाने पर बल दिया। उन्होंने शिक्षकों से regularity, punctuality and discipline को maintain करने पर भी बल दिया।

शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने विश्वविद्यालय के स्वर्ण जयंती समारोह पर बधाई देते हुए कहा कि इन 50 वर्षों में विश्वविद्यालय में काफी विकास हुआ है। राज्य के 129 सरकारी महाविद्यालय, 17 संस्कृत काॅलेज और अनेक अन्य संस्थान इस विश्वविद्यालय से जुड़े हैं। लेकिन, अब हमें उच्च शिक्षा के साथ-साथ शोध गतिविधियों पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री शोध पर अधिक ध्यान दे रहे हैं और इसके लिए बजट का विशेष प्रावधान किया गया है। विश्वविद्यालय के शोधार्थियों को इसका लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि शेध गतिविधियां बढ़ेंगी तो रैंकिंग भी अच्छी होगी। उन्होंने National Institutional Ranking Framework (NIRF) में अच्छा प्रदर्शन करने तथा नैक में भी अच्छा परिणाम देने की आवश्यकता पर बल दिया है। उन्होंने कहा कि इसके लिए अभी से तैयारियां की जानी चाहिए।

भारद्वाज ने कहा कि कोरोना महामारी ने अर्थव्यवस्था और शिक्षा को सबसे अधिक प्रभावित किया हैं। उन्होंने कहा कि इस दौर में प्रदेश सरकार ने आनलाईन शिक्षा, बच्चों को पुस्तकें उपलब्ध करवाना, 10वीं कक्षा की परीक्षा कोरोना से पहले कर अब परिणाम घोषित करना, 10 जमा दो का एक पेपर करवाकर परिणाम निकालना तथा प्रवेश प्रक्रिया को भी आनलाईन करने की व्यवस्था की है। उन्होंने कहा कि जहां तक स्नातक स्तर तक परीक्षा का प्रश्न है तो विश्विद्यालय अनुदान आयोग के दिशा-निर्देशों पर विचार किया जाएगा।

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला के कुलपति प्रो. सिकंदर कुमार ने राज्यपाल तथा अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया तथा कहा कि विश्वविद्यालय विकास के पथ पर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने कई बीघा जमीन अपने नाम करवाकर विस्तार गतिविधियों को बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि 30 करोड़ रूपये की लागत से 4 नये हास्टलों का निर्माण किया जाएगा जहां करीब 200 विद्यार्थियों के रहने की सुविधा होगी। इसके अतिरिक्त अगले वर्ष 3 नये विभाग खोले जाएंगे। उन्होंने आश्वासन दिया कि आने वाले समय में विश्वविद्यालय अपनी रैंकिंग में सुधार के लिए प्रयास किया जाएगा।

राज्यपाल ने इस अवसर पर विश्वविद्यालय न्यूज़लैटर, विश्वविद्यालय जरनल, पत्रिका के अलावा संगीत विभाग के डाॅ. राजीव शर्मा, जीव विज्ञान के आचार्य सुषमा शर्मा , जनजातीय केंद्र के आचार्य चन्द्र मोहन परशीरा तथा मनोविज्ञान विभाग के आचार्य रोशन लाल जिन्टा और आचार्य अनिता दत्ता द्वारा लिखी पुस्तकों का विमोचन भी किया।

कुलसचिव Sunil शर्मा ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। विधायक सुरेन्द्र शौरी, विश्वविद्यालय कार्यकारिणी परिषद्व विश्वविद्यालय कोर्ट के सदस्य, अधिष्ठाता, निदेशक, विभागाध्यक्ष एवं गैर शिक्षक कर्मचारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

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