एप्पल न्यूज़, अनवर हुसैन नालागढ़
बद्दी स्थित हेल्थ बायोटेक फार्मा कंपनी में तैयार हुए रेमडेसिविर इंजेक्शन के अवैध कारोबार के बाद ड्रग कंट्रोलर ने कंपनी की जांच के आदेश जारी किए है। इसके अलावा पांच अन्य कंपनियां भी इस इंजेक्शन को तैयार कर रही है। वर्तमान में आयात बंद है ऐसे में इन सभी कंपनियों के रिकार्ड चैक किए जाने चाहिए जिससे इंजेक्शन इधर उधर न हो सके। जानकारी के मुताबिक चंडीगढ़ पुलिस ने कोरोना के इलाज में इस्तेमाल होने वाले रेमेडिसविर इंजैक्शन का अवैध सौदा करते हुए पांच लोगों को चंडीगढ़ ऑप्रेशन सैल की टीम ने सैक्टर-17 स्थित होटल से गिरफ्तार कर लिया।
पांचों की निशानदेही पर पुलिस ने बद्दी स्थित हैल्थ बायोटेक कंपनी के डायरैक्टर गौरव चावला को भी जीरकपुर से गिरफ्तार कर लिया है।अन्य पांच आरोपियों की पहचान केरल निवासी अभिषेक पीवी, साऊथ दिल्ली निवासी सुशील कुमार, भोपाल निवासी प्रभात त्यागी, केरल निवासी फिलिप जैकब और के.पी. फ्रांसिस के रूप में हुई। आरोपियों के पास रेमेडिसविर इंजैक्शन को बेचने और खरीदने का कोई लाइसैंस नहीं मिला। ऑप्रेशन सैल ने आरोपियों के खिलाफ सैक्टर-17 पुलिस स्टेशन में विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज करवाया और सभी को जिला अदालत में पेश किया। अदालत ने सभी को 4 दिन के रिमांड पर भेज दिया।
वहीं, ऑप्रेशन सैल की टीम ने हिमाचल के बद्दी स्थित गौरव चावला की हैल्थ बायोटेक फार्मा कंपनी में छापा मारा, जहां से तीन हजार रेमेडिसविर इंजैक्शन बरामद हुए हैं। एक इंजैक्शन पर 4700 रुपए रेट लिखा हुआ था। जांच में पता चला कि इस फार्मा कंपनी के पास रेमेडिसविर इंजैक्शन को डोमेस्टिक तौर पर बेचने की परमिशन नहीं थी इस उद्योग के पास सिर्फ एक्सपोर्ट करने की ही परमिशन थी और केंद्र सरकार द्वारा 11 अप्रैल को इस इंजेक्शन को एक्सपोर्ट करने पर रोक लगा दी गई थी । पुलिस ने फार्मा कंपनी से कागजात जब्त किए हैं। डीएसपी बद्दी नवदीप सिंह ने बताया कि एसपी की निगरानी में एक रेड बद्दी में कंडक्टर की गई थी जिसमें एक फार्मा उद्योग के रोमटेरियल की जांच को लेकर इंस्पेक्ट किया गया था जिसमें ड्रग इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर ने उनके साथ रेड की इस मामले में एक चंडीगढ़ में एफ आई आर दर्ज हुई है जिस के आधार पर बद्दी में भी रेड की गई थी वहीं इस पूरे मामले पर जानकारी देते हुए ड्रग कंट्रोलर नवनीत मरवा ने बताया कि चंडीगढ़ पुलिस ने 17 तारीख को एसपी बद्दी द्वारा उन्हें बद्दी के किसी उद्योग में रेड करने के लिए ड्रग इंस्पेक्टर की मांग की थी जिस पर उनके द्वारा दो ड्रग इंस्पेक्टरों को रेड के लिए भी भेजा गया था रेड के दौरान बद्दी की हेल्थ बायोटेक कंपनी में रेमडेसीविर इंजेक्शन के लगभग 3000 इंजेक्शन जिन पर एमआरपी भी दर्शाया गया था जिसे चंडीगढ़ पुलिस द्वारा सील किया गया हैं इस मामले में चंडीगढ़ पुलिस द्वारा एक एफ आई आर भी दर्ज की गई है इस रेड के बाद से ही उनके द्वारा डिप्टी ड्रग कंट्रोलर की निगरानी में 5 सदस्य टीम का गठन कर दिया गया है और अपने स्तर पर भी इस मामले की जांच की जा रही है और जिन उद्योगों को फिलहाल रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने की परमिशन मिली हुई है उन सभी उद्योगों से भी डाटा मंगवाया जा रहा है फिलहाल केंद्र सरकार ने एक्सपोर्ट पर पूर्णता प्रतिबंध लगा रखा है हिमाचल में सिर्फ चार दवा उद्योगों को डोमेस्टिक तौर पर इंजेक्शन बेचने की अनुमति प्राप्त है इसके अलावा अगर कोई उद्योग गलत तरीके से इस इंजेक्शन को बेचता पाया जाएगा तो उस पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जा सकती है।