भ्रष्टाचार के दरवाजों को भविष्य में और सख्ती से बंद करेगी सरकार – मुख्यमंत्री
एप्पल न्यूज, शिमला
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि उनकी सरकार भविष्य में भ्रष्टाचार के दरवाजों को और सख्ती से बंद करेगी और सारे कार्य पारदर्शिता से किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि सरकार विकास कार्यों में कोई कमी नहीं आने देगी और पैसे का सही इस्तेमाल करेगी, क्योंकि हमारे पास पैसा खर्च करने के ढंग हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी तक उन्होंने 40 के लिए लड़ाई लड़ी, लेकिन आने वाले समय में सरकार लड़ाई नहीं, बल्कि युद्ध लड़ेगी और अगले विधानसभा चुनाव में 48 सीटों के साथ सत्ता में लौटेगी।
मुख्यमंत्री ने वीरवार को विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर सत्ता पक्ष द्वारा लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा के जवाब में कहा कि भ्रष्टाचार के लिए सरकार में कोई जगह नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने राजनीतिक लाभ के लिए प्रदेश की संपदा को लुटा दिया, लेकिन उनकी सरकार अब राज्य की संपदा को न लुटने देगी और न ही लुटाएगी।

मुख्यमंत्री ने विपक्षी भाजपा पर उनकी छवि खराब करने के लिए सोशल मीडिया के माध्यम से टारगेटिड कैंपेन चलाए जाने का दावा किया।
उन्होंने कहा कि सरकार ने सीआईडी के माध्यम से ऐसे 19 मामलों की पहचान की है। यह अभियान प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से चलाया जा रहा है और इसमें कांग्रेस के विधायकों को भी निशाना बनाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने इस तरह का अभियान चलाने वाले सोशल मीडिया के लोगों को चेतावनी दी कि अब कानून बदल चुका है और गलत तथ्य पेश करने पर आरोपी नहीं, बल्कि सोशल मीडिया पर ऐसा अभियान चलाने वाले की जवाबदेही तय होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व सरकार ने कानूनी प्रावधान होने के बावजूद पीसी एंड एनडीपीएस एक्ट को गंभीरता से लागू नहीं किया। इस कारण प्रदेश में युवाओं में नशे का प्रचलन बढ़ा।
उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने नूरपुर में ड्रग माफिया से जुड़े एक व्यक्ति की संपत्ति को तोड़ डाला है और इस तरह के 300 अन्य लोगों और उनकी संपत्तियों की पहचान की गई है, जिन पर जल्द कार्रवाई होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2024-25 में पुलिस ने 25.42 करोड़ रुपए की ड्रग तस्करों की संपत्ति को अटैच किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सरकारी कर्मचारी भी चिट्टे की तस्करी में शामिल पाए गए हैं।
इनमें आठ पुलिस कर्मी भी शामिल हैं, जिनमें से दो को बर्खास्त कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी ऐसे सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि पूर्व भाजपा सरकार ने राजनीतिक लाभ लेने के लिए महिलाओं को चुनावी वर्ष में परिवहन निगम की बसों में यात्रा पर 50 फीसदी की सब्सिडी दे डाली, जिस पर सरकार को सालाना 730 करोड़ रुपए खर्च करना पड़ रहा है।
उन्होंने भाजपा को दिखावे का गौ सेवक भी करार दिया और कहा कि सच्चे सेवक हम हैं, क्योंकि हमने जयराम ठाकुर की गायों को भी पाला है।
उन्होंने मंदिर न्यासों से सरकारी योजनाओं के लिए पैसा लेने के मुद्दे पर कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने 15.70 करोड़ रुपए सिर्फ मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए ही मंदिरों से ले लिए थे। यही नहीं, अकेले चिंतपूर्णी ट्रस्ट से पूर्व सरकार ने पांच साल में 35 करोड़ रुपए विभिन्न परोपकारी कार्यों के लिए निकाले।
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने यह आरोप भी लगाया कि पूर्व भाजपा सरकार ने बजट योजनाओं के लिए भी मंदिरों से पैसा लिया, जबकि हमारी सरकार ने ऐसा कुछ नहीं किया है।
मुख्यमंत्री ने विपक्ष के 1.50 लाख सरकारी नौकरियों को खत्म करने के आरोपों को भी गलत करार दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने जनता के खिलाफ कोई भी फैसला नहीं लिया है और अगर लिया भी तो उसे वापस लेने में भी देर नहीं की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2022-23 में प्रदेश की ऋण लेने की सीमा 16352 करोड़ रुपए थी जो बीते साल घटकर 12176 करोड़ रुपए केंद्र सरकार द्वारा कर दी गई है।
यही नहीं, प्रदेश को वैट लागू होने पर 3993 करोड़ रुपए मुआवजा मिलता था। फिर जीएसटी लागू होने पर प्रदेश को 2022 तक 3200 करोड़ रुपए मुआवजे के तौर पर मिलता रहा, जो अब पूरी तरह से बंद हो गया है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2021 में प्रदेश को मिलने वाली 11431 करोड़ रुपए की आरडीजी अब घटकर वित्त वर्ष 2025-26 में 3257 करोड़ रुपए रह गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आरडीजी कम होने की चुनौती का भी वह युद्ध की तरह सामना करेंगे।
मुख्यमंत्री ने जल्द ही आईजीएमसी शिमला, हमीरपुर और नेरचौक मेडिकल कॉलेजों में आधुनिक एमआरआई मशीनें स्थापित करने की घोषणा की।
उन्होंने एनपीएस के तहत केंद्र के पास जमा 10 हजार करोड़ रुपए में से पांच हजार करोड़ रुपए पर भी सरकार का दावा जताया।