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विकास और समृद्धि‍ के एक नए युग का होगा सूत्रपात, SJVN का लक्ष्‍य 2040 तक 25,000 मेगावाट कंपनी बनना

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एप्पल न्यूज़, शिमला

एसजेवीएन का लक्ष्‍य 2023 तक 5000 मेगावाट कंपनी, 2030 तक 12,000 मेगावाट कंपनी तथा 2040 तक 25,000 मेगावाट कंपनी बनने का है। एसजेवीएन की उन्‍नति गाथा का सभी हितधारकों को भी फायदा होगा और परियोजना क्षेत्रों के ईर्द-गिर्द विकास और समृद्धि‍ के एक नए युग का सूत्रपात होगा।  इतने पैमाने पर विद्युत परियोजनाओं का विकास देश के युवाओं के लिए और अधिक रोजगार के अवसरों की दिशा में भी योगदान देगा। एसजेवीएन को चुनौतीपूर्ण हिमालयी भू-गर्भीय परिस्थितियों में वृहद जलविद्युत परियोजनाओं के निष्‍पादन में गहन अनुभव है तथा 11759.31 करोड़ रुपए (31/03/2020 को) की वर्तमान नेटवर्थ के साथ एसजेवीएन के पास नई परियेाजनाओं के विकास के लिए इक्विटी भाग के वित्‍त पोषणार्थ आवश्‍यक वित्तीय सामर्थ्‍य है।

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एसजेवीएन के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक नन्दलाल शर्मा ने पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि एसजेवीएन की सर्वोच्‍च प्राथमिकता मौजूदा परियोजनाओं का निर्माण करने की है, जिसके तहत अभियोजित अनुसूची के अंदर निर्माणाधीन परियोजनाओं पर विशेष ध्‍यान दिया जाता है , इसके अलावा जो परियोजनाएं निर्माण एवं निवेश अनुमोदन अवस्थाओं में है, उनके लिए जरूरी मंजूरियां समय पर लेने पर भी विशेष बल दिया जाता है। सन 2023 तक 5000 मेगावाट , 2030 तक 12000 मेगावाट तथा 2040 तक 25000 मेगावाट क्षमता हासिल करने के चिर प्रतीक्षित विजन को पूरा करने के लिए योजना के हिस्‍से के रूप में एसजेवीएन ने अति सक्रिय रणनीतियां बनाई हैं, जिसमें सर्वांगीण उन्‍नति के साधन शामिल हैं । कारोबार की उन्‍नति और विस्‍तार के लिए विभिन्‍न मौकों की पहचान , आंकलन तथा क्रियान्‍वयन के लिए संगठन के अंदर एक बोर्ड स्‍तर की कारोबार विस्‍तार समिति तथा एक समर्पित कारोबार विकास एवं विस्‍तार विभाग गठित किया गया है । उन्होंने कहा कि कंपनी पहले से ही विस्‍तारकारी रणनीतियों पर चल रही है जिनमें एनसीएलटी या अन्‍यथा के जरिए संकटग्रस्‍त कंपनियों का अधिग्रहण , भारत तथा विदेश में विद्युत परियोजनाओं की बीडिंग के लिए समकक्ष समूह सीपीएसई/प्रतीष्ठित कंपनियों के साथ समूह एवं रणनीतिक भागेदारी बनाना, सर्वेक्षण एवं अन्‍वेषण अथवा निर्माण या ओ एंड एम की विभिन्‍न अवस्‍थाओं वाली मौजूदा परियोजनाओं का अधिग्रहण, परियोजना खाते में नई परियोजनाएं जोड़ना शामिल है ।एसजेवीएन अपने उद्देश्‍यों को व्‍यावसायिकता, जबावदेही, सततशीलता, सर्वोत्‍कृष्‍टता, नवोन्‍मेषता तथा विश्‍वास की उन मुख्‍य धारणाओं के जरिए हासिल करने में यकीन रखता है, जिनमें हम हर दिन जीते हैं और सांस लेते हैं ।   

वित्तीय सुदृढ़ता एसजेवीएन की वर्तमान अभिदत्‍त पूंजी 3929.80 करोड़ रुपए है जबकि अधिकृत पूंजी 7000 करोड़ रुपए है I  एसजेवीएन की वर्तमान नेटवर्थ 11759.31 करोड़ रुपए (31/03/20 को) है।

पिछले कुछ वित्‍तीय वर्षों के प्रमुख वित्‍तीय आंकड़े :

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निर्माणाधीन चरण में परियोजनाएं :
900 मेगावाट अरुण-3 जलविद्युत परियोजना– एसजेवीएन अरुण-3 जलविद्युत परियोजना का निर्माण कर रही अरुण-3 पावर डेवल्‍पमेंट कंपनी (एसएपीडीसी) एसजेवीएन के पूर्ण स्‍वामित्‍व वाली एक कंपनी है। यह एक रन ऑफ द रिवर निर्यातोन्‍मुखी परियोजना है, जो 900 मेगावाट की उत्‍पादन क्षमता के साथ पूर्वी नेपाल के सांखुवासभा जिले में अरुण नदी पर स्थित है।  इस परियोजना में हर साल 3924 मिलियन यूनिट विद्युत उत्‍पादन कर सकने की संभाव्‍यता  है।  इस परियोजना से विद्युत निकासी के लिए विद्युत निकास प्रणाली नेपाल में डिडिंग (परियोजना क्षेत्र) से ढालकेबार (नेपाल सीमा) तक 217 कि.मी. लंबी 400 केवी, डबल सर्किट पारेषण लाईन की स्‍थापना से युक्‍त है। भारत सरकार ने 5723.72 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत पर परियोजना के उत्‍पादक घटक के लिए निवेशगत मंजूरी दे दी है।  भारत के माननीय प्रधानमंत्री  मोदी तथा नेपाल के  प्रधानमंत्री  के. पी. शर्मा ओली ने 900 मेगावाट अरुण-3 जलविद्युत परियोजना की काठमांडू में 11 मई, 2018 को संयुक्‍त रूप से आधारशिला रखी।   मुख्‍य सिविल पैकेज, हाईड्रो-मैकेनिकल पैकेज तथा इलेक्‍ट्रो-मैकेनिकल पैकेजों को अवार्ड किया जा चुका है तथा संकार्य पूर्ण गति से चल रहे हैं। यह परियोजना वर्ष 2023-24 में चालू किया जाना निर्धारित  है।
600 मेगावाट खोलोंग्‍चू जलविद्युत परियोजना – खोलोंग्‍चू जलविद्युत परियोजना भूटान में खोलोंग्‍चू नदी पर स्थित है। सालाना 2569 मिलियन यूनिट बिजली का उत्‍पादन करने के लिए अभिकल्पित इस परियोजना का निर्माण एसजेवीएन ड्रक ग्रीन पावर कारपोरेशन (डीजीपीसी) भूटान के संयुक्‍त उपक्रम खोलोंग्‍चू हाइड्रो एनर्जी द्वारा किया जा रहा है।  भारत के  प्रधानमंत्री  नरेन्‍द्र मोदी ने 16 जून,2016 को खोलोंग्‍चू जलविद्युत परियोजना की आधारशिला रखी। वर्तमान में परियोजना के विभिन्‍न संकार्य प्रगति पर हैं ।
60 मेगावाट नैटवाड़ मोरी जलविद्युत परियोजना – नैटवाड़ मोरी जलविद्युत परियोजना उत्‍तरकाशी में यमुना नदी की एक मुख्‍य सहायक नदी टोंस नदी पर स्थित है। यह परियोजना एक रन ऑफ द रिवर परियोजना के रूप में अभिकल्पित है और इसकी 265.5 मिलियन यूनिट ऊर्जा उत्‍पादन करने की संभावित क्षमता है।
केन्‍द्रीय ऊर्जा राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार)  आर.के.सिंह और उत्‍तराखंड के मुख्‍यमंत्री त्रि‍वेन्‍द्र सिंह रावत ने परियोजना की आधारशिला रखी थी। परियोजना पूर्णता अवधि 48 महीने है और सभी सिविल कार्य पैकेज, हाईड्रो-मैकेनिकल पैकेज तथा इलेक्‍ट्रो-मैकेनिकल पैकेजों को पहले ही अवार्ड किया जा चुका हैI  निर्माण संबंधी गतिविधियां पूरे जोर से चल रही हैं  तथा 2022-23 मे कमीशन किया जाना है ।

पारेषण परियोजनाएं : 900 मेगावाट अरुण-3 परियोजना से बिजली की निकासी के लिए क्रॉस बार्डर अंर्तराज्‍यीय पारेषण400 केवी डबल सर्किट पारेषण लाईन नेपाल में 217 कि.मी. लंबी पारेषण लाईन और भारतीय हिस्‍से में 86 कि.मी. पारेषण लाईन से युक्‍त कुल 303 कि.मी. लंबी है।   ट्रांसमिशन लाईन (भारतीय हिस्‍सा) के संकार्य पहले ही पूरे हो चुके हैं तथा वर्तमान में इस लाईन के जरिए नेपाल को लगभग145 मेगावाट बिजली की आपूर्ति की जा रही है।  इसके अलावा 217 कि.मी. ट्रांसमिशन लाईन (नेपाल हिस्‍सा) के संकार्य एसएपीडीसी द्वारा निर्मित किए जा रहे हैं। 
एसजेवीएन अभूतपूर्व उन्‍नति के पथ पर अग्रसर है और कंपनी के खाते में अंतर्राष्‍ट्रीय प्रतिष्‍ठा वाली विशाल परियोजनाएं हैं ।  एसजेवीएन ने अपने फलक का विस्‍तार किया है और एक पूर्णतः विविधीकृत ट्रांसनेशनल विद्युत क्षेत्र कंपनी बन रही है।वर्तमान में एसजेवीएन की ऊर्जा उत्‍पादन तथा विद्युत पारेषण के सभी प्रकार के पारंपरिक और अपारंपरिक रूपों में रूचि है।

एससजेवीएन की अन्‍य परियोजनाएं हैं :
निर्माण पूर्व तथा निवेश अनुमोदनाधीन परियोजनाएं

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