एप्पल न्यूज, शिमला
हिमाचल प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से पटवारी और कानूनगो अनिश्चितकालीन हड़ताल पर थे, जिससे आम जनता को राजस्व संबंधी कार्यों में काफी परेशानी हो रही थी।
उनकी मुख्य मांग राज्य सरकार द्वारा जारी स्टेट कैडर (State Cadre) की अधिसूचना को वापस लेना था।
लेकिन अब राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी और पटवारी-कानूनगो महासंघ के बीच हुई बैठक के बाद इस मुद्दे पर सहमति बन गई है और हड़ताल को वापस ले लिया गया है।

पटवारी और कानूनगों की हड़ताल समाप्त होने से हिमाचल प्रदेश के राजस्व प्रशासन में स्थिरता आई है। सरकार ने कर्मचारियों को भरोसा दिलाया है कि स्टेट कैडर का फैसला उनके हितों को नुकसान नहीं पहुंचाएगा।
हालांकि, अब देखना होगा कि भविष्य में सरकार नए R&P नियम कैसे लागू करती है और क्या कर्मचारी उन्हें स्वीकार करते हैं या नहीं।
सरकार द्वारा पटवारी और कानूनगो पदों को स्टेट कैडर में शामिल करने की अधिसूचना जारी की गई थी। इस फैसले का विरोध करते हुए पटवारी और कानूनगो संघ ने पेन-डाउन स्ट्राइक (कलमबंद हड़ताल) कर दी थी।
पटवारी-कानूनगो संघ की मुख्य चिंताएँ:
- राज्य कैडर बनने से भर्ती और पदोन्नति (R&P) नियमों में बदलाव होने की आशंका।
- अब तक पटवारियों और कानूनगों की भर्ती जिला स्तर पर होती थी, लेकिन स्टेट कैडर बनने के बाद तबादलों (Transfers) की संभावना बढ़ जाएगी।
- कुछ पदों की वरिष्ठता और प्रोमोशन के अवसरों पर असर पड़ने की आशंका।
- प्रशासनिक व्यवस्था में परिवर्तन से स्थानीय स्तर पर कार्य करने में दिक्कतें आ सकती हैं।
बुधवार को राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी और पटवारी-कानूनगो संघ के प्रतिनिधियों के बीच विस्तृत चर्चा हुई। इस बैठक के बाद सरकार और कर्मचारियों के बीच निम्नलिखित समझौता हुआ:
- पुराने भर्ती एवं पदोन्नति नियम (R&P Rules) अभी लागू रहेंगे – जब तक नए नियम नहीं बनते, तब तक भर्ती और पदोन्नति की पुरानी प्रक्रिया लागू रहेगी।
- कर्मचारियों के हितों की रक्षा होगी – सरकार ने भरोसा दिया कि स्टेट कैडर बनने से किसी कर्मचारी के हितों को नुकसान नहीं पहुंचेगा।
- पदोन्नति में कोई बाधा नहीं होगी – जब तक नए R&P नियम नहीं बनते, तब तक पदोन्नति की प्रक्रिया पहले की तरह जारी रहेगी।
- महासंघ ने सरकार पर भरोसा जताया – पटवारी-कानूनगो महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष सतीश चौधरी ने कहा कि सरकार ने आश्वासन दिया है कि किसी कर्मचारी के हितों को नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा, इसलिए हड़ताल खत्म करने का फैसला लिया गया।
राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने क्या कहा?
- बैठक सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई।
- सरकार का मकसद कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा करना है।
- स्टेट कैडर को लेकर कुछ गलतफहमियां थीं, जिन्हें बैठक में दूर किया गया।
- बलवान कमेटी की सिफारिशों के तहत कई मांगें पूरी कर दी गई हैं, शेष पर विचार किया जाएगा।
- सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी कर्मचारियों को भरोसा दिलाया कि बिना उनकी सहमति के कोई नुकसानदायक बदलाव नहीं किया जाएगा।
- हड़ताल खत्म होने से अब पटवारखानों (Patwarkhanas) में काम सुचारू रूप से शुरू हो जाएगा।
- भूमि रजिस्ट्रेशन, नामांतरण, विरासत, जमाबंदी और अन्य राजस्व संबंधी कार्य जो रुके हुए थे, अब फिर से शुरू होंगे।
- आम जनता को किसानों, भूमि मालिकों और व्यापारियों को राजस्व विभाग से जुड़े कार्यों में आसानी होगी।
- सरकार और कर्मचारियों के बीच विश्वास बहाली की दिशा में यह एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है।
5. आगे क्या होगा?
अब सरकार को नई R&P नियमावली बनाते समय कर्मचारियों की चिंताओं को ध्यान में रखना होगा। यदि सरकार ने बिना कर्मचारियों की सहमति के नियमों में बदलाव किया, तो भविष्य में फिर से आंदोलन हो सकता है।
संभावित चुनौतियाँ:
- स्टेट कैडर लागू होने से तबादलों की संख्या बढ़ सकती है, जिससे कर्मचारियों को दूरस्थ स्थानों पर जाना पड़ सकता है।
- सरकार द्वारा नई भर्ती प्रक्रिया में क्या बदलाव होंगे, यह देखना होगा।
- यदि सरकार कर्मचारियों की सहमति के बिना कोई बदलाव करती है, तो महासंघ फिर से विरोध जता सकता है।