एप्पल न्यूज़, शिमला
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने यहां से प्रदेश के उपायुक्तों, पुलिस अधीक्षकों, मुख्य चिकित्सा अधिकारियों, राज्य के विभिन्न राजकीय चिकित्सा महाविद्यालयों के चिकित्सा अधीक्षकों और प्रधानाचायों के साथ वीडियो काॅन्फ्रेंस की अध्यक्षता की। उन्होंने प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से कोविड-19 के मामलों की संख्या में वृद्धि और कोविड-19 मरीजों की मृत्यु पर चिंता व्यक्त की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संक्रमित व्यक्तियों के काॅटेक्ट ट्रेसिंग पर विशेष बल दिया जाना चाहिए ताकि तत्काल निवारक कदम उठाए जा सकें। उन्होंने कहा कि डाॅक्टरों को विशेष रूप से अन्य बीमारियों से ग्रस्ति रोगियों का उचित उपचार सुनिश्चित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मौसम में बदलाव के कारण यह संक्रमण तेजी से फैल रहा है। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ चिकित्सकों को मरीजों में विश्वास जगाने के लिए कोविड मरीज के वार्ड में कम से कम तीन बार दौरा सुनिश्चित करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि होम आइसोलेशन के तहत लक्षण रहित मरीजों के इलाज के लिए उचित दिशा-निर्देशों को अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इन रोगियों के लिए पल्स आॅक्सीमीटर की पर्याप्त व्यवस्था की जानी चाहिए ताकि वे नियमित रूप से रक्त में आॅक्सीजन के स्तर को जांच सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह महसूस किया गया है कि इस संक्रमण के प्रसार का मुख्य कारण निर्धारित एसओपी के पालन में लोगों द्वारा बरती गई लापरवाही है। उन्होंने कहा कि सामाजिक समारोह के कारण राज्य में कोविड मामलों में वृद्धि हो रही है। उन्होंने कहा कि मैरिज हाॅल और सामुदायिक केंद्रों में होने वाले सामाजिक कार्यों में बड़ी संख्या में लोगों के इकट्ठा होने के परिणामस्वरूप कोरोना वायरस की संख्या में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि विवाह और धाम जैसे सामाजिक समारोहों में संक्रमित होने की अधिक संभावना के बारे में लोगों को जागरूक करने पर अधिक ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में इस संक्रमण को लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए एक संगठित अभियान शुरू किया जाना चाहिए।
जय राम ठाकुर ने कहा कि कोविड रोगियों की संख्या में अचानक वृद्धि के मामले में सभी कोविड अस्पतालों और कोविड देखभाल केंद्रों की बिस्तर क्षमता बढ़ाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि होम आइसोलेशन के गंभीर रोगियों को कोविड देखभाल केंद्रों या कोविड अस्पतालों के लिए शीघ्र परिवहन सुविधा प्रदान करने के लिए आॅक्सीजन सिलेंडर की सुविधा से लैस अधिक एम्बुलेंस भी तैनात की जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड के रोगियों की संख्या में वृद्धि होने पर मांग को पूरा करने के लिए इंदिरा गांधी राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय शिमला, डाॅ. राजेन्द्र प्रसाद राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय टांडा, लाल बहादुर शास्त्री राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय नेर चैक और नालागढ़ में पर्याप्त बिस्तरों की सुविधाओं के साथ पूर्वनिर्मित ढांचे के कोविड केयर सेंटर स्थापित किए जा रहे हैं।
स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. राजीव सैजल ने कहा कि इस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए सामुदायिक भागीदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस वायरस को रोकने के लिए सरकार के साथ लोगों का सहयोग सुनिश्चित करने के लिए प्रचार-प्रसार की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि लोगों को फेस मास्क का उपयोग, साबुन से हाथ धोना जैसी उचित स्वच्छता आदतें अपनाने और सामाजिक समारोहों में जाने से बचने के लिए जागरूक करने के लिए गैर सरकारी संगठनों को शामिल किया जाना चाहिए।
मुख्य सचिव अनिल खाची ने कहा कि कोविड रोगियों के प्रति मानवीय दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है।
सचिव स्वास्थ्य अमिताभ अवस्थी ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री और अन्य अधिकारियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि विशेष रूप से मंडी और शिमला जिले में कोविड मामलों की बढ़ती संख्या के कारणों का पता लगाने के लिए विशेष जिला योजना तैयार करने की आवश्यकता है।
बैठक में अतिरिक्त मुख्य राजस्व राजस्व आर.डी. धीमान, सचिव देवेश कुमार, निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं डाॅ. बी.बी. कटोच और अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।