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महिलाओं के लिए वरदान -योग से रहे निरोगी और हमेशा जवान महिलाएं

एप्पल न्यूज़, ब्यूरो

महिलाएं अपनी सेहत को लेकर हमेशा लापरवाह रहती है। अपने व्यस्त दिनचर्या के कारण अक्सर महिलाएं अपनी फिटनेस पर ध्यान देना भूल जाती है जिस वजह से उन्हें अक्सर मोटापे, कमर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, पेट संबंधी शिकायत रहती हैं। जिसका नतीजा होता है कि वो बार बार बीमार पड़ती है या समय से पहले ही वो अपनी उम्र से ज्यादा लगने लगती है । इसके लिए जरूरी है कि वो खुद के लिए थोड़ा समय निकालें और अपने जीवन में योग को जरूर शामिल करें । इससे एक तो वो दैनिक जीवन में होने वाली स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां कम होंगी दूसरा वो अपने शरीर को भी बेडौल होने से रोक सकेगी ।

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योग गुरु पंकज शर्मा आज हमे कुछ ऐसे ही योगासन और प्राणायाम बताएंगे जिनको महिलाएं घर पर आसानी से कर सकती हैं और खुद को फिट रख सकती हैं। आसन और प्राणायाम के बारे में अधिक जानकारी के लिए आप यूट्यूब पर सर्च कर सकते है योग गुरु पंकज शर्मा या शरणम चैनल का नाम ।

सुखासन

सुखासन का अभ्यास करने से शारीरिक और मानसिक शांति मिलती है । इस आसन को योग की शुरुआत करने से पहले किया जाता है जिससे सांस लेने की प्रक्रिया पर नियंत्रण किया जा सके। इस आसन को करने के लिए जमीन पर चटाई बिछा कर पालथी मारकर बैठ जाएं। कमर गर्दन सीधी रखे आंखों को कोमलता से बंद करके अपनी हथेलियों को घुटनों पर रखें और गहरी सांस लें।

ताड़ासन – (आलास कम करें )

इस आसन को करने के लिए अपने पैरों के पंजो को एक साथ रखें और सीधे खड़े हो जाएं। अब सांस लेते हुए अपने दोनों हाथों को सीधा ऊपर की ओर उठाएं ,आंखों को बंद करें। कुछ देर इसी अवस्था में रहने के बाद धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए पहले वाली स्थिति में वापस आ जाएं।

उत्कटासन- ( स्लिप डिस्क से राहत )

उत्कटासन करने से कमर व पीठ का दर्द ठीक रहता है। खासकर इस आसन को करने का सबसे बड़ा फायदा है कि यह साइटिका और स्लिप डिस्क होने से बचाए रखता है, लेकिन ध्यान रखें कि जिन महिलाओं को पहले से ही यह प्रॉब्लम्स हो, उन्हें ये योगासान करने से बचना चाहिए क्योंकि यह उन्हें नुकसान पहुंचा सकता है।

बालासन- ( जांघों की चर्बी कम )

घुटनों को पीछे की ओर मौड़ कर घुटनों के बल बैठ जाएं। ऐडियों पर शरीर का वज़न बनाते हुए, सांस अंदर लेते हुए आगे की और झुकें। हथेलियां ज़मीन की ओर लगाएं। ध्यान रहें कि छाती जांघों और घुटनों के अगले भाग को छुनी चाहिए। साथ ही आपका सिर जमीन को छूना चाहिए। इस आसान को करने से जांघों की चर्बी कम होगी औ कंधों का दर्द दूर होगा और मन एक दम शांत हो जाएगा ।

नौकासन योग- ( मोटापा घटाएं )

पहले आकाश की ओर मुंह कर के पीठ के बल सीधे लेट जाएं। हाथों को सीधा कमर से सटा कर रखें, और अपनी हथेलियों को ज़मीन की और रखें। अब धीरे धीरे अपनी गर्दन ऊपर उठाएं और उसी समान अपने पैर भी उठाएं और v का आकार बनाये । इसी मुद्रा में करीब 25 से 30 सेकंड बने रहें। इस आसन को करने से वजन कंट्रोल में रहता हैं और चर्बी तेजी से बर्न होती है।

जानुशिरासन (पेट की चर्बी )

दण्डासन में बैठकर दाएं पैर को मोड़कर पंजे को बाएं जंघा के मूल में लगाएं और एड़ी को सटाकर रखें। दोनों हाथों से बाएं पैर के पंजे को पकड़कर सांस बाहर निकालकर सिर को घुटने से लगाएं। थोड़ी देर रुकने के पश्चात् सांस लेते हुए ऊपर उठ जाएं और दूसरे पैर से भी इसी प्रकार दोहराएं।

सुप्त वज्रासन (कमर दर्द )

वज्रासन में बैठकर हाथों को पीछे की तरफ रखकर उनकी सहायता से शरीर को पीछे झुकाते हुए जमीन पर सिर को टिका दें। घुटने मिले हुए तथा जमीन पर टिके हुए हों। धीरे-धीरे कंधे, गले और पीठ को भी जमीन पर टिकाने की कोशिश करें। हाथों को जंघाओं पर सीधा रखें।आसन को छोड़ते समय कोहनियों और हाथों का सहारा लेते हुए वज्रासन में बैठ जाएं।

उत्तानासन (अपच और गैस में फाएदा )

उत्तनासान करने के लिए सीधे खड़ें हो जाएं, इसके बाद कमर के उपरी हिस्से को सांस लेते हुए पैर की उंगलियों को छूने की कोशिश करें। कुछ देर इस स्थिति में रुकने के बाद सांस छोड़ते हुए सामान्य मुद्रा में वापस आ जाएं। इस आसन को करते हुए ध्यान रखें कि आपके घुटने मुड़े हुए न हों।

सर्वांगासन- ( चमकदार चहरा )

इस आसन का अभ्यास कंधे के बल खड़े होकर किया जाता है। सर्वांगासन को ग्लोइंग या चमकदार त्वचा के लिए सबसे असरदार आसन माना जाता है। इस आसन के अभ्यास से न सिर्फ स्किन की सेहत सुधरती है बल्कि चेहरे का ब्लड सर्कुलेशन भी बढ़ता है। सर्वांगासन का अभ्यास के दौरान पूर्ण अवस्था में कम से कम 30 सेकंड रुकने की कोशिस करें।

अब बात करते है प्राणायाम की ..

कपालभाति प्राणायाम- मोटापा व अस्थमा में राहत देता है इस को करने से मोटापा दूर होता है और सांस और पेट संबंधी बीमारियां भी ठीक रहती हैं। इसके अवाला यह बालों के लिए भी काफी फायदेमंद साबित होता है। इससे स्किन डिजीज भी दूर रहती हैं। अगर डार्क सर्कल्स की समस्या है तो इसका अभ्यास आपके लिए अच्छा होगा। ध्यान रहें कि इसका अभ्यास थोड़ा सावधानी पूर्वक करें ।

अनमोल विलोम प्राणायाम- इसको रोजाना करने से बीपी कंट्रोल में रहता है। मन शान्त और भावनाओं में काबू होता है इसके अलावा इससे अस्थमा, सर्दी-जुकाम, साइनस या डायबिटीज जैसी प्रॉब्लम्स भी दूर रहती हैं। जिन महिलाओं को पीरियड संबंधित शिकायत रहती है उनको इसका नियमित अभ्यास करना चाहिए ।

लेकिन हमेशा कोई से भी आसान और प्राणायाम को करने से पहले आपको कुछ नियमों का पता होना चाहिए। क्योंकि योग के दौरान जरूरी सावधानियां नहीं रखने की स्थिति में आपको इसका फायद तो नहीं होगा ,लेकिन उल्टा उससे नुकसान होने का खतरा है।

1 हमेशा सरल आसान से करें शुरूआत ।
2 आसनों को करने के तुरंत बाद न नहाएं ।
3 कोई बीमारी या शरीर मे दर्द तकलीफ हो तो आसनों का अभ्यास न करें ।
4 महिलाओं संबंधित समस्याओं में भी आसनों का अभ्यास न करें ।
5 ध्यान भंग होने वाली चीजें पास न रखें ।
6 योग के दौरान ठंडा पानी न पीएं ।
7 गर्भवती महिलाएं हमेशा डॉ और योग्य योग शिक्षक की देख रेख में अभ्यास करें ।

लेखक

पंकज शर्मा, योग गुरु

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