हिमाचल आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट, GSDP 2,32,185 करोड़ बीते वर्ष से 9.9% अधिक, प्रति व्यक्ति आय 9.6% वृद्धि के साथ 2,57,212 अनुमानित

एप्पल न्यूज, शिमला

मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज विधानसभा में हिमाचल प्रदेश आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 प्रस्तुत किया। यह प्रकाशन हिमाचल प्रदेश सरकार के आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग द्वारा तैयार किया गया है।

आर्थिक सर्वेक्षण, 2024-25 राज्य की अर्थव्यवस्था की चुनौतियों, अवसरों, रणनीतियों और क्षेत्रीय प्रदर्शन का व्यापक विश्लेषण प्रस्तुत करता है।

यह नई नीतिगत पहलों के साथ-साथ विकास योजनाओं और कार्यक्रमों के कार्यान्वयन के संदर्भ में अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों के सामने आने वाली चुनौतियों और उन पर सरकार की प्रतिक्रियाओं का विस्तृत मूल्यांकन प्रस्तुत करता है।

यह रिपोर्ट राज्य के राजकोषीय स्थिति और अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्रों में प्रगति को प्रदर्शित करती है।

आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 की मुख्य विशेषताऐं इस प्रकार हैं:

2023-24 में राज्य का आर्थिक प्रदर्शन

  • अग्रिम अनुमानों (अ.अ.) के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए प्रचलित भावों पर हिमाचल प्रदेश का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जी.एस.डी.पी.) ₹2,32,185 करोड़ होने का अनुमान है जोकि वित्तीय वर्ष 2023-24 में ₹2,10,662 करोड़ था जो वित्तीय वर्ष 2023-24 के प्रथम संशोधित (प्र.स.अ.) के 9.9 प्रतिशत के समकक्ष वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 10.2 प्रतिशत की प्रभावशाली वृद्धि दर प्रदर्शित करता है।
  • वर्ष 2024-25 अ.अ.के अनुसार स्थिर (2011-12) भावों या वास्तविक जी.एस.डी.पी. ₹1,46,553 करोड़ अनुमानित है, जबकि वित्त वर्ष 2023-24 में यह ₹1,37,320 करोड़ थी और यह वित्त वर्ष 2023-24 (प्र.स.अ.) के 6.6 प्रतिशत की समकक्ष वर्ष 2024-25 के लिए 6.7 प्रतिशत वृद्धि दर प्रदर्शित करता है।
  • वित्त वर्ष 2024-25 के लिए जी.एस.वी.ए. के अ.अ. के आधार पर, तृतीयक क्षेत्र का प्रचलित मूल्यों पर राज्य के जी.एस.वी.ए. में 45.3 प्रतिशत भाग है, इसके बाद द्वितीयक क्षेत्र का 39.5 प्रतिशत और प्राथमिक क्षेत्र का 15.2 प्रतिशत योगदान आता है।
  • वित्त वर्ष 2024-25 अ.अ. के अनुसार प्राथमिक क्षेत्र से जी.एस.वी.ए. 3.2 प्रतिशत की वृद्धि दर के साथ स्थिर मूल्यों पर वित्त वर्ष 2023-24 (प्र.स.अ.) में ₹16,116 करोड़ की तुलना के ₹16,625 करोड़ अनुमानित है।
  • वित्तीय वर्ष 2024-25 अ.अ. के अनुसार द्वितीयक क्षेत्र का जी.एस.वी.ए. स्थिर (2011-12) मूल्यों पर, वित्तीय वर्ष 2023-24 (प्र.स.अ.) के लिए ₹60,238 करोड़ के मुकाबले ₹65,134 करोड़ अनुमानित है, जिसमें पिछले वर्ष की तुलना में 8.1 प्रतिशत वृद्धि दर दर्ज होने की आशा है।
  • वित्तीय वर्ष 2024-25 (अ.अ.) के अनुसार सेवा क्षेत्र का जी.एस.वी.ए. स्थिर (2011-12) भावों पर ₹56,654 करोड़ अनुमानित है, जबकि वित्त वर्ष 2023-24 (प्र.स. अ.) में यह ₹53,481 करोड़ था, जो पिछले वर्ष की तुलना में 5.9 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्शाता है।

प्रति व्यक्ति आय (पी.सी.आई.)

  • वित्त वर्ष 2024-25 के लिए प्रचलित भावों पर प्रति व्यक्ति आय (पी.सी.आई.) वित्त वर्ष 2023-24 में ₹2,34,782 की तुलना में ₹2,57,212 अनुमानित है, जो वित्त वर्ष 2024-25 में 9.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
  • राज्य के प्रति व्यक्ति आय (पी.सी.आई.) में 2011-12 में ₹87,721 से 2024-25 में ₹2,57,212 की बढ़ोतरी हुई है, जो 2011-12 की तुलना में 8.6 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सी.ए.जी.आर.) दर्शाती है।
    क्षेत्रीय योगदान
  • किसी भी राज्य का जी.एस.डी.पी. तीन प्रमुख क्षेत्रों-प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक द्वारा किए गए आर्थिक योगदान के संदर्भ में मापा जाता है। राज्य के सकल राज्य मूल्य वर्धित (जी.एस.वी.ए.) में तृतीयक क्षेत्र का सबसे अधिक योगदान रहा है, इसके बाद द्वितीयक और प्राथमिक क्षेत्रों का स्थान आता है।

कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र

  • पिछले कुछ वर्षों में राज्य की अर्थव्यवस्था में प्राथमिक क्षेत्र के योगदान में निरंतर वृद्धि हुई है। वर्तमान मूल्यों पर जी.एस.वी.ए. में कृषि और संबद्ध क्षेत्र का योगदान 2020-21 में ₹20,838 करोड़ से 53 प्रतिशत बढ़कर अग्रिम अनुमान (अ.अ.) 2024-25 के अनुसार ₹31,879 करोड़ हो गया है।
  • 2020-21 से 2024-25 के बीच (2020-21 में ₹12,341 करोड़ से 2024-25 में ₹21,912 करोड़) प्रचलित मूल्यों पर फसलों के जी.एस.वी.ए. में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। जी.एस.वी.ए. में फसल क्षेत्र का योगदान इसी अवधि में 78 प्रतिशत बढ़ गया है।
  • अग्रिम अनुमान के अनुसार, कृषि और संबद्ध क्षेत्र जी.एस.वी.ए. में वित्त वर्ष 2024-25 में स्थिर मूल्यों पर 3.07 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान है, जबकि वित्त वर्ष 2023-24 में 2.63 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज की गई थी।
  • वित्त वर्ष 2024-25 में पशुधन उपक्षेत्र का योगदान कुल जी.एस.वी.ए. का 1.36 प्रतिशत और कृषि और संबद्ध क्षेत्र जी.एस.वी.ए. का 9.24 प्रतिशत है। पशुधन उप-क्षेत्र की वृद्धि दर 2024-25 में 5.2 प्रतिशत हो गई है।

औद्योगिक क्षेत्र में रुझान

  • उद्योग क्षेत्र राज्य की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और हिमाचल में रोजगार की अत्यधिक संभावनाएं पैदा करने के लिए महत्वपूर्ण है। 2024-2025 अग्रिम अनुमान के अनुसार औद्योगिक क्षेत्र का (खनन और उत्खनन सहित) कुल जी.वी.ए. (प्रचलित भावों में) ₹86,695 करोड़ अनुमानित है।
  • जी.एस.वी.ए. में प्रचलित भावों पर औद्योगिक क्षेत्र (खनन और उत्खनन सहित) का योगदान वित्तीय वर्ष 2024-25 में 40.00 प्रतिशत है जिसमें 26.19 प्रतिशत विनिर्माण से, 7.68 प्रतिशत निर्माण तथा 5.66 प्रतिशत बिजली, जल आपूर्ति और अन्य उपयोगिता सेवाओं से आता है।
  • अग्रिम अनुमान के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में वित्त वर्ष 2024-25 में औद्योगिक क्षेत्र का जी.एस.वी.ए. 8.1 प्रतिशत बढ़ने की आशा है और इसी अवधि के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर औद्योगिक क्षेत्र का जी.वी.ए. स्थिर भावों पर 6.5 प्रतिशत बढ़ा है।
  • वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान, विनिर्माण क्षेत्र में 7.1 प्रतिशत की वृद्धि होने की आशा है जो उद्योग क्षेत्र में तीसरी सबसे ऊंची वृद्धि दर है।
  • संगठित और असंगठित क्षेत्र की आय बढ़ाने के लिए और राज्य के आधारिक ढांचे का विकास करने के लिए निर्माण उप-क्षेत्र का विकास महत्त्वपूर्ण है। निर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर उद्योग क्षेत्र में द्वितीय स्थान पर है जोकि वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान उच्चतम विकास दर जो 9.4 प्रतिशत अनुमानित है

पर्यटन

  • हिमाचल प्रदेश के सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जी.एस.डी.पी.) में पर्यटन उद्योग का योगदान 7.78 प्रतिशत है। यह आतिथ्य, परिवहन, हस्तशिल्प और अन्य संबद्ध उद्योगों से जुड़ी गतिविधियों से प्रेरित है।
  • पर्यटकों का आगमन किसी विशेष गंतव्य में पर्यटन की मांग के मुख्य संकेतकों में से एक है। COVID-19 महामारी के बाद, घरेलू पर्यटकों का आगमन 2020 में

32.13 लाख से बढ़कर 2021 में 56.37 लाख, 2022 में 150.99 लाख और 2023 में 160.05 लाख से बढ़कर 2024 में पूर्ण रूप से 181.24 हो गया है। इससे पता चलता है कि पर्यटकों का आगमन महामारी-पूर्व स्तर पर पहुंच रहा है।

ऊर्जा

  • राज्य में कई जलविद्युत परियोजनाएँ हैं जो इसकी नदियों की ऊर्जा का उपयोग करती हैं और क्षेत्र की बिजली आपूर्ति में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं। हिमाचल प्रदेश में बड़ी संख्या में जलविद्युत संसाधन हैं, राज्य में पांच बारहमासी नदी घाटियों पर विभिन्न जलविद्युत परियोजनाओं के निर्माण से 24,000 मेगावाट जलविद्युत पैदा की जा सकती है जोकि राष्ट्रीय क्षमता का लगभग 25 प्रतिशत है।
  • राज्य की कुल जलविद्युत क्षमता में से अब तक 11,290 मेगावाट का दोहन किया जाता हैं।

मुद्रास्फीति में वर्तमान रुझान

  • हिमाचल प्रदेश के मामले में मुद्रास्फीति दर अपेक्षाकृत स्थिर रही है। वित्त वर्ष 2023-24 की सी.पी.आई. सी मुद्रास्फीति 5.0 प्रतिशत से घटकर वर्ष 2024-25 में 4.2 प्रतिशत हो गई। इसी समय अवधी में सी.पी.आई. ग्रामीण मुद्रास्फीति 5.1 प्रतिशत से घटकर 4.4 प्रतिशत, सी.पी.आई. शहरी मुद्रास्फीति 4.7 प्रतिशत से घटकर 3.3 प्रतिशत हो गई है।

सामाजिक सेवाएं

  • स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग ने 115 सिविल अस्पतालों, 106 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, 585 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, 24 ई.एस.आई. सिविल डिस्पेंसरियों और 2,114 स्वास्थ्य उप केंद्रों सहित स्वास्थ्य सुविधाओं के एक सुस्थापित नेटवर्क की उपस्थिति के साथ उपचारात्मक, निवारक और पुनर्वास सेवाएं प्रदान करने के लिए एक व्यवस्थित दृष्टिकोण अपनाया है।
  • हिमाचल प्रदेश के लोगों को राज्य के भीतर और बाहर यात्री परिवहन सेवाएं हिमाचल पथ परिवहन निगम द्वारा 3,079 बसों, 110 इलेक्ट्रिक बसों, 38 टैक्सियों, 50 इलेक्ट्रिक टैक्सियों और 12 टेम्पो ट्रैवलर के बेड़े के साथ प्रदान की जा रही हैं।

रोजगार परिदृश्य

  • अवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पी.एल.एफ.एस.) 2023-24 के अनुसार समस्त आयु का एल.एफ.पी.आर. हिमाचल प्रदेश (60.5) के लिए, उत्तराखंड (46.2), पंजाब (43.7), हरियाणा (37.4) और समस्त भारत (45.1) से अधिक है।
  • “डब्ल्यू.पी.आर.” को नियोजित/रोजगार के लिए इच्छुक व्यक्तियों का कुल जनसंख्या में प्रतिशत के रूप में परिभाषित किया जाता है। सभी आयु वर्ग में 2023-24 में हिमाचल प्रदेश का डब्ल्यू.पी.आर. (57.2), उत्तराखंड (44.2), पंजाब (41. 3), हरियाणा (36.1) और पूरे भारत (43.7) से अच्छा है।
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