एप्पल न्यूज़, कुल्लू
कहावत है कि ‘जान है तो जहान है’। कोविड-19 के संकट ने धरा पर समूची मानवता को संकट में डाल दिया है। समाज की दिशा और दशा में बड़ा बदलाव आया है। कोरोना ने प्रत्येक क्षेत्र को प्रभावित किया है तो ऐसे में अंतर्राष्ट्रीय कुल्लू दशहरा महोत्सव भी अछूता कैसे रह सकता है। यह बात शिक्षा, भाषा कला एवं संस्कृति मंत्री एवं कुल्लू दशहरा महोत्सव समिति के अध्यक्ष गोविंद सिंह ठाकुर ने कही। वह सोमवार को देव सदन कुल्लू के सभागार में अंतर्राष्ट्रीय कुल्लू दशहरा महोत्सव के आयोजन को लेकर बुलाई गई बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
बैठक में आनी विधानसभा क्षेत्र के विधायक, किशोरी लाल सागर, सदर विधानसभा चुनाव क्षेत्र के विधायक सुंदर सिंह ठाकुर, पूर्व सांसद महेश्वर सिंह, प्रदेश भाजपा महिला मोर्चा उपाध्यक्ष धनेश्वरी ठाकुर, जय चंद ठाकुर, नगर परिषद कुल्लू के उपाध्यक्ष गोपाल कृष्ण महंत के अतिरिक्त कारदार संघ के सदस्यगण, उपायुक्त डा0 ऋचा वर्मा, एसडीएम सदर डा0 अमित गुलेरिया तथा अन्य सरकारी व गैर सरकारी सदस्य मौजूद रहे।
गोविंद ठाकुर ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय कुल्लू दशहरा महोत्सव का आयोजन इस बार 25 से 31 अक्तूबर तक किया जाएगा। कोरोना संक्रमण के सामुदायिक स्तर पर फैलने से रोकने के दृष्टिगत इस प्रकार के कदम उठाए गए हैें। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक आयोजनों पर देशभर में प्रतिबंध है और ऐसे कार्यक्रमों में भीड़-भाड़ को आमंत्रित नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि दशहरा उत्सव के स्वरूप को सभी की सहमति से छोटा किया गया है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि दशहरा महोत्सव के दौरान धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हुए भगवान रघुनाथ जी की रथ यात्रा निकाली जाएगी। इस यात्रा में केवल 100 ही लोग भाग ले सकेंगे। इन सभी लोगों को मास्क व सेनेटाईजर का समुचित इस्तेमाल करने के साथ सामाजिक दूरी का भी विशेष ख्याल रखना होगा। कोरोना संकट के चलते सभी की सहमति से निर्णय लिया गया कि इस बार दशहरा महोत्सव में माता हिडिम्बा, बिजली महादेव, नग्गर वाली देवी, ब्रहमा जी, लक्ष्मी नारायण देवता तथा त्रिपुरा सुंदरी माता के निशान ही दशहरा मैदान में पूजा-अर्चना के लिए लाए जाएंगे। ऐसा करने से परम्ॅपरा का भी निर्वहन होगा और कोरोना से लोगों की सुरक्षा भी बनी रहेगी।
गोविंद ठाकुर ने दशहरा महोत्सव की परम्परा के निर्वहन के लिए कारदार संघ तथा अन्य सभी लोगों की सामूहिक सहमति से निभाने की सराहना की। उन्होंने कहा कि वर्तमान में कोरोना के मामले बहुत अधिक आ रहे हैं, ऐसे में सभी को सतर्क रहने व एहतियात बरतने की भी अत्याधिक जरूरत है।
बैठक में निर्णय लिया गया कि दशहरा उत्सव के दौरान ढालपुर मैदान, खेल मैदान अथवा प्रदर्शनी मैदान कहीं पर भी किसी भी प्रकार की व्यापारिक गतिविधियां नहीं होंगी। लोग भीड़-भाड़ नहीं कर सकेंगे। कोविड-19 के संकट से निपटने के लिए इस प्रकार के कदम उठाए गए हैं।
इस अवसर पर बैठक का संचालन करते हुए उपायुक्त डा. ऋचा वर्मा ने शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर तथा अन्य सभी गणमान्य अतिथियों का स्वागत करते हुए कुल्लू दशहरा की परम्परा निर्वहन के लिए विस्तार से जानकाकी दी। उन्होंने कहा कि कोरोना के दृष्टिगत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुपालनार्थ केवल 100 लोगों तक की संख्या को सीमित किया गया है तथा इन सभी लोगों के 48 घंटे पूर्व कोराना जांच को सुनिश्चित किया जाएगा।
शासन और प्रशासन ने आम जनमानस से अपील की है कि कोरोना संकट को ध्यान में रखते हुए दशहरा पर्व की परम्पराओं का अपने घरों में निर्वहन करें। शहर अथवा बाजार की ओर रूख न करें। इसी में आपकी और आपके परिवार की सुरक्षा निहित है।