एप्पल न्यूज़, जुब्बल कोटखाई
ब्लॉक कांग्रेस कमेटी जुब्बल नावर कोटखाई ने उच्च न्यायालय द्वारा मिहाना खड्ड बढ़ाल लेहरोटी कटारला वाया शोभा सड़क की DPR को नाबार्ड को भेजने का स्वागत किया और इसे जनता की जीत कहा । गत 3 वर्षों से जुब्बल नावर कोटखाई में वर्तमान विधायक की द्वेषपूर्ण राजनीति के चलते कांग्रेस कार्यकाल में मंजूर विकासात्मक कार्य लटके पड़े हैं।
यह बात ब्लॉक कांग्रेस कमेटी जुब्बल नावर कोटखाई के अध्यक्ष मोतीलाल डेरटा, वीरेंदर घेजटा, मोतीलाल सिथटा, भीम सिंह झौहटा, यशोधर तांटा, लोकपाल शरकोली, कांता दंदरोल्टा, अनीता चौहान, मीना प्रेमी और कौशल मुंगटा ने सयुक्त प्रेस विज्ञप्ति में कही ।
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में विकास एक निरंतर प्रक्रिया है और स्वस्थ लोकतंत्र में सत्तासीन विधायक का कर्तव्य होता हैं कि पूर्व विधायक द्वारा स्वीकृत कार्यो को गति दे लेक़िन इसके विपरीत मौजूदा विधायक ने पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रोहित ठाकुर के द्वारा स्वीकृत कार्यो को रोक कर नकारात्मक राजनीति का परिचय दिया जो कि लोकतंत्र के लिए बेहद दुर्भाग्यपूर्ण हैं।
विधायक की संकीर्ण मानसिकता लोकतंत्र और विकास विरोधी हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रोहित ठाकुर ने वर्ष 2017 में मिहाना खड्ड बढ़ाल लेहरोटी कटारला वाया शोभा सड़क को विधायक प्राथमिकता में डालकर सड़क के निर्माण के लिए ₹9.74 करोड़ रुपए की DPR बनवाई थी। दुर्भाग्यवंश वर्तमान विधायक ने सत्ता परिवर्तन के बाद DPR को वित्तपोषण के लिए नाबार्ड भेजने से रोका।
विधायक के इस नकारात्मक और अन्यायपूर्ण रवैये से आहत होकर स्थानीय जनता को उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ा । उन्होंने माननीय न्यायालय का स्वागत करते हुए कहा कि 09 अक्तूबर को माननीय न्यायालय से मिली कड़ी फ़टकार के चलते सरकार को 03 नवंबर को मिहाना खड्ड बढ़ाल लेहरोटी कटारला वाया शोभा सड़क की DPR को नाबार्ड को वित्तपोषण के लिए भेजना पड़ा।
नरेन्दर बरागटा को छोड़कर सभी विधायकों ने उनके क्षेत्र में पिछली सरकार के समय बनी विकासात्मक कार्यो की DPR को सहमति प्रदान की जिससे सिद्ध होता हैं कि नरेन्दर बरागटा काम करने में नहीं बल्कि काम रोकने में विश्वास रखते हैं। इसी तरह पूर्व संसदीय सचिव रोहित ठाकुर ने विधायक प्राथमिकता में उबादेश क्षेत्र की बखरैल कैंची से खुला जुब्बड़ वाया जराई टॉप ओडी सड़क को डालकर 2.81 करोड़ की DPR वित्तपोषण के लिए भेजी थी जिसकी स्वीकृति मिलने के बावजूद भी 2 वर्षो तक टेन्डर तक नही लगाए।
गुम्मा-बाघी सड़क की बदतर हालत के चलते जनता के भारी आक्रोश और दबाब से तीन वर्ष बाद कार्य शुरू हुआ हैं जबकि कार्य की गुणवत्ता में भारी ढील की आशंका भी जताई जा रही हैं।
नरेन्दर बरागटा जब विपक्ष में थे तो ठियोग-हाटकोटी सड़क में पदयात्रा कर अपनी राजनीतिक रोटियां सेका करते थे वही सता में आने के उपरांत कार्य को बंद करवाया व तीन वर्ष बाद भी मात्र 8% बचे हुए शेष कार्य को करवाने में नाकाम रहे हैं।
इसी प्रकार पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रोहित ठाकुर के अथक प्रयासों से खड़ापत्थर में स्वीकृत सीए स्टोर का टेन्डर सभी औपचारिकता पूरी होने के बावजूद भी एपीडा के निदेशक रहते हुए नरेन्दर बरागटा ने रदद् करवा दिया। मौजूदा विधायक द्वारा पेयजल योजनाओं के टेन्डर रदद् तक किए गए।
पूर्व कांग्रेस सरकार के समय खोले गए स्वास्थ्य संस्थान, जनता की मांग पर स्वीकृत बस रूट नकारात्मक राजनीति के चलते विधायक द्वारा बन्द करवाएं गए। जन हित को नजरअंदाज कर विधायक के चहेतों को लाभ देने तक विभागों की कार्यप्रणाली सीमित रही। नरेन्दर बरागटा का तीन वर्षो का कार्यकाल कर्मचारियों और अधिकारियों के तबादलों में निकल गया। उन्होंने अंत मे कहा कि विधानसभा क्षेत्र में सभी विकासात्मक कार्य रुकें पड़े हैं और अब पंचायती चुनाव नजदीक आते देख जनता को गुमराह करने के लिए मुख्यमंत्री को अंधेरे में रखकर नरेन्दर बरागटा आनन-फ़ानन में शिलान्यास करवा रहे हैं।